Samay Patrika
गीता प्रेस और हिन्दू भारत का निर्माण
गीता प्रेस और इसके प्रकाशन द्वारा तैयार किये जा रहे विचारों ने हिंद राजनैतिक चेतना और वास्तव में हिंदी जन दायरे को गढ़ने में अहम भूमिका निभाई। यह इतिहास हमें हिंदू दक्षिणपंथ की राजनैतिक सर्वश्रेष्ठता के उभार जैसे विवादित और जटिल विषय पर नई दृष्टि प्रदान करता है...
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August 2020
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कश्मीर और कश्मीरी पंडित
बसने और बिखरने के 1500 साल
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July 2020
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मुम्बई अंडरवर्ल्ड के कुख्यात गिरोहबाज़
बायकला टू बैंकॉक मेरी पिछली पुस्तक डोंगरी से दुबई तक के सिलसिले को पूरा करती है, जिसमें पिछले छह दशकों के मुम्बई माफिया और इस शहर के साथ उसके संबंध को बयान किया गया है।
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July 2020
Samay Patrika
रहस्य और रोमांच से भरा उपन्यास है 'आह्वान'
यह यात्रा बेहद रोमांचक लगती है। पाठक इसकी सैर बार-बार करने की सोच सकते हैं
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July 2020
Samay Patrika
राजनीति और भ्रष्टाचार का गठजोड़
विक्रम सिंह आज के चर्चित युवा कहानीकारों में से एक हैं। उन्होंने समकालीन विषयों पर बहुत ही बेहतरीन कहानियां लिखी हैं। कहानियां अपने विषय -वस्तु के हिसाब महत्वपूर्ण हैं। इसी तरह उनका यह पहला उपन्यास यारबाज नाम से आया है। दरअसल यारबाज उन्हीं की एक महत्वपूर्ण कहानी 'गणित का पंडित' का विस्तार है।
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July 2020
Samay Patrika
सीक्रेट ने कैसे बदला मेरा जीवन
जब से द सीक्रेट फ़िल्म और पुस्तक संसार के सामने आई है, तब से लाखों लोग हमें बता चुके हैं कि उन्होंने द सीक्रेट के सिद्धांतों का इस्तेमाल करके अपनी मनचाही चीज़ कैसे आकर्षित की: उन्होंने आदर्श स्वास्थ्य, दौलत, आदर्श जीवनसाथी, आदर्श करियर कैसे पाया, वैवाहिक जीवन या प्रेम संबंध को बेहतर कैसे बनाया, किसी खोई हुई चीज़ को दोबारा कैसे पाया, यहाँ तक कि अपने दुख कैसे दूर किए और ख़ुशी कैसे पाई।
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July 2020
Samay Patrika
अपने चाणक्य स्वयं बनें
न्यूटन ने कहा था कि प्रकृति की किताब गणित की भाषा में लिखी गई है।
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June 2020
Samay Patrika
ममता से मातृत्व तक की यात्रा
यह कोई परंपरागत रूप में स्वालंबी बनने से जुड़ी पुस्तक नहीं है। यह माँ के रूप में मेरी यात्रा का ईमानदार व गंभीर वर्णन है
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June 2020
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शोमैन राजकपूर
राज कपूर ने न केवल फिल्में बनाई, अपितु उन्होंने भारतीय फिल्म दर्शन की मुख्यधारा का उस समय निर्माण किया, 'बॉलीवुड' नाम के शब्द की एक झलक मात्र ही फिल्म विपणनकर्ताओं की आँखों में दिखाई पड़ी थी
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June 2020
Samay Patrika
एक दिलचस्प दास्तान
कुछ कहानियां लंबे समय तक याद रखी जा सकती हैं, राहुल चावला की 'हज़ारों ख्वाहिशें' ऐसी ही किताब है. कहानी जटिलता से परे चलती है, लेकिन परत के भीतर परत होने से रोचकता और जिज्ञासा बढ़ती है.
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May 2020
Samay Patrika
चुनौतीपूर्ण पत्रकारिता की सच्ची घटनायें
'ख़बर अच्छी हो या बुरी, सच यही है कि पत्रकारों के फेफड़ों की दरारें एक ही अनुपात में दरकती हैं। मौत और मातम ख़बरों में ऐसे ही बिकता है। ख़बरों के रीति-रिवाज ऐसे ही हैं। सूरज उगने-ढलने तक घटनायें-दुर्घटनायें होती रहेंगी। दहशतभरी ख़बरें आती रहेंगी। खौफनाक और डरावने सच सामने आते रहेंगे। ख़बरों का यह संसार भले ही हर दिन आपकी ऊर्जा को निचोड़ लेता है, लेकिन कई ऐसे अनुभव भी इसका हिस्सा हैं जो संजीवनी की तरह आपकी चेतना में प्राण फूंक देते हैं और होठों पर मुस्कुराहट ले आते हैं
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May 2020
Samay Patrika
क्या शूर्पणखा लंका के विनाश का कारण थी?
शूर्पणखा का अर्थ है, एक ऐसी स्त्री जो नाखून की तरह कठोर हो। उसके जन्म का नाम मीनाक्षी था, अर्थात् मछली जैसी सुंदर आंखों वाली। शूर्पणखा, रामायण की ऐसी पात्र है जिसे सदा गलत समझा गया है। वह उन भाइयों की छत्र-छाया में बड़ी हुई, जिनकी नियति में युद्ध लड़ना, जीतना तथा ख्याति व प्रतिष्ठा अर्जित करना लिखा था। परंतु इस सबके विपरीत शूर्पणखा के जीवन का मार्ग पीड़ा और प्रतिशोध से भरा था.
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May 2020
Samay Patrika
नए ज़माने की रोचक कहानी
जयंती रंगनाथन की पुस्तक 'एफ.ओ. ज़िन्दगी' ऐसी कहानी कहती है जिसमें भागती-दौड़ती युवाओं की बातें, उनके जीवन में बनते-बिगड़ते रिश्ते, उधेड़बुन, भ्रम, आशा-निराशा आदि मौजूद हैं। यह ऐसी किताब है जिसे पढ़कर रोमांच, मुस्कान, मायूसी, हैरानी होती है। शुरु से ही पाठक कहानी में रम जाता है। कारण है उसका फास्ट-पेस होना।
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May 2020
Samay Patrika
योग और आहार से 100 साल कैसे जिएँ
योग ने मुझे ऐसे रोगों से मुक्ति दिलाई थी, जिन्होंने चिकित्सा विज्ञान के अन्य लोकप्रिय रोगोपचारों के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई थी। मैं उसकी नियमित रूप से साधना करती रही, उसके विषय में पढ़ती एवं बातचीत करती और कुछ समय में योग की चिकित्सक बन गई।
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May 2020
Samay Patrika
साधो ये उत्सव का गाँव - बनारस के ठलुओं की अड़ी और काशी की दिलचस्प यात्रा
काशी की यात्रा का अर्थ है, काशी को समझना, बूझना, थोड़ा गहरे उतरना और इसके परिचय के महासागर में अपने स्व के निर्झर का विसर्जन कर देना। सो कुछ बनारसी ठलुओं ने एक दिन अपनी अड़ी पर यही तय किया। व्यक्ति, समाज, धर्म, संस्कृति और काशी के अबूझ रहस्यों को जानने के लिए क्यों न पंचक्रोशी यात्रा की जाए? पंचक्रोशी यानी काशी की पौराणिक सीमा की परिक्रमा। सो ठलुओं ने परिधि से केंद्र की यह यात्रा शुरू कर दी। यात्रा अनूठी रही। इस यात्रा में हमने खुद को ढूँढ़ा। जगत को समझा। काशी की महान विरासत को श्रद्धा और आश्चर्य की नजरों से देखा। अंतर्मन से समृद्ध हुए। जीवन को समृद्ध किया। दिनोदिन व्यक्तिपरक होती जा रही इस दुनिया में सामूहिकता के स्वर्ग तलाशे। कुछ विकल्प सोचे। कुछ संकल्प लिये। खंडहर होते अतीत के स्मारकों के नवनिर्माण की मुहिम छेड़ी। यात्रा के प्राप्य ने हमारी चेतना की जमीन उर्वर कर दी। जब यात्रा पूरी हुई तो ठलुओं ने तय किया कि क्यों न इस यात्रा के अनुभव और वृत्तांत को मनुष्यता के हवाले कर दिया जाए! फिर आनन-फानन में इस पुस्तक की योजना बनी। यात्रा के दौरान दिमाग के पन्नों पर जो अनुभूतियाँ दर्ज हुई, ठलुओं ने उन्हें इतिहास के सरकंडे से वर्तमान के कागज पर उतारा और यह किताब बन गई....
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March 2020
Samay Patrika
शर्मिष्ठा एक सार्थक कथा
अणुशक्ति ने शर्मिष्ठा को भीतर तक महसूस किया है उसे जिया है तभी तो पाठक शर्मिष्ठा से गुजरते हुए अणु से एक तार होकर जुड़ जाता है। स्त्री का प्रेम, उसकी नियति उसका त्याग सब कुछ शर्मिष्ठा के माध्यम से अणुशक्ति ने महसूस कराया है। शर्मिष्ठा एक सशक्त नारी, धनुर्धर, चित्रकार और प्रतिभावान स्त्री के रूप में हमारे समक्ष आती है...
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March 2020
Samay Patrika
वाह उस्ताद - संगीत घरानों की दिलचस्प दास्तान
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में घरानों की परंपरा रही है। देश के अलग-अलग प्रांतों से इन घरानों की शुरुआत हुई और उसी जगह के नाम पर रखे गये हैं घरानों के नाम। हर घराने की अपनी खासियत, अपना इतिहास और अपना वंश है। यूँ तो संगीत का आनंद लेने के लिए ज़रूरी नहीं कि संगीत का ज्ञान हो लेकिन अगर थोड़ी बहुत संगीत की जानकारी हो, यह मालूम हो कि गायक और वादक के संगीत का क्या संदर्भ है, तो उसे सुनने में और ही आनंद आता है। इस पुस्तक में अलग-अलग घरानों से संबंधित जानकारी और उससे जुड़े किस्से-कहानियाँ हैं। इनमें से कई किस्से-कहानियाँ लेखक की सुनी-सुनाई हैं तो कई जगह अधिक रोचक बनाने के लिए मौजूदा तथ्यों का नाटकीयकरण किया गया है...
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March 2020
Samay Patrika
मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है - नारी जीवन से साक्षात्कार कराती कविताएँ
मैंने अपनी माँ को जन्म दिया है - नारी जीवन से साक्षात्कार कराती कविताएँ
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March 2020
Samay Patrika
अन्तर्व्याप्त यन्त्रणा ओर प्रतिरोध की विलक्षण कविताएं
'मेरी राशि का अधिपति एक साँड है। की कविताएँ नयी सदी में उभरने वाली विशिष्ट अस्मिता की अत्यन्त प्रामाणिक, सिद्ध और मौलिक 'पहचान' हैं. समकालीन हिन्दी कविता के पन्ने पर एक सशक्त, दीर्घकालिक, प्रामाणिक हस्ताक्षर.. वीरू सोनकर
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March 2020
Samay Patrika
'मुश्किलें हमें हराती हैं, पर संघर्ष करने वाला हमेशा जीतता है।
किताब बताती है कि जैसा हम बोलते, देखते और करते हैं, वैसा हमारे जीवन में होता है। जैसा बोओगे, वैसा पाओगे। एक निश्चय के साथ आगे बढ़ना चाहिए। लेखक ने कहा है कि इंसान को मालूम होना चाहिए कि उसे कहाँ जाना है, उसका लक्ष्य क्या है, और मजबूत इच्छाशक्ति से वह किसी भी मजबूत दीवार को धराशायी कर सकता है...
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March 2020
Samay Patrika
सुरताल के जादूगर से साक्षात्कार
'दुनिया के लोगों को एक साथ लाने के लिहाज़ से ज़ाकिर की काबिलियत वाकई बेमिसाल है. वे केवल बातें ही नहीं करते, बल्कि आगे बढ़कर कर दिखाते हैं.'
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February 2020
Samay Patrika
शब्द और साधना
यह पुस्तक तीन खण्डों में विभाजित है। पहले खण्ड में एक ओर हिन्दी के भक्तिकाल के कवियों के काव्य का विद्यानिवास मिश्र और विश्वम्भरनाथ उपाध्याय द्वारा विवेचन और मूल्यांकन का पुनर्मूल्यांकन है तो दूसरी ओर आधुनिक काल के महावीर प्रसाद द्विवेदी और रामविलास शर्मा के चिन्तन और लेखन का विवेचन है। साथ ही महाकवि जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य 'कामायनी' पर मक्तिबोध के चिन्तन और लेखन का पुनर्मूल्यांकन है।
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February 2020
Samay Patrika
वो अब भी पुकारता है'
इस नाटक से पता चलता है कि भारत में जिस जाति की समस्या को बहुत पहले ख़त्म हो जाना चाहिए था, वह आधुनिक युग की इस सदी में भी अपनी जड़े जमाए हुए है । और न सिर्फ जड़े जमाए हुए है बल्कि उसके अन्तर को बनाए रखने के लिए श्रेष्ठ वर्ण किसी भी हद तक जा सकता है ।
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January 2020
Samay Patrika
हिन्दी और उर्दू के बीच चन्द्रकान्ता
सबसे पहले तो मैं फ्रांचेस्का ओर्सिनी द्वारा दी गयी इस सूचना की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूँ कि 1898 में खत्री जी द्वारा ही चन्द्रकान्ता उर्दू लिपि में प्रकाशित की जा चुकी थी।
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February 2020
Samay Patrika
यादों का कारवाँ अद्भुत लोग, अनमोल स्मृतियाँ
समय और साँस के अलावा, हमारे जीवन काल में जो एक चीज़ सदैव साथ चलती है, वो है बीते दिनों की यादा स्मृति के गुलदस्ते में फूल महकते हैं या शूल चुभते हैं, ये तो नसीब पर निर्भर करता है, पर इतना तय है कि उम्र के हर मोड़ पर यादों का कारवाँ मनुष्य के साथ चलता रहता है, बशर्ते मनुष्य की स्मरण-शक्ति क्षीण न हो जाए।
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February 2020
Samay Patrika
भारतीय इतिहास की जटिलता और आकर्षण का सटीक परिचय
लेखक ने महावीर और बुद्ध के उपदेशों में समानताओं का उल्लेख करते हुए लिखा है कि दोनों ने ही प्रारंभिक हिंदू ग्रंथों, वेदों की मूलभूत मान्यताओं का विरोध किया।
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January 2020
Samay Patrika
बिकमिंग मेरा जीवन सफ़र
'उनके कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ थीं जिनसे धूप आती थी, खेलने के लिए खिलौने थे और पीछे की तरह एक कार्डबोर्ड का एक बड़ा सा प्लेहाउस था। अपनी कक्षा में मेरे दोस्त बन गए, वैसे बच्चे जो मेरी ही तरह वहां आने के लिए बेचैन रहते थे। अपने पढ़नी की क्षमता के ऊपर मुझे बहुत भरोसा था।'
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January 2020
Samay Patrika
रुक जाना नहीं...सफलता की राह पर बढ़ते जाने के प्रेरक मंत्र
यह किताब हर आयु वर्ग को पढ़नी चाहिए. खासकर युवाओं के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं है.
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February 2020
Samay Patrika
'सहमत और अमृत कौर की कहानी संघर्ष, त्याग और साहस से भरी है'
हरिंदर सिक्का ने' कॉलिंग सहमत' लिखी, वह बेस्टसेलर हो गई । मेघना गुलज़ार ने आलिया भट्ट को लेकर पुस्तक पर' राज़ी' फिल्म बनाई जो ख़ासी चर्चित रही । अब लेखक दूसरी किताब' विछोड़ा' लेकर आये हैं, जिसे काफी सराहा जा रहा है । दोनों पुस्तकों की कहानी महिला केन्द्रित है । प्रस्तुत है । लेखक हरिंदर सिक्का से समय पत्रिका की खास बातचीत :
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January 2020
Samay Patrika
अलग-अलग रंगों की लल्लनटॉप कहानियाँ
'लल्लनटॉप कहानी कॉम्पिटिशन' अपनी तरह की एकमात्र साहित्यिक प्रतियोगिता है, जिसके नियम और पुरस्कार राशि दोनों ही 'कोई दूसरा नहीं' की शक्ल लिए हुए हैं। नियम इस अर्थ में कि अगर आप में कुछ रचने का माद्दा है तो आप उसे इस प्रतियोगिता में उतरकर जांच सकते हैं, इसके लिए कोई बन्धन नहीं है; और राशि इस अर्थ में कि मात्र एक रचना के लिए यह राशि दूर-दूर तक नज़र और घोड़े दौड़ा लीजिए सर्वाधिक लगेगी...
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