DASTAKTIMES - March-2020Add to Favorites

DASTAKTIMES - March-2020Add to Favorites

Obtén acceso ilimitado con Magzter ORO

Lea DASTAKTIMES junto con 8,500 y otras revistas y periódicos con solo una suscripción   Ver catálogo

1 mes $9.99

1 año$99.99

$8/mes

(OR)

Suscríbete solo a DASTAKTIMES

1 año$11.88 $6.99

Guardar 41% International Workers Day!. ends on May 3, 2024

comprar esta edición $0.99

Regalar DASTAKTIMES

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digital Subscription
Instant Access

Verified Secure Payment

Seguro verificado
Pago

En este asunto

Dastak Times March-2020

योगी का राजधर्म

मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के राजनीति के कई मिथ तोड़े हैं। चाहे वह नोएडा की धरती पर किसी भी मुख्यमंत्री के जाने का भय हो या प्रशासनिक प्रणाली में फेरबदल। या फिर कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की दृष्टि से लखनऊ और नोएडा को पुलिस कमिश्नर प्रणाली देने की बात हो। बात किसान की हो या भ्रष्टाचार निवारण व शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मुद्दों पर तमाम आलोचनाओं की परवाह किये बगैर योगी ने अपने राजधर्म का ईमानदारी से पालन किया है और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में अपनी स्पष्ट और ईमानदार शैली को दर्ज कराया है।

योगी का राजधर्म

1 min

संसार आनंद का क्षेत्र है

राष्ट्र की रक्षा राजा या शासक का कर्तव्य है। अरस्तू प्लेटो ने दार्शनिक और ज्ञानवान राजा को श्रेष्ठ बताया है। अथर्ववेद में यह धारणा प्राचीन यूनानी दर्शन के पहले से ही है।अथर्ववेद में ब्रह्मचर्य के साथ तपशक्ति को भी राष्ट्र रक्षा का तत्व बताया गया है। कहते हैं, ऐसा ही शासक विराट को वश में करने वाला नियंता इन्द्र बनता है। (वही 16) इन्द्र वैदिक काल के निराले देवता हैं। वे राजा भी हैं। इन्द्र जैसा राजा होने के लिए भी ब्रह्मचर्या की अनिवार्यता है। इन्द्र को ही क्यों आधुनिक काल के शासकों के लिए भी अथर्ववेद की ब्रह्मचर्य धारणा बहुत उपयोगी है। ब्रह्मचर्य अस्तित्व की ही उपासना है।

संसार आनंद का क्षेत्र है

1 min

केजरीवाल की हैट्रिक

दिल्ली चुनाव नजदीक आते-आते नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए का मुददा जोर पकड चुका था हालांकि केन्द्र में सत्तारूढ भाजपा ने इस मुद्दे को दिल्ली से पहले झारखण्ड में भी कैश कराने का प्रयास किया था लेकिन वहां भी स्थानीय मुद्दे भाजपा के राष्ट्रवाद पर भारी पड़ गए। बात यदि दिल्ली कि हो तो यहां भी सीएए पर जामियां और शाहीनबाग में रोज नया बखेड़ा हुआ। शाहीनबाग में तो लगातार धरना प्रदर्शन महीनों से जारी है। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों ने शाहीनबाग बनाम राष्ट्रवाद का दांव खेला और पूरे चुनाव को सीधे-सीधे दो हिस्सों में बांटने का प्रयास किया। दिल्ली के चुनाव परिणामों से एक बात तो साफ हो गई कि भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों से चूक हुई। बीजेपी ने चुनाव में पूरी ताकत लगाई। लेकिन दिल्ली की जनता ने बीजपी को सत्ता देने के बजाय केजरीवाल को ही अपना नेता चुना।

केजरीवाल की हैट्रिक

1 min

भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर

बजट 2020-21 में कृषि, ग्रामीण विकास, सिंचाई और सम्बद्ध कार्यों पर 2.83 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाने का निर्णय लिया गया है क्योंकि किसान और ग्रामीण गरीबों पर सरकार मुख्य रूप से ध्यान देना जारी रखेगी। वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6.11 करोड़ किसानों का बीमा करके उनके जीवन में उजाला कर चुकी है। प्रधानमंत्री- किसान योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को केसीसी योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर

1 min

मोदी के सपनों को पंख लगायेंगे योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चौथे बजट में मूलभूत ढांचे पर निवेश को बढ़ावा देने की मंशा से उ.प्र. को आर्थिक समृद्धि और विकास के रास्ते पर ले जाने का संकल्प दोहराया। युवाओं, महिलाओं और किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए इस बजट को लोकलुभावन बनाने का प्रयास किया। पांच लाख 12 हजार 860 करोड़ रुपये के बजट को अब तक का सबसे बड़ा बजट माना जा रहा है। जो कि पिछले बजट की तुलना में 33 हजार 159 करोड़ अधिक है। इसमें नयी योजनाओं के लिए दस हजार 967 करोड़ रुपये शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2020-2021 में पांच लाख 558.53 आमदनी की तुलना में अनुमानित खर्च पांच लाख 12 हजार 860.72 करोड़ है। जो कि 12 हजार 302 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। अनुमानित वित्तीय घाटा 53 हजार 195.46 करोड़ आंका गया है। जो कि जीडीपी का 2.97 फीसदी होने के कारण बहुत अधिक नहीं है। अनुमानित ऋण को भी बहुत अधिक नहीं कहा जा सकता, जिसे जीडीपी का 28.8 फीसदी कहा जा रहा है। मूलभूत ढांचे पर अधिक जोर दिये जाने के कारण यह बजट और अधिक लोकलुभावन हो गया है।

मोदी के सपनों को पंख लगायेंगे योगी

1 min

यूपी के हथियार करेंगे देश की सुरक्षा

उत्तर प्रदेश की राजधानी एवं नवाबों की नगरी लखनऊ की सरजमीं पर पहली बार आयोजित हुआ अब तक का सबसे बड़ा एवं डिफेंस एक्सपो का 11वां संस्करण कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। इस दौरान रक्षा क्षेत्र की विभिन्न कम्पनियों तथा सार्वजनिक संस्थाओं के बीच हुए समझौतों और आयोजन स्थल के दायरे के मामले में अब तक का सबसे बड़ा एक्सपो साबित हुआ है। इस दौरान देश में पहली बार किसी एक्सपो में 200 से ज्यादा एमओयू और अन्य समझौते हुए। इस बीच यह गौरतलब है कि भविष्य में डिफेन्स एक्सपो के अन्य आयोजकों के लिए इस आंकड़े को छूना बहुत बड़ी चुनौती होगी।

यूपी के हथियार करेंगे देश की सुरक्षा

1 min

राष्ट्रीयकरण बनाम ध्रुवीकरण

मुस्लिम तुष्टिकरण को अगर हम समझने का प्रयास करें तो यह एक खास किस्म की राजनीति है जहां राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों को शिक्षा, आर्थिक सशक्तीकरण, चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट एवं मुस्लिम त्योहारों पर छुट्टी देने आदि का आश्वासन देकर वोट बैंक की राजनीति करती आई है। भारतीय राजनीति में इसके कई उदाहरण मिलेंगे जिसमें शाहबानो प्रकरण में मुस्लिम वोटों को गंवाने के डर से कांग्रेस सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के निर्णय को बदले जाने से लेकर राजीव गांधी द्वारा सलमान रुश्दी की 'सेटेनिक वर्सेस' पर प्रतिबंध लगाये जाना एवं वीपी सिंह द्वारा पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिन पर राष्ट्रीय छुट्टी घोषित कर देना और समान नागरिक संहिता कानून को अमली जामा पहनाने से परहेज करके तुष्ट किया गया था।

राष्ट्रीयकरण बनाम ध्रुवीकरण

1 min

बढ़ेगी परमाणु हथियारों की होड़

परमाणु हथियारों और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर लम्बे समय से गम्भीर मतभेद बने हुए हैं। पिछले एक दशक में हथियार नियंत्रण को लेकर स्थिति काफी भयावह हुई है, जिससे वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ा है। कई देशों ने इस बीच हथियारों का जखीरा बना लिया है। इसके साथ यह भी सच है कि परमाणु हथियारों की संख्या में गिरावट आ रही है, लेकिन अमेरिका के आईएनएफ संधि से पीछे हटने और नई मिसाइलें तैनात करने से दो चीजें हो सकती हैं- पहला, हिंद- प्रशांत क्षेत्र को परमाणु हथियारों का निशाना बनता देख उसे रणक्षेत्र में बदलने से रोकने के लिए रूस और चीन नए परमाणु निःशस्त्रीकरण के लिए तैयार हो जाएं, ठीक वैसे ही। जैसे 1980 के दशक की शुरुआत में यूरोप में परमाणु मिसाइलों की तैनाती के कारण मॉस्को । आईएनएफ संधि के लिए राजी हो गया था।

बढ़ेगी परमाणु हथियारों की होड़

1 min

Leer todas las historias de DASTAKTIMES

DASTAKTIMES Magazine Description:

EditorDASTAK TIMES

CategoríaNews

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

Latest Hindi news and political reviews.

  • cancel anytimeCancela en cualquier momento [ Mis compromisos ]
  • digital onlySolo digital
MAGZTER EN LA PRENSA:Ver todo