बच्चों में विटामिन डी की कमी पूरी करते हैं ये 5 आहार
Sadhana Path
|June 2025
बच्चों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन-डी अति आवश्यक है। जन्म के बाद से ही बच्चों में इस विटामिन की एक निश्चित मात्रा होना जरूरी माना जाता है। धूप के अलावा इन खाद्य पदार्थ से भी इस विटामिन की कमी को पूरा किया जा सकता है।
बड़े होते बच्चों के शारीरिक विकास के लिए विटामिन-डी एक जरूरी विटामिन है। इस विटामिन से हड्डियां मजबूत होती हैं और दिमाग तेज बनता है। लेकिन वर्तमान समय में खासकर शहरों में रहने वाले बच्चों में विटामिन-डी की कमी पाई जा रही है। आजकल छोटे-छोटे बच्चों को भी पैर दर्द और कमजोर हड्डियों की शिकायत हो रही है। कमजोर हड्डियां और मांसपेशियां विटामिन-डी की कमी की ओर इशारा करते हैं। यह एक ऐसा विटामिन है, जो बिना मेहनत के धूप में खेलने से मिल जाता है। इसका सबसे बड़ा स्रोत धूप ही है।
विटामिन-डी की कमी से बच्चों में होने वाली बीमारियां
1. हड्डियां होती हैं कमजोर: विटामिन-डी की कमी होने पर हड्डियां कमजोर और टेढ़ी होने लगती हैं। बच्चों में विटामिन-डी की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं और उनका पूर्ण विकास नहीं हो पाता है। जिससे फ्रैक्चर होने और हड्डियों के टूटने की समस्या हो जाती है।
2. रिकेट्स का खतरा: इसे सूखा रोग भी कहते हैं। यह विटामिन-डी की कमी से बच्चों में होता है। विटामिन-डी शरीर को कैल्शियम सोखने में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसमें बच्चों के पैर टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। बच्चों में रिकेट्स का खतरा अधिक है क्योंकि डार्क स्किन वाले बच्चों में रिकेट्स का खतरा ज्यादा होता है। ऐसी स्किन वाले बच्चों में मेलेनिन की वजह से सूरज की रोशनी से विटामिन-डी का उत्पादन कम होता है। इसकी वजह से विटामिन-डी की कमी होती है और सूखा रोग का खतरा बढ़ जाता है।
3. दिमाग पर असर: विटामिन-डी की कमी का असर दिमाग पर भी पड़ता है। विटामिन-डी दिमाग में दो तरह के केमिकल, सेरोटोनिन और डोपामिन, बनाने में मदद करता है। इनकी कमी से दिमाग कमजोर होने लगता है।
Diese Geschichte stammt aus der June 2025-Ausgabe von Sadhana Path.
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