अपने ही बौयफ्रेंड की हत्या की साजिश में गिरफ्तार 27 वर्षीया दिव्या पाहुजा बीते की मां और बहन 6 महीने से खुश थीं, क्योंकि उसे मुंबई हाईकोर्ट से जून 2023 को जमानत मिल गई थी. हाईकोर्ट द्वारा उस पर 7 साल पहले एक फरजी एनकाउंटर के सिलसिले में लगी साजिश का आरोप खारिज हो चुका था.
अपनी सुंदरता और ग्लैमर पर नाज करने वाली दिव्या भी नए सिरे से अपने मौडलिंग के करिअर को फिर से संवारनेसहेजने में जुट गई थी. इस के लिए दिल्ली एनसीआर में ही नए संपर्क बनाने शुरू कर दिए थे. वह गुरुग्राम के बलदेव नगर में स्थित अपने पैतृक घर में रहते हुए जिंदगी को नया आयाम और नई पहचान देना चाहती थी.
इसी सिलसिले में पहले से परिचित अभिषेक सिंह से उस की नजदीकियां बढ़ गईं. वह गुरुग्राम में ही होटल सिटी पौइंट का मालिक था. कुछ दिन से दिव्या होटल के कमरे में ही रह रही थी. बताते हैं कि वह अभिजीत के साथ लिवइन रिलेशन में थी.
वैसे वह अपनी मां और बहन नैना के संपर्क में रहती थी. उन से लाइव लोकेशन के जरिए जुड़ी रहती थी. उन से हर दिन फोन पर बातें कर लेती थी और उन का हालसमाचार पूछ लेती थी. उन्हें अपनी योजना, कामकाज आदि के बारे में भी बताती रहती थी.
बात 2 जनवरी, 2024 की है. उस रोज भी हमेशा की तरह सुबहसुबह दिव्या की नैना से बात हुई. वह मौर्निंग वाक से होटल के कमरे पर लौट आई थी.
उस की बातों से नैना ने महसूस किया कि वह कुछ बताना चाहती है, लेकिन खुल कर बोल नहीं पा रही थी. हालांकि इसे नैना ने ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन दिव्या ने सिर्फ इतना भर कहा कि वह बाद में बात करेगी.
करीब 3 घंटे बाद नैना ने ही दिव्या को फोन मिलाया. उस से बातें कीं. सुबह उस की उखड़ीउखड़ी बात करने के बारे में पूछा. इस पर दिव्या कुछ अधिक नहीं बता पाई, सिर्फ इतना भर कहा उस ने अपने करिअर पर फोकस कर लिया है.
वह कैसे होगा? इस बारे में मिल कर बाद में बताने की बात बोली. दोपहर 12 बजे तक दिव्या की अपने परिजनों से कई बार बातें होती रहीं, लेकिन उस वक्त तक उस के घर वालों को यही लगता रहा कि दिव्या कुछ खास बात बताना चाह रही हो, लेकिन बता नहीं पा रही थी.
Esta historia es de la edición February 2024 de Manohar Kahaniyan.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición February 2024 de Manohar Kahaniyan.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
राजा की मोहब्बत का साइड इफेक्ट
इंदौर के राजा तुकोजीराव होल्कर ने नर्तकी मुमताज से विवाह जरूर कर लिया था, लेकिन मुमताज उन्हें छोड़ कर चली गई और मुंबई के व्यवसाई अब्दुल कादिर बावला के साथ रहने लगी. इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि कादिर बावला का मर्डर हो गया और राजा होल्कर को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा?
अपनी मौत की खूनी स्क्रिप्ट
विक्रांत वर्मा ने खुद को मरा दिखाने के लिए एक अनजान व्यक्ति को छक कर शराब पिलाई. फिर अपने बकरी फार्म में उसे जिंदा जला दिया. ताज्जुब की बात यह कि रमेश वर्मा ने भी उस लाश की शिनाख्त अपने बेटे विक्रांत वर्मा के रूप में कर ली. आखिर विक्रांत ने क्यों लिखी अपनी ही मौत की यह खूनी स्क्रिप्ट?
राघव मगुंटा रेड्डी को मिला वफादारी का इनाम
शराब किंग के नाम से मशहूर सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी का बेटा राघव मगुंटा रेड्डी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी था. ईडी ने उसे अपने शिकंजे में ले लिया था. फिर ईडी की जांच के दौरान ही ऐसा क्या हुआ कि राघव इस मामले कि राघव इस मामले में खलनायक से नायक बन गया?
एसआई भरती घोटाला वरदी उतरी, रौब गया मिली जेल
टीचर भरती में धांधली के बाद राजस्थान में फरजीवाड़ा कर नौकरी कर रहे थानेदारों की धड़ाधड़ गिरफ्तारी से तब हड़कंप मच गया, जब 10 साल बाद उन की परीक्षा के पेपर लीक की पोल खुली. 3 दरजन से अधिक थानेदारों की वरदी उतर गई, जेल हुई और 300 से अधिक जांच एजेंसी के रडार पर आ गए. आप भी जानें कि आखिर कैसे चला यह गोरखधंधा?
खलनायक से नायक बना विजय नायर
विजय नायर का आम आदमी पार्टी से गहरा लगाव रहा है. वह पार्टी के लिए फंड की व्यवस्था करता था. कथित शराब घोटाले में उस का नाम खलनायक के रूप में उभरा तो सभी चौंक गए. तभी ईडी ने उसे कौन सी घुट्टी पिलाई कि वह खलनायक से नायक बन गया.
ईडी और सीबीआई के निशाने पर विपक्ष ही क्यों
केंद्रीय जांच एजेंसियों को 'पिंजरे का तोता' बना कर रखने के आरोप पूर्व सरकार पर लगते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने तो इन एजेंसियों को अपना सियासी हित साधने का जरिया ही बना लिया है.. ताज्जुब की बात यह है कि विपक्षी पार्टियों के दागदार नेता बीजेपी की वाशिंग मशीन में जाते ही पाकसाफ हो रहे हैं. आखिर कैसे?
चंदे का धंधा 'इलेक्टोरल बौंड' क्यों फैला यह वायरस
केंद्र सरकार ने चुनावी फंड इकट्ठा करने के लिए इलेक्टोरल बौंड नाम का वायरस पैदा किया. इस का सब से ज्यादा फायदा बीजेपी को ही हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस वायरस पर ऐसा हथौड़ा चलाया कि....
साइबर ठगी का नया तरीका औनलाइन अरेस्टिंग
साइबर ठगों ने अब नए तरीके से उच्चशिक्षित लोगों को ठगना शुरू कर दिया है. वह पहले एक योजना के तहत शिकार को औनलाइन अरेस्ट कर लेते हैं. इस के बाद शिकार खुद ठगों के खातों में लाखों रुपए बड़ी आसानी से ट्रांसफर कर देता है. आप भी जानें कि क्या है औनलाइन अरेस्टिंग और इस से कैसे बचा जा सकता है?
सैंटियागो मार्टिन दिहाड़ी मजदूर से कैसे बना लौटरी किंग
सोशल मीडिया पर आजकल एक नाम बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है और वह है लौटरी किंग सैंटियागो मार्टिन का. सब से अधिक चुनावी बौंड खरीदने वाला एक दिहाड़ी मजदूर मार्टिन आखिर कैसे बना लौटरी किंग?
दिल्ली शराब घोटाला पलटते गवाहों के दम पर गिरफ्तारियां क्यों
पिछले सवा साल से भाजपा दिल्ली शराब घोटाले का राग अलाप रही है. सीबीआई और ईडी भी इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं, लेकिन वह अभी तक यह पता नहीं लगा पाई हैं कि घोटाला कितने रुपए का हुआ और घोटाले का पैसा किस खाते से आया, किस खाते में गया. गिरगिट की तरह रंग बदलते गवाहों के बयानों पर आखिर क्यों हो रही हैं धड़ाधड़ गिरफ्तारियां?