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छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!

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May 2024

नेताओं ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रति इजराइल का यह डर, पूर्व में ईरानी द्वारा खुले तौर पर इजराइल के विनाश की वकालत करने से सच साबित होता है। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2005 में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी ने खुले रूप से घोषणा किया कि इजराइल को 'मानचित्र से मिटा दिया जाना चाहिए।' इस उत्तेजक बयानबाजी ने इजराइली चिंताओं को बढ़ाया है जो ईरान की परमाणु महत्त्वाकांक्षाओं से उत्पन्न कथित खतरे को रेखांकित करता है।

- हरिओम पांडेय

छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!

ईरान पर जब पहलवी राजवंश द्वारा आधी सदी से अधिक समय तक शासन किया गया था, तब ईरानी-इजराइल द्विपक्षीय संबंध शत्रुतापूर्ण नहीं थे। ईरान उन देशों में शामिल था जिसने इजराइल को नए देश के रूप में सबसे पहले मान्यता दिया था। फिलिस्तीनियों ने उस मान्यता को 'नकबा' या 'तबाही' की एक मौन अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति के रूप में आलोचना किया था क्योंकि 1948 में इजराइल के निर्माण ने 700,000 से अधिक फिलिस्तीनियों को जबरन विस्थापित होने के लिए मजबूर किया था। उस समय नए राष्ट्र के रूप में उदित हो रहे इजराइल में भी गैर-अरब देशों के साथ संबंध स्थापित करने में उत्सुकता थी जिसमें ईरान के साथ सैन्य और सुरक्षा सहयोग भी शामिल था। 

बीते 1 अप्रैल को सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हवाई हमले में कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने भी हाल ही में 300 से अधिक मिसाइलों से हमला किया। इजराइल और उसके सहयोगी अमेरिका व ब्रिटेन की तकनीकी सहायता ने इजराइल को अधिक नुकसान तो नहीं होने दिया, लेकिन यह ऐसी पहली घटना थी जब ईरान ने प्रत्यक्ष रूप से इजराइल पर आक्रमण किया है। इस हमले के बाद इजराइल ने ईरान को अंजाम भुगतने की कड़ी चेतावनी जारी किया है। इस हमले के बाद कई देशों ने अपने नागरिकों को ईरान और इजराइल का दौरा न करने की एडवाजरी जारी किया है जिसमें भारत, फ्रांस, रूस और अमेरिका प्रमुख हैं क्योंकि यह तनाव युक्त का रूप ले सकता है। ईरानी नेताओं ने गाजा पट्टी में हो रहे इजराइल के सैन्य अभियान की कड़ी आलोचना की है। जब भी किसी देश या संगठन ने इजराइल पर हमला किया, तो ईरान उसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा करता रहा है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि अतीत में ईरान और इजराइल के बीच सम्बन्ध कैसे रहे हैं ? क्या इजराइल और ईरान के बीच हमेशा से ही तनावपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं ? और अगर ऐसा नहीं है तो वह कौन सी घटना थी जिसने दोनों देशों को एक दूसरे का शत्रु बना दिया था ?

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अमेरिकी एच-1बी वीज़ा का खेल

एच-1बी वीज़ा की फीस करीब 50 गुना बढ़ाकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया दांव खेला है। इस एक फैसले ने लाखों भारतीय युवा प्रोफेशनलों के भविष्य में अमेरिका जाने की राह में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अमेरिका को एक सर्वशक्तिमान देश बनाने में इन अप्रवासी प्रोफेशनलों की बड़ी भूमिका रही है। इस फैसले से सिलिकॉन वैली की कंपनियों और भारतीय प्रतिभाओं पर क्या असर पड़ेगा? क्या फीस बढ़ाकर अमेरिका ने अपने पांव पर कुल्हाड़ी दे मारी है ? इसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा? अमेरिका के लोकप्रिय एच-1बी वीज़ा पर दस्तक टाइम्स के संपादक दयाशंकर शुक्ल सागर की रिपोर्ट।

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October 2025

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अब जनजाति पहचान की जंग

कुड़मी समाज, आदिवासी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर है जबकि इस मांग के खिलाफ तमाम आदिवासी संगठन एकजुट हो गए हैं

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October 2025

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जेन ज़ी क्रांति के बाद नेपाल

नेपाल में जेन जी की क्रांति से तख्तापलट हुए एक महीना बीत चुका है लेकिन लोगों के मन में बहुत सारे सवाल है जैसे अचानक हुए इन विरोध प्रदर्शनों का कारण क्या था? नेपाल की युवा पीढ़ी आखिर इतनी नाराज़ क्यों हो गई? अब वहां कैसे हालात है? इस घटनाक्रम के बाद पड़ोसी देश भारत के साथ नेपाल के रिश्ते कैसे होंगे? इन सभी सवालों पर 'दस्तक टाइम्स' के संपादक दयाशंकर शुक्ल सागर की एक रिपोर्ट।

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October 2025

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कौन होगा सीएम, सब हैं खामोश!

एनडीए और महागठबंधन में तनाव और चुनौतियां

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October 2025

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कंगारुओं के देश के टीम इंडिया

अक्टूबर में कंगारूओं के देश में क्रिकेट का एक महा मुकाबला होने जा रहा है। भारत के दो धुरंधर खिलाड़ियों की यह विदाई सीरीज़ है। ऑस्ट्रेलिया इस सीरीज़ को एक मेगा इवेंट में बदलने जा रही है। टीम इंडिया का यह दौरा क्यों अहम है, बता रहे हैं युवा खेल समीक्षक अधृत पांडेय।

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October 2025

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प्रकृति का रास्ता रोकने की सजा

जाते-जाते भी मानसून उत्तराखंड पर कहर बन कर टूटा। देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिसमें दुकानें बह गईं और कई लोग लापता हो गए। इस बार ऐसा क्या हुआ कि उत्तराखंड में जगह-जगह आई प्राकृतिक आपदाओं से इतना ज्यादा जान-माल का नुकसान हुआ? क्या ये प्रकृति से छेड़छाड़ की सजा है? इन सब सवालों का जवाब तलाशती देहरादून से गोपाल सिंह पोखरिया की रिपोर्ट

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October 2025

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एकतरफा इतिहास का सच

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उदास कर गया जुबिन का यूं चले जाना

देहरादून में जन्मे लोकप्रिय लोक गायक जुबिन गर्ग का एक हादसे में यूं चले जाना न केवल पूर्वोत्तर राज्य असम नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बहुत तकलीफदेह घटना है। असम आज भी रो रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अवंतिका की रिपोर्ट।

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October 2025

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सीएम धामी ने जीता युवाओं का दिल

आंदोलनकारी छात्रों के बीच पहुंच विपक्ष को किया चित सीबीआई जांच की सिफारिश

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October 2025

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कौन भड़का रहा है युवाओं को?

नेपाल में हुई जेन-ज़ी क्रांति की तर्ज पर देश के कई राज्यों जैसे लद्दाख, उत्तराखंड और यूपी में अराजकता फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, आखिर इसके पीछे कौन है?

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October 2025

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