एक बार सुपरस्टार सलमान खान ने सचिन तेंडुलकर से सवाल पूछा कि उनके मुताबिक कौन उनके कीर्तिमानों को ध्वस्त कर सकता है। जवाब में सचिन ने विराट कोहली और रोहित शर्मा का नाम लिया था। इस घटना के कुछ वर्षों बाद क्रिकेट विश्व कप 2023 सेमीफाइनल मुकाबले में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट कोहली ने पचासवां शतक लगाकर तेंडुलकर के एकदिवसीय मैचों में सर्वाधिक शतकों का रिकॉर्ड जब तोड़ा, तब स्टैंड में खड़े सचिन ताली बजाकर वाह-वाह कर रहे थे। बेशक, यह विराट के समर्पण, अनुशासन और जुनून का ही नतीजा था। क्रिकेट विश्व कप 2011 जीतने के बाद तेंडुलकर को अपने कंधे पर वानखेड़े मैदान की परिक्रमा करवाने वाले विराट सही मायने में सचिन के उत्तराधिकारी बनकर उभरे। इत्तेफाक यह भी है कि 2003 में सचिन के एक विश्व कप में बनाए सर्वाधिक रनों के रिकॉर्ड को विराट ने 2023 में तोड़ा, लेकिन दोनों ही ऑस्ट्रेलिया से पार नहीं पा सके। भारतीय टीम उप-विजेता ही बनी।
दिल्ली के वकील, प्रेम कोहली के घर 5 नवंबर 1988 को जन्मे विराट का तीन वर्ष की उम्र से ही क्रिकेट के प्रति रुझान दिखने लगा था। पिता की पारखी नजर ने विराट की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया। विराट के द्रोणाचार्य बने क्रिकेट कोच राजकुमार शर्मा। कुछ ही हफ्तों के अनुशासन और समर्पण ने राजकुमार शर्मा में यह विश्वास पैदा कर दिया कि विराट ही उनके अर्जुन बनेंगे। विराट शानदार प्रदर्शन के दम पर पहले अंडर 15 और फिर अंडर 19 टीम में शामिल हुए। क्रिकेट के चलते विराट की पढ़ाई अधूरी रह गई, लेकिन पिता ने कभी नाराजगी या चिंता नहीं जाहिर की। उन्हें भरोसा था कि विराट क्रिकेट में सफल रहेगा।
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