कोशिश गोल्ड - मुक्त
बिन 'गांधी' सब सून
DASTAKTIMES
|September 2020
राजनीति और कांग्रेस पर नजदीकी नजर रखने वाले विश्लेशकों का कहना है कि इस दौर से पार पाने के लिए जरूरी है कि नेहरू-गांधी परिवार अब नेतृत्व की कमान किसी और के हाथों में दे दे। जब राहुल गांधी ने 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ा था तो कई दिनों तक कांग्रेस में पार्टी के अंदर चर्चा हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ 23 कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस में नीचे से ऊपर तक परिवर्तन होना चाहिए, वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी को वापस कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की बात भी की गई है। सभी यह चाहते हैं कि यदि गांधी-नेहरू परिवार के बाहर के किसी नेता को पार्टी की कमान सौंपी जाती है तो फिर उस नेता का चुनाव ना हो बल्कि परिवार ही नेता का अध्यक्ष पद पर मनोनयन कर दे। साफ है कि बिना गांधी-नेहरु परिवार के समर्थन के कोई भी नेता कांग्रेस का मुखिया नहीं बन सकता है।
राजनीतिक दल चाहे क्षेत्रीय हो या फिर राष्ट्रीय, जब तक वह सत्ता में रहता है उसे सब हराभरा दिखायी देता है। सत्ताच्युत होने के बाद दल के नेताओं को कभी पार्टी संगठन में खोट नजर आता है तो कभी नीतियों में, यहां तक कि कई बार तो नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। कमोबेश यही स्थिति कांग्रेस की है। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनन
यह कहानी DASTAKTIMES के September 2020 संस्करण से ली गई है।
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