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महाकुंभ ने दिया दुनिया का सबसे बड़ा बाजार
DASTAKTIMES
|March 2025
पैंतालिस दिन और हर रोज करोड़ों की भीड़ यानी करोड़ों ग्राहक। महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया। प्रयागराज, काशी और अयोध्या की त्रिवेणी में अमृत वर्षा के साथ खूब धन वर्षा हुई। लाखो लोगों को रोजगार मिला और करोड़ों-अरबों का कारोबार हुआ।
 
 विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ ने व्यापार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। टूर एंड ट्रैवल, होटल और होम स्टे कारोबार, लाखों फुटकर दुकानें, टैक्सी, रेलवे और हवाई सेवा, खान-पान के रेस्टोरेंट और भोजनालय, सबने लाखों-करोड़ों का कारोबार किया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की मानें तो इस बार के महाकुंभ ने तीन लाख करोड़ रुपये यानी 360 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का व्यापार किया, जिससे यह भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बन गया। सीएआईटी के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह आयोजन आस्था और अर्थव्यवस्था के गहरे संबंध को दर्शाता है। ये शुरुआती आंकड़े हैं। कुल कारोबार का आकलन किया जा रहा है।
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि महाकुंभ से राज्य की अर्थव्यवस्था को तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि में मदद मिलेगी। सीएम योगी ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कहा कि राज्य एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। वैसे शुरू में अर्थशास्त्री इस बात को लेकर सशंकित थे कि सरकार ने करोड़ों रुपये इस आयोजन पर खर्च किए हैं और इससे लाखों करोड़ कमाने का जो सपना देख रही है, वो बिखर जायेगा। अर्थशास्त्र के प्रोफेसर सुनील कुमार सिन्हा, जो पहले फिच ग्रुप कंपनी के इंडिया रेटिंग्स में प्रधान अर्थशास्त्री रहे हैं, का कहना था कि 'कुंभ में आने वाले अधिकांश श्रद्धालु समूहों में यात्रा करते हैं और समाज के निचले तबके से आते हैं तथा उनके पास स्वयं पर खर्च करने के लिए 58 डॉलर भी नहीं होते हैं।'

Esta historia es de la edición March 2025 de DASTAKTIMES.
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