दूसरा संयोग भी उतना ही बड़ा है कि भजन लाल शर्मा बीते तीन दशक में हरिदेव जोशी के बाद राजस्थान के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने हैं। संयोगों के संयोग से मिली यह ताकत ही है जिसके बल पर शर्मा ने मुख्यमंत्री बनते ही पिछली सरकार में बनाए गए डेढ़ सरकारी आयोगों और बोर्डों को एक झटके में खत्म कर दिया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बनाया सामाजिक कल्याण बोर्ड भी था। यह बात दीगर है कि चुनाव से पहले भाजपा द्वारा जारी जिस संकल्प पत्र के सहारे इस सरकार को चलाने का दम भरा जा रहा है, सामाजिक कल्याण उसका एक अहम घटक है। भाजपा का सामाजिक कल्याण कांग्रेस के सामाजिक कल्याण से अलग कैसे होगा, यह साबित करना भजन लाल शर्मा के लिए अपनी जनता के लिए बड़ी चुनौती होगी, जो कांग्रेस की कल्याणकारी गारंटियों के सहारे जीने की आदी हो चुकी है।
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