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गेहूं फसल की सिंचाई कब और कैसे करें?

Modern Kheti - Hindi

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15th February 2025

भारत में गेहूं की फसल शरद ऋतु में उगाई जाती है जो कि लगभग 130 दिन का फसल चक्र पूरा करती है। असिंचित क्षेत्रों में गेहूं की फसलावधि मध्य अक्टूबर से मार्च माह के बीच होती है और सिंचित क्षेत्रों में यह अवधि मध्य नवम्बर से मार्च से अप्रैल के बीच होती है। भारत में गेहूं की फसल मुख्य रुप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्यों में होती है।

गेहूं फसल की सिंचाई कब और कैसे करें?

उत्तर भारत के राज्यों में गेहूं एक सिंचित फसल के रुप में उगाई जाती है, जबकि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के ज्यादातर क्षेत्रों में गेहूं वर्षा द्वारा सिंचित फसलों में सम्मिलित है। कुल उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत गेहूं केवल तीन राज्य उत्तरप्रदेश, पंजाब और हरियाणा से ही प्राप्त होता है। देश भर में फसलों की सिंचाई के लिए सतही जल स्रोतों का अभाव होता चला जा रहा है जिसके फलस्वरुप कृषि सिंचाई के लिए भूजल ही एकमात्र उपलब्ध संसाधन है।

पिछले कुछ दशकों से भूजल के अधिक उपयोग के कारण और पर्याप्त मात्रा में वर्षा न होने के कारण, भूजल के स्तर में निरन्तर गिरावट होती जा रही है। भूजल के स्तर में यह गिरावट गेहूं के सिंचित बुआई क्षेत्र मुख्य तौर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश राज्यों में भी दर्ज की गई है। ऐसी स्थिति में किसान भाईयों को अपने भविष्य के बारे में सोचना होगा और पानी की बचत के तरीके खोजने होंगे, जिससे आपकी पैदावार भी बढ़े और पानी की भी बचत हो। इसी संबंध में ये लेख किसान बन्धुओं को समर्पित है कि गेहूं की सिंचाई कैसे करें, जिसे आप गेहूं की फसल से उन्नत पैदावार प्राप्त कर सकें।

गेहूं की फसल में सिंचाई विश्वसनीय सिंचाई की दशा में-

1. आमतौर पर बौने गेहूं अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए हल्की भूमि में गेहूं की सिंचाई निम्न अवस्थाओं में करनी चाहिए। इन अवस्थाओं पर जल की कमी का उपज पर भारी कुप्रभाव पड़ता है, परन्तु गेहूं की सिंचाई हल्की करें।

पहली सिंचाई - क्राउन रुट- बुआई के 20 से 25 दिन बाद (ताजमूल अवस्था)

दूसरी सिंचाई - बुआई के 40 से 45 दिन पर (कल्ले निकलते समय)

तीसरी सिंचाई - बुआई के 60 से 65 दिन पर (दीर्घ सन्धि अथवा गांठें बनते समय)

चौथी सिचाई - बुआई के 80 से 85 दिनों पर (पुष्पावस्था)

पांचवी सिंचाई - बुआई के 100 से 105 दिनों पर (दुग्धावस्था)

छठी सिंचाई - बुआई के 115 से 120 दिनों पर (दाना भरते समय)

2. दोमट या भारी दोमट भूमि में निम्न चार सिंचाईयां करके भी अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है, परन्तु प्रत्येक सिंचाई कुछ गहरी 8 सेंटीमीटर करें।

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