3 लाख करोड़ के कर्ज में डूबे प्रदेश की एक तस्वीर यह भी
इस समय सावन का महीना चल रहा है और हर तरफ जय शिव की गूंज हो रही है। इस गूंज के बीच में प्रदेश की शिवराज सरकार की गूंज के स्वर भी सुनाई देते हैं। जो ताजा जानकारी निकल कर सामने आई है. उसके अनुसार शिवराज सरकार ने पिछले 10 माह में अपने प्रचार पर 120 करोड़ की राशि खर्च की है, जो प्रदेश 3 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डूबा है, उसमें यह अजूबा हो रहा है।
देश के मीडिया की भूमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमणा का हालिया बयान चर्चा में है। उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र को दो कदम पीछे ले जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मीडिया संस्थान संचालकों के मीडिया के साथ-साथ कई दूसरे भी बिजनेस हाउस भी होते हैं। मीडिया संस्थान उनके बिजनेस हाउस के लिए एक शेल्टर की तरह काम करते हैं। दूसरी वजह मीडिया संस्थानों को सरकारों की तरफ से मिलने वाली आर्थिक मदद भी हो सकती है। अपनी इमेज ब्राडिंग के लिए सरकार मीडिया संस्थानों को करोड़ों रुपए विज्ञापन के तौर पर देती है और इस अहसान तले मीडिया इतना दब जाता है कि सच को सच और गलत को गलत कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।
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