News
DASTAKTIMES
पिछले 7 वर्षों की यात्रा में कहां खड़ी है मोदी की विदेश नीति
आज तेज गति से बदल रही क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति के दौर में इस बात पर चर्चा करनी बहुत जरूरी है कि भारत वैश्विक मंच पर किस हद तक अपने राष्ट्रीय हितों को पूरा कर पाया है, क्या भारत की विदेश नीति में वो बार्गेनिंग स्किल्स विकसित हुई हैं जिनसे वो अपने विरोधियों को प्रति संतुलित कर पाया है? क्या भारत कई देशों के साथ लगातार बढ़ रहे अपने व्यापारिक घाटे को पाटने के लिए कुछ निर्णायक कदम उठाने का साहस जुटा पा रहा है। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब खोजने पर ही पता चल पाता है कि हमने पिछले सात वर्षों में विदेश नीति के स्तर पर क्या हासिल किया है। पिछले सात वर्षों में भारत की विदेश नीति का मूल्यांकन करें, तो बहुत सी महत्वपूर्ण बातें सामने आती हैं।
1 min |
October 2021
DASTAKTIMES
20 साल-भारतीय राजनीति के अजेय नायक: नरेन्द्र मोदी
नरेंद्र मोदी की भारतीय राजनीति में सर्वाधिक प्रभावी भूमिका का दौर गुजरात की राजनीति से 2001 में शुरू हुआ। दरअसल इस समय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने उप चुनावों में बीजेपी की हार के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उस समय गुजरात में बीजेपी को ऊंचाइयों पर पहुँचाने वाले एक बड़े रणनीतिकार को पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री अक्टूबर, 2001 में बनाया गया और ये पोलिटिकल ब्रेन थे नरेंद्र मोदी। मोदी ऐसे सर्वप्रिय राजनेता हैं जिन्होंने राष्ट्रवाद को नई दिशा दी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों के खिलाफ़ आपने अल्ट्रा जीरो टॉलरेंस पालिसी अपनाई। ये मोदी जी ही है जिन्होंने उरी टेरर अटैक के बाद पाकिस्तान को साफ-साफ कह दिया कि कश्मीर घाटी में खून और पानी एक साथ साथ नही बह सकता, इसलिए भारत ने सिंधु जल समझौते के समीक्षा को क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म से जोड़ दिया। भारत द्वारा दो दो बार सर्जिकल स्ट्राइक करना, पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेना मोदी की मजबूत इच्छा शक्ति का ही प्रमाण है। मोदी के नेतृत्व में म्यांमार की भूसीमा के अंदर भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर भारत विरोधी उग्रवादी संगठनों के टेरर कैम्पों का खात्मा कर दिया। कश्मीर का गलवान हो या अरुणाचल का तवांग, सिक्किम का नकूला दर्रा हो या उत्तराखंड का कालापानी लिपुलेख भारतीय प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों को मर्यादित रहना सिखाया है।
1 min |
October 2021
DASTAKTIMES
वोटबैंक की खातिर छवि से समझौता नहीं: सीएम
सीएम योगी आदित्यनाथ जिस तरह ‘मोदी कार्यशैली' में काम कर रहे हैं, उससे विरोधियों की बोलती बन्द हो गई है। उनके काम करने का अन्दाज प्रधानमंत्री मोदी की तरह है। वह हर विभाग के बड़े प्रोजेक्ट की न सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर पूरी जानकारी रखते हैं, बल्कि उसका पूरा फीडबैक भी लेते हैं।
1 min |
October 2021
DASTAKTIMES
योगी सरकार का अनुपूरक बजट- युवाओं का ध्यान-चुनाव पर जोर
अनुपूरक बजट का विपक्ष इसलिए विरोध कर रहा है क्योंकि यह युवाओं को समर्पित है और विपक्ष युवा विरोधी है। समाजवादी पार्टी के लोग जब सरकार में थे तो नौकरियों को गिरवी रख दिया था। निवेश बंद हो चुका था। दंगे होते थे, नौजवान फंसा दिए जाते थे। झूठे मुकदमे लाद दिए जाते थे।
1 min |
September 2021
DASTAKTIMES
यूपी बनेगा कुश्ती का अंतरराष्ट्रीय हबः बृजभूषण शरण सिंह
राज्य में अब कुश्ती की सूरत बदलने जा रही है। यहां के प्रतिभाशाली पहलवान भी अत्याधुनिक सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग के सहारे दुनिया में अपनी ताकत का अहसास कराएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने तय किया है कि वह कुश्ती और बैडमिंटन को अगले दस साल के लिए गोद लेगी। साथ ही कुश्ती की एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की अकादमी भी लखनऊ में खोलेगी। पहलवानों को हर, वह चीज उपलब्ध करायी जाएगी। जो उनकी ट्रेनिंग में सहायक होगी। यही नहीं नोएडा में कुश्ती की एक ऐसी अकादमी खोली जाएगी जिसमें विदेशी पहलवान भी आकर रहें और ट्रेनिंग करें। कुश्ती के विकास पर भारतीय कुस्ती महासंघ के अध्यक्ष एवं सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने खास बातचीत में अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया।
1 min |
September 2021
DASTAKTIMES
दमखम दिखाने में कामयाब हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
भूपेश बघेल का जमीन से जुड़ाव बरकरार है और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता बनी हुई है। पार्टी के भीतर अपना कद बढ़ाने में भी वह सफल हुए हैं। इस सियासी घटनाक्रम के बाद भूपेश बघेल का आत्मविश्वास और बढ़ गया है।
1 min |
September 2021
DASTAKTIMES
नई विश्व व्यवस्था गढ़ेगा तालिबान
एक ट्रिलियन डॉलर का खर्चा तो अकेले अफगानिस्तान में अमेरिका ने 2001 से 2021 के बीच कर डाला और हर साल 890 बिलियन डॉलर का व्यापारिक घाटा वैश्विक व्यापार में झेला है। वहीं रूस ने पुतिन के नेतृत्व में अपनी वैश्विक क्षेत्रीय भूमिकाओं को नए सिरे से तलाशना शुरू किया और रूस और चीन ने शंघाई सहयोग संगठन के बैनर तले अमेरिका और पश्चिमी देशों पर विश्व व्यापार और क्षेत्रीय राजनीति के मुद्दों पर दबाव बनाना जारी रखा है जिसको अब अमेरिका ने टीक तरीके से निपटने की ठानी है। इसलिए अब यह माना जा रहा है कि विश्व और क्षेत्रीय राजनीति के विवाद के बिंदुओं पर अमेरिका असंलग्नता की नीति को वरीयता देगा और इन सबमें उलझने का मौका चीन रुस जैसे देशों को देगा।
1 min |
September 2021
DASTAKTIMES
टोक्यो ओलम्पिक हीरों को योगी सरकार का सम्मान-सलाम
हर राज्य अपने खिलाड़ियों का सम्मान करता है, लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरे देश के खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया है। यह किसी एक राज्य का नहीं पूरे देश का सम्मान है।
1 min |
September 2021
DASTAKTIMES
गाय को घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु
अदालत से उठी आवाजः गोमांस खाना मौलिक अधिकार नहीं
1 min |
September 2021
DASTAKTIMES
पूर्वोत्तर की बेटियां
पूर्वोत्तर की बेटियां मेहनत से नहीं कतराती। लकड़ियां काटने वे पहाड़ों पर चढ़ती हैं। घर-गृहस्थी का सामान लेकर ऊंचाई पर बने अपने घर आती और जाती हैं। वहां की महिलाएं ज्यादा मेहनती और कामकाजी मानी जाती हैं। इन्हीं गतिविधियों से उनमें खेल का आधार तैयार होता है।
1 min |
July 2021
DASTAKTIMES
देवभूमि के सपूत मोदी के दूत 'धामी'
धामी जैसे युवा चेहरे को पहाड़ की कमान सौंपने के कई मायने हैं। खासतौर से ऐसे राज्य में जिसका इतिहास ही सियासी उठापटक के लिए जाना जाता है। ऐसा नहीं है कि पहाड़ में भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं था। एक से एक अनुभवी दिग्गज नेता राज्य में मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगर उन सबके बीच से 'धामी' नाम के नगीने को खोजकर लाए हैं, तो स्पष्ट सन्देश है कि धामी का संगठनात्मक अनुभव, बेदाग चेहरा, मेहनत और कार्यशैली उनसे छिपे नहीं थे। सबसे अहम है कि धामी के जरिए उन्होंने पहाड़ के युवाओं को केन्द्र में रखा और देवभूमि को संवारने का जिम्मा दिया है। धामी के रूप में प्रधानमंत्री मोदी स्वयं देवभूमि के विकास और यहां के लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं।
1 min |
July 2021
DASTAKTIMES
तीसरी लहर की दस्तक
कोरोना का नया वैरिएंट कितना घातकहोगा यह अभी देखना बाकी है। सवाल यह भी है कि क्या नये वैरिएंट से हमारी वैक्सीन मुकाबला कर पायेगी।
1 min |
July 2021
DASTAKTIMES
बिहार में करवट लेती राजनीति
लालू प्रसाद तेजस्वी को अपनी पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी में हैं। लोजपा में टूट के बाद चिराग पार्टी को मजबूत करने की मुहिम पर हैं। वे जहां नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं, वहीं भाजपा के प्रति नरम। बीते विधानसभा चुनाव के बाद से प्रदेश की राजनीति में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
1 min |
July 2021
DASTAKTIMES
तालिबान को कैसे रोकेगा भारत और विश्व
अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होते
1 min |
July 2021
DASTAKTIMES
जातीय समीकरण साधने को लेकर तेज हुई वोटबैंक की सियासत
बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्रा कहते हैं कि वहीं आज भाजपा में ब्राह्मण नेता गुलदस्ता बने हुए हैं। जब भी गोली मारी जाती है घर गिराए जाते हैं, बुलडोजर चलाए जाते हैं तो यह बिल से निकलकर बाहर आते हैं और कहते हैं अच्छा हुआ। आज प्रदेश में फिल्मी स्टाइल में एनकाउंटर हो रहे हैं, पहले रोको फिर जात पूछो उसके बाद ठोंक दो।
1 min |
July 2021
DASTAKTIMES
सत्ता के महासंग्राम से पहले सियासी अस्त्र-शस्त्र परखने में जुटे दल
भगवा खेमे की जीत सुनिश्चित करने को संघ ने कमर कसी, दी जिम्मेदारियां
1 min |
July 2021
DASTAKTIMES
पीएम मोदी का डबल इंजन देवभूमि में फेल
जोखिम भाजपा फिर ले चुकी है। और अगले साल चुनाव में इसका क्या असर होगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ठीक उस समय त्यागपत्र दे दिया, जब उनकी सरकार चार साल का अपना कार्यकाल पूरा करने ही वाली थी। कहा जा रहा है कि केंद्रीय भाजपा नेतृत्वने विधानसभा चुनाव के एक वर्ष पहले यह पाया कि उनके मुख्यमंत्री रहते चुनाव जीतना मुश्किल होगा। पता नहीं सच क्या है, लेकिन यह सवाल तो उठेगाही कि आखिर चार साल तक उनके कामकाज का आकलन क्यों नहीं किया जा सका?
1 min |
March 2021
DASTAKTIMES
पांच राज्यों का चुनावी शाखनाद
भाजपा को सबसे ज्यादा उम्मीद पश्चिम बंगाल से है। ध्रुवीकरण और सत्ता विरोधी लहर के सहारे भाजपा बंगाल सागर पार करने में जुटी है। उधर, विपक्ष को पता है कि जिस तरह नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा का प्रदर्शन रहा है यदि वैसा ही रहा तो विपक्ष के लिए मुसीबतें और बढ़ जायेंगी। वहीं कांग्रेस और विपक्ष का अपना आकलन है कि वह तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में सरकार बनाने के रेस में है और अगर ममता भाजपा को बंगाल में रोकने में सफल हो गई तो यह भाजपा के पतन की शुरुआत हो सकती है।
1 min |
March 2021
DASTAKTIMES
ऑस्ट्रेलिया बनाम बिग टेक कंपनियाँ
सरकार का तर्क है कि टेक कंपनियों को न्यूज रूम को उनकी पत्रकारिता के लिए उचित कीमत अदा करनी चाहिए। इसके साथ ही ये तर्क भी दिया गया है कि ऑस्ट्रेलिया की न्यूज इंडस्ट्री के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है क्योंकि मजबूत मीडिया लोकतंत्र की जरूरत है। गौरतलब है कि न्यूज कॉर्प ऑस्ट्रेलिया जैसी मीडिया कंपनियों ने विज्ञापन से होने वाली आय में दीर्घकालिक कमी आने के बाद सरकार पर दबाव बनाया है कि वह टेक कंपनियों को बातचीत के लिए तैयार करे। ऐसे समय जब मीडिया कंपनियों की कमाई में कमी आ रही है तब गूगल की कमाई में बढ़त देखी जा रही है।
1 min |
March 2021
DASTAKTIMES
दुनियाभर की चिंता 'क्रिप्टो करेंसी'
दुनिया भर के संगठनों ने आभासी मुद्राओं से निपटने के दौरान सावधानी बरतने का आह्वान किया है, साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि किसी भी प्रकार का कवरिंग सिस्टम प्रतिबंध पूरे सिस्टम का खत्म कर सकता है, जिसका अर्थ है कि इन आभासी मुद्राओं का कोई विनियमन नहीं होगा। जून 2013 में, आरबीआई ने पहली बार आभासी मुद्राओं के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को संभावित वित्तीय, परिचालन, कानूनी और ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित जोखिमों के बारे में चेतावनी दी थी।
1 min |
March 2021
DASTAKTIMES
4 साल योगी सरकार
योगी सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किया गया अपना पांचवां और अंतिम बजट इसका एक आईना है। योगी सरकार ने अपने इस बजट में विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा आमजन से किए गए बचे हुए वादों को पूरा करने पर पूरा जोर दिया है। चूंकि अब यह चुनावी वर्ष होने जा रहा है, ऐसे में बजट का लोक लुभावन होना स्वाभाविक है। बजट के साथ ही योगी सरकार चुनावी मोड में भी आ चुकी है। साफ है कि बजट के जरिए 2022 साधने की तैयारी है। वहीं योगी सरकार के चार वर्ष पूरे होने की खुशी में पूरे उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित कर इसे धार दी जा रही है। इसी कड़ी में योगी सरकार की उपलब्धियों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया गया। अंतिम बजट पेश करते समय जहां सरकार ने नौजवानों से लेकर किसानों और महिलाओं के साथ-साथ अपने मूल एजेंडे हिंदुत्व और अपने शहरी कोर वोट बैंक को साधे रखने के लिए बजट में पांच बड़े राजनीतिक संदेश देने की कवायद की थी। वहीं चार वर्ष पूरे होने की खुशी में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में किसानों और बेरोजगारी दूर करने के लिए उठाए गए कदमों पर ज्यादा फोकस किया है।
1 min |
March 2021
DASTAKTIMES
आरक्षण ने बिगाड़ा दिग्गजों का 'खेला'
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की गहमागहमी है तो दूसरी ओर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के घोषित आरक्षण के फार्मूले को लेकर विपक्ष ही नहीं प्रदेश सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा में जद्दोजहद चरम पर है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी में पंचायत आरक्षण फार्मूले को लेकर असंतोष सतह पर आ गया है। पार्टी के कई सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों ने शीर्ष नेतृत्व से यह शिकायत भी की है कि उनके लोग पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी किये बैठे थे, मगर आरक्षण के फार्मूले की वजह से उनके लोग चुनाव लड़ने से वंचित हो गये।
1 min |
March 2021
DASTAKTIMES
महंगाई डायन
केन्द्रीय मंत्रिमण्डल के सदस्य लगातार जनता को यह भरोसा दिला रहे हैं कि जल्द ही महंगाई पर काबू पा लिया जायेगा। साथ ही स्पष्टीकरण भी दिए जा रहे हैं कि कीमतों में यह उछाल किन कारणों से हैं। हालांकि सरकार द्वारा बताये जा रहे कारण कसौटी पर कहीं भी खरे नहीं उतरते। जैसे केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि रसोई गैस के दाम टण्ड की वजह से बढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे ठण्ड कम होगी, दाम भी स्वत: ही कम हो जायेंगे। अब भला इस तर्क पर कौन भरोसा करेगा। पिछले साल मानसून कमजोर रहा या पर्याप्त बारिश नहीं हुई, ये ऐसे कारण नहीं हैं कि इनका असर सभी चीजों पर एकसाथ पड़े। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि कीमतें इतनी ज्यादा होने के बावजूद बाजार में किसी भी आवश्यक वस्तु का अकाल-अभाव दिखाई नहीं पड़ता।
1 min |
March 2021
DASTAKTIMES
आन्दोलन जारी है...
सरकार और किसानों के बीच के गतिरोध को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कानूनों को स्थगित करने का निर्णय सुनाते हुए एक समिति का गठन किया लेकिन किसानों ने इस समिति को भी खारिज कर दिया। नतीजा यह है कि न तो किसान पीछे हटने को तैयार हैं और न सरकार ही झुक रही है। एक पक्ष देखें तो लगता है किसान अकारण जिद पर अड़े हैं तो वहीं दूसरा पक्ष देखें तो सरकार का रवैया भी कमोबेश जैसा ही है। किसान आन्दोलन की परिणिती क्या होगी यह तो अभी देखना बाकी है लेकिन इसी बीच 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में जमकर उपद्रव और हिंसा हुई।
1 min |
February 2021
DASTAKTIMES
भाषा संयम की आवश्यकता
पूर्वजों की आनंदानुभूति का परिणाम निर्भयता है। तब भूत भविष्य की चिन्ता नहीं होती। आनंद समय का अतिक्रमण करता है। वाणी का रस सामूहिकता में फैलता है। वाणी का क्षीर सागर धरती से परम व्योम तक मधुरसा है। इसी क्षीर सागर में कमलासन पर विष्णु उगते हैं और श्री समृद्धि उनके पैर दबाती हैं। अभय और निर्भय होने का अनन्त है यहां। सांपों की शैय्या लेकिन विष्णु शान्ताकार-शान्ताकारं भुजगशयनं । तैत्तिरीय उपनिषद् के ऋषि ठीक ही कहते हैं "आनंद संपूर्णता को जानने वाला किसी से भी नहीं डरता।"
1 min |
February 2021
DASTAKTIMES
चुनौतियों से किए दो-दो हाथ
जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है। ये सब उस स्थिति में हुआ जब देशभर से करीब 30 लाख से अधिक श्रमिक साथी, कामगार साथी, यूपी में पिछले कुछ हफ्तों में अपने गांव लौटे थे। - नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री
1 min |
February 2021
DASTAKTIMES
दो एशियाई ताकतों का टकराव
पैगॉग सो झील क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में जिन-जिन चोटियों पर भारतीय सैनिकों ने हाल में अपना कब्जा किया है, उन सभी स्थानों पर भारतीय सैनिकों ने अपने कैंप के चारों तरफ कटीली तारेभी लगा दी हैं और चीनी सेना और सैनिकों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अगर किसी चीनी सैनिक ने इन कटीली तारों को पार करने या हटाने की कोशिश की तो उसका एक प्रोफेशनल आर्मी की तरह जवाब दिया जाएगा।
1 min |
September 2020
DASTAKTIMES
बिन 'गांधी' सब सून
राजनीति और कांग्रेस पर नजदीकी नजर रखने वाले विश्लेशकों का कहना है कि इस दौर से पार पाने के लिए जरूरी है कि नेहरू-गांधी परिवार अब नेतृत्व की कमान किसी और के हाथों में दे दे। जब राहुल गांधी ने 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ा था तो कई दिनों तक कांग्रेस में पार्टी के अंदर चर्चा हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। दिलचस्प बात यह है कि एक तरफ 23 कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस में नीचे से ऊपर तक परिवर्तन होना चाहिए, वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी को वापस कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की बात भी की गई है। सभी यह चाहते हैं कि यदि गांधी-नेहरू परिवार के बाहर के किसी नेता को पार्टी की कमान सौंपी जाती है तो फिर उस नेता का चुनाव ना हो बल्कि परिवार ही नेता का अध्यक्ष पद पर मनोनयन कर दे। साफ है कि बिना गांधी-नेहरु परिवार के समर्थन के कोई भी नेता कांग्रेस का मुखिया नहीं बन सकता है।
1 min |
September 2020
DASTAKTIMES
पंगा गर्ल बनी कंगना
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना फिर चर्चा में हैं। जब सभी सुशांत की मौत को आत्महत्या मान चुके थे तब कंगना ने यह कहकर तहलका मचा दिया कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गयी है। इसके साथ उन्होंने फिल्मी दुनिया के कई नामचीन लोगों जैसे करन जौहर, सलमान खान, महेश भट्ट आदि का नाम लेकर सनसनी फैला दी। कहा कि भाईभतीजावाद के कारण ही सुशांत आज इस अवस्था में पहुंचा। बाद में उन्होंने बॉलीवुड में ड्रग्स के सेवन को लेकर भी कई खुलासे किए। हालांकि वह स्वयं यह कह चुकी हैं कि वह खुद ड्रग्स का सेवन करती थीं।
1 min |
September 2020
DASTAKTIMES
टीकाकरण समय की मांग
वर्षों तक, अलग-अलग देशों में अलग-अलग विधियों का विकास हुआ ताकि सुनिश्चित हो सके कि टीकों का सुरक्षित रूप से विकास, निर्माण और उपयोग किया जा सके फिर जानवरों और मनुष्यों में परीक्षण के लिए स्थिर और अत्यधिक शुद्ध उत्पाद बनाने के लिए एक विनिर्माण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और अंत में टीका बाजार में उतारा जाता है। कोविड19 के टीके का जानवरों में परीक्षण के बिना ही मनुष्यों में तेजी से परीक्षण किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक ने कोविड-19 के टीके के विकास और वितरण के लिए राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को बजाय एक बहुपक्षीय या वैश्विक दृष्टिकोण की अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
1 min |
