कुम्भ पर्व हरिद्वार
Jyotish Sagar|January 2021
इस वर्ष अप्रैल-मई माह में बृहस्पति कुम्भ राशि में तथा सूर्य मेष राशि में रहेंगे, फलतः हरिद्वार में कुम्भ महापर्व का आयोजन होगा।
कुम्भ पर्व हरिद्वार

इस महापर्व के तीन प्रमुख शाही स्नान होंगे, जिनकी तिथियाँ निम्नलिखित हैं :

1.प्रथम शाही स्नान: महाशिवरात्रि (फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी, गुरुवार) (दिनांक मार्च, 2021)

2. द्वितीय शाही स्नान: सोमवती अमावस्या (चैत्र कृष्ण अमावस्या, सोमवार) (दिनांक : 12 अप्रैल, 2021)

3. तृतीय शाही स्नान : मेष संक्रान्ति पुण्यकाल (चैत्र शुक्ल द्वितीया, बुधवार) (दिनांक अप्रैल, 2021)

Esta historia es de la edición January 2021 de Jyotish Sagar.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición January 2021 de Jyotish Sagar.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 8500 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE JYOTISH SAGARVer todo
एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
Jyotish Sagar

एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

व्रत और उपवास भारतीय जनमानस में गहरे गुँथे हुए शब्द हैं। 'व्रत' का अर्थ होता है, 'संकल्प हैं। लेना' अर्थात् अपने मन और शरीर की आवश्यकताओं को नियंत्रित करते हुए स्वयं को संयमित करना।

time-read
7 minutos  |
June 2024
पवित्र दिवस है गंगा-दशहरा
Jyotish Sagar

पवित्र दिवस है गंगा-दशहरा

गंगा दशमी न केवल पूजा-पाठ और अध्यात्म तक सीमित रहना चाहिए वरन् इसके साथ-साथ हमें गंगा नदी के संरक्षण और गंगा जल जैसे पक्षों पर शोध की दिशा में भी आगे बढ़ना चाहिए।

time-read
2 minutos  |
June 2024
मनोचिकित्सा से आरोग्य लाभ
Jyotish Sagar

मनोचिकित्सा से आरोग्य लाभ

आरोग्य की दृष्टि से शारीरिक रोगों के साथ-साथ मानसिक व्याधियों की भी मुख्य भूमिका रहती है।

time-read
3 minutos  |
June 2024
हनुमान् 'जयन्ती' या 'जन्मोत्सव'?
Jyotish Sagar

हनुमान् 'जयन्ती' या 'जन्मोत्सव'?

मूल रूप से 'जयन्ती' शब्द ' जन्मदिवस' या 'जन्मोत्सव' के रूप में प्रयुक्त नहीं होता था, परन्तु श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के एक भेद के रूप में कृष्ण जयन्ती से चलते हुए यह शब्द अन्य देवी-देवताओं के जन्मतिथि के सन्दर्भ में भी प्रयुक्त होने लगा।

time-read
3 minutos  |
June 2024
पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और नवनिर्मित कोरीडोर-टर्मिनल
Jyotish Sagar

पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और नवनिर्मित कोरीडोर-टर्मिनल

आखिर ऐसा क्या है कि इतना प्रसिद्ध तीर्थस्थल होने के बाद भी गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में जाने वाले दर्शनार्थियों की संख्या जैसी उम्मीद की गई थी, उसकी तुलना में हमेशा ही बहुत कम रहती है।

time-read
3 minutos  |
June 2024
शनि साढ़ेसाती और मनुष्य के जीवन पर प्रभाव
Jyotish Sagar

शनि साढ़ेसाती और मनुष्य के जीवन पर प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र अति प्राचीन काल से जाना जाता है। सिद्धान्त, संहिता तथा होरा नामक तीन स्कन्धों से युक्त इसे 'वेदों का नेत्र' कहा गया है। वैसे तो वेद के दो नेत्र होते हैंस्मृति और ज्योतिष।

time-read
6 minutos  |
June 2024
गोचराष्टक वर्ग से शनि के गोचर का अध्ययन
Jyotish Sagar

गोचराष्टक वर्ग से शनि के गोचर का अध्ययन

यदि ग्रह गोचराष्टक वर्ग में 4 या अधिक रेखाओं वाली राशि पर गोचर कर रहा है, तो जिन-जिन कक्षाओं में उस राशि को शुभ रेखाएँ प्राप्त हुई हैं, उन कक्षाओं के स्वामी ग्रह के जन्मपत्रिका में भावों और नैसर्गिक कारकत्वों से सम्बन्धित शुभफलों की प्राप्ति होती है।

time-read
7 minutos  |
June 2024
सप्तर्षि और सप्तर्षि मण्डल
Jyotish Sagar

सप्तर्षि और सप्तर्षि मण्डल

प्रत्येक मनु के काल को मन्वन्तर कहा जाता है। प्रत्येक मन्वन्तर में देवता, इन्द्र, सप्तर्षि और मनु पुत्र भिन्न-भिन्न होते हैं। जैसे ही मन्वन्तर बदलता है, तो मनु भी बदल जाते हैं और उनके साथ ही सप्तर्षि, देवता, इन्द्र आदि भी बदल जाते हैं।

time-read
4 minutos  |
June 2024
अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ
Jyotish Sagar

अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ

विधानानुसार नृसिंहावतार मानव एवं पशु रूप धारण किए, शीश पर मुकुट, बड़े नाखून, अपनी जानू पर स्नेह के साथ प्रह्लाद को बिठाए हुए है। बालक प्रह्लाद आँखें मूँदे, करबद्ध विनम्र भाव से स्तुति करते प्रतीत हो रहे हैं।

time-read
2 minutos  |
May 2024
सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ
Jyotish Sagar

सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ

सूर्य नमस्कार की विशेष बात यह है कि इसका प्रत्येक अगले आसन के लिए प्रेरित करता है। इस क्रम में लगातार 12 आसन होते हैं। इन आसनों में श्वास को पूरी तरह भीतर लेने और बाहर निकालने पर बल दिया जाता है।

time-read
2 minutos  |
May 2024