अक्सर शादी के पहले साल सभी का मन करता है कि वो अपने जीवनसाथी के साथ कहीं दूर निकल जाए जहां उन्हें कोई ढूंढने वाला न हो। ये कोई फिल्मी बात नहीं, ऐसा हकीकत में भी हो सकता है। आप चाहें तो 2 दिन की छुट्टी लेकर अपने शहर के आसपास किसी अच्छे से फार्महाउस में सुकून के पल बिता सकते हैं।
कई जगहों पर शादी के बाद इतनी रस्में होती हैं कि हनीमून के लिए समय ही नहीं बचता है। सारी छुट्टियां उन रस्मों को निभाने में निकल जाती है। यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही मामला है तो क्यों नहीं आप 2 दिन की छुट्टी लेकर अपने शहर के आसपास किसी फार्महाउस में घूमने चले जाएं। यहां कुछ ऐसे फार्महाउस और रेसॉर्ट लेकर रह सकते हैं, इसके लिए आपको सिर्फ 2 दिन चाहिए। ना इसमें ऑफिस से छुट्टी लेने की जरूरत है और न ही कोई फालतू खर्चा उठाने की! इस तरह आप अपने मिनी हनीमून का आनंद उठा पायेंगे।
हिमाचल प्रदेश का हिमालयन ऑर्चर्ड
हिमालयन ऑर्चर्ड रूखला शिमला में मौजूद है, शिमला से 70 किमी दूर एक हिमालय बाग है। यह हिमालय के सेब बेल्ट में परिवार द्वारा संचालित एक शांत जगह है। शादीशुदा जोड़े एकांत समय बिताने के लिए यह जगह एकदम बेहतरीन है। यहां आप हाथों में हाथ डालकर हिमालय की ठंडी वादियों और खूबसूरती का आनन्द ले सकते हैं। घर के खाने से लेकर यहां कई प्रकार की गतिविधियां भी शामिल हैं जिसमें पक्षियों को देखना, मछली पकड़ना, हिमालय की वादियों में लंबी सैर शामिल है।
कैसे पहुंचें: शिमला से हिमालयन ऑर्चर्ड आप 2 घंटे की ड्राइव करके पहुंच सकते हैं।
किराया: हिमालयन ऑर्चर्ड में प्रति रात ठहरने का किराया 2500 रुपये है।
पंजाब का प्रकृति फार्म
Diese Geschichte stammt aus der November 2023-Ausgabe von Grehlakshmi.
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बच्चे की आंखें खराब कर सकती है मोबाइल फोन की लत
आजकल परिवार में जितने लोग हैं उतने ही मोबाइल फोन। बड़ों से लेकर बच्चों तक के हाथ स्मार्ट फोन दिन-रात रहता है। बच्चों में स्मार्टफोन की आदत उनके बचपन को शारीरिक और मानसिक तौर पर बुरी तरह प्रभावित कर रही है।
पुनर्जन्म की कहानियां सुनाती हैं बॉलीवुड की ये 5 फिल्में, आज भी हैं लोकप्रिय
बॉलीवुड में हमें न जाने कितनी ही ऐसी कहानियां देखने को मिलती हैं जो प्रेम कहानी, देशभक्ति, डरावनी या पुनर्जन्म पर आधारित हो। इन्हें बहुत पसंद किया जा रहा है। इनमें भी पुनर्जन्म की कहानियों को दर्शक बहुत पसंद करते हैं। तो चलिए जानते हैं उन कहानियों के बारे में -
जानिए अक्षय तृतीया के दिन क्यों खरीदा जाता है सोना चांदी
साल 2024 में अक्षय तृतीया का त्यौहार 10 मई को मनाया जाएगा। इस दिन गुरु का राशि परिवर्तन हो रहा है। अक्षय तृतीया को बहुत शुभ माना जाता है। भक्तजन इस दिन विधि-विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जाने से पहले ये बातें जरूर जान लें
रोमांच और जंगल दोनों का मेल बहुत अद्भुत होता है, यदि आप इसका आनंद उठाना चाहते हैं तो मई और जून की छुट्टियों में परिवार के साथ यहां जरूर जाएं। हिमालयी राज्य उत्तराखंड में स्थित यह 1318 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
बच्चों का टिफिन हो सेहत और स्वाद वाला
रोज-रोज अपने गोलू को टिफिन में पराठा और सब्जी देंगे, तो वो नाक-मुंह सिकोड़ेगा ही। बच्चे अक्सर एक ही तरह की चीज से ऊब जाते हैं, तो आप परेशान नहीं। चलिए आपको बताएं अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट और पौष्टिक टिफिन।
अनियमित पीरियड्स से इस तरह पाएं छुटकारा
आजकल लगभग हर महिला अपने पीरियड्स से परेशान है, उनके मन में सवाल आता है कि ऐसा क्यों होता है। तो चलिए आपकी इस समस्या के बारे में ठीक तरह से जानते हैं।
अपने होनहार को सिखाएं अधिक से अधिक भाषाएं
नए दौर के माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा ज्यादा से ज्यादा भाषाएं बोले क्योंकि भाषा आपके व्यक्तिगत विकास में सहायक होता है। लेकिन आपको तय करना है कि बच्चे कि पहली बोली कौन सी होनी चाहिए, उसकी मातृ भाषा, राजभाषा या फिर ग्लोबल भाषा।
मां के हाथों की मालिश दे शिशु को प्यार का एहसास
मां जब अपने नवजात शिशु को मालिश करती है तो उसके हाथों की गर्माहट बच्चे को आराम पहुंचाती है। धीरे-धीरे बच्चा मां का स्पर्श पहचानने लगता है और इस तरह दोनों में एक गहरा संबंध विकसित होता है जिसे हम मां-बच्चे का प्यार कहते हैं।
डिलीवरी के बाद पहले 40 दिनों में क्या करें और क्या न करें
प्रसव के बाद महिला का बदन कच्चा होता है इसलिए शुरू के 40 दिन उसका विशेष ख्याल रखा जाता है। इस अवधि को जापा कहा जाता है। कुछ लोग जापे के लिए मेड या दाई रखते हैं जोकि काफी महंगा विकल्प होता है। चलिए समझते हैं कि जापे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। साथ ही जापा दाई का विकल्प भी आपको बताते हैं।
नए बच्चे के आने पर बड़े बच्चे को माता-पिता इस तरह करें तैयार
घर के पहले बच्चे को माता-पिता सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, लेकिन जब छोटा भाई या बहन पैदा होता है तो यही प्यार बंट जाता है। ऐसे में बड़ा बच्चा असुरक्षित महसूस करने लगता है। इन परिस्थितियों में माता-पिता को बड़े बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए।