बच्चों को हमें ही आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। अच्छी आदतें उनको सफलता प्रदान करने में सहायक होती हैं। बच्चा है, कहकर टाल देना उचित नहीं है। माता-पिता को बारीकी से देखना चाहिए कि संतुलित जीवन सकारात्मक आदतों को हौले-हौले बच्चा अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले, क्योंकि जैसी आदत वैसा ही भविष्य। बच्चे तो अभी बच्चे हैं, बाद में सीख लेंगे, ऐसा बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए। माहौल से सहमति, असहमति और नयापन आदि भी उनमें एक तरह के नये व्यवहार पैदा करती है। उनको नादान न समझें उनमें ऐसी आदतें विकसित करें कि जब कभी जीवन में कोई अजीब परिस्थितियां हों तो वो अपनी आदत और मानसिकता से प्रेरित होकर सामंजस्य बिठा लें।
धैर्य रखना सिखाएं
सबसे पहले तो बच्चे को धैर्य रखना सिखाएं। यह आदत धीरे-धीरे विकसित करें मिसाल के तौर पर उसको खौलते और गर्म दूध के सामान्य होने तक दो मिनट धैर्य रखना या चपाती चूल्हे पर सेंकी जा रही है, तब तक भूख सहन करना, यह ऐसी प्राकृतिक अभ्यास हैं, जो कि उसमें धीरज की प्रवृति को विकसित करता है। बात यह है कि आजकल के बच्चों में धैर्य की कमी देखी जाती है। उनको हर चीज जल्दी और अपने हाथ में चाहिए। लेकिन अपने बच्चे को इंतजार करना सिखाएं। उनको बताएं की धैर्य और इंतजार से ही काम बनते हैं।
शेयर करना खाएं
दूसरी बात है कि अपनी चीजें साझा करना सिखाएं। जैसे- अपने रंग, खिलौने, अपनी साइकिल आदि। बच्चे में शुरू से ही दूसरों के साथ चीजें शेयर करने की आदत डालें। इससे रिश्तों में मजबूती आती है। बच्चा दूसरों की भावनाओं और जरूरतों का भी ख्याल रखना सीखता है। बच्चे को यह एहसास दिलाएं कि कोई भी वस्तु या सुविधा सिर्फ उसके लिए नहीं है।
मदद करना सिखाएं
साथ ही जितना हो सके दूसरों की मदद करना सिखाएं। मिसाल के तौर पर गमले के फूल में कोई चींटी अटक गई है या सिंक मे कोई चीटी गिर पड़ी है, उनकी जान बचाकर यह मदद का भाव विकसित किया जा सकता है। इससे परिणाम अच्छा निकलेगा। अगर कोई मुसीबत में हो या किसी को आपकी जरूरत हो तो ऐसी स्थिति में बच्चे को दूसरों की मदद करना जरूर सिखाएं। ना सिर्फ परिचितों की मदद बल्कि अनजान लोगों की मदद के लिए भी प्ररित करें।
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बॉलीवुड अभिनेत्रियों की तरह स्टाइल करें डेनिम ड्रेस
डेनिम दिखने में जितना कूल नजर आता है उतना ही वो आरामदायक होता है। उसको हर उम्र के लोग पहनना पसंद करते हैं। डेनिम की खास बात यही है कि वे लंबे समय तक चलता है। और जल्दी ही आउट फैशन नहीं होता।
दूर करें तकरार-हो सिर्फ प्यार ही प्यार
कपल्स में ज्यादातर इसी बात को लेकर तकरार होता है कि अपना अधिकार समझकर हम एक दूसरे को कंट्रोल करने लग जाते हैं। हर बात में टोकना, हर चीज़ में अपनी राय के कुछ नहीं कर देने से झगड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है।
गर्मियों में खूब सजे-संवरें
आपका मौसम अनुरूप वार्डरोब हो, तो आपकी गेटअप को देखते ही समय के साथ चलने वाला टैग आपके साथ जुड़ जाएगा। यह टैग आपकी ओवर ऑल पर्सनैलिटी को निखारेगा। अब गर्मियां शुरू हो गई हैं, तो आपको समर आउटफिट के बारे में बता दें, ताकि आपका वार्डरोब इससे अछूता नहीं रहे। आखिर आपको समय के साथ जो चलना है।
चिलचिलाती धूप में एक्सेसरीज से दिखें फैशनेबल
'धूप में निकला न करो रूप की रानी, गोरा रंग काला न पड़ जाए'। ये गीत तो आपको याद होगा न! इसलिए जब भी गर्मियों में कहीं बाहर निकलें तो इन एक्सेसरीज को जरूर पहनकर निकलें।
घरेलू तरीकों से बालों से हटाएं चिपचिपापन
इस मौसम में हमारी त्वचा के ऑयल ग्लैंड्स काफी सक्रिय हो जाते हैं, जिससे बालों में हमेशा एक चिपचिपापन रहता ही है। कई बार ऑयल कंट्रोल्ड शैंपू भी बालों पर असर नहीं करते हैं । बालों का चिपचिपापन हटाने के लिए अपनाएं घरेलू तरीके।
इन हेयरस्टाइल के साथ गर्मियों में रहें कूल
हेयर स्टाइलिंग का असली मजा गर्मियों में है, लेकिन लंबे बालों को खोलकर रखने से आप पसीने से तर-बतर हो जाएंगी। यदि आप इन दिनों स्टाइलिंग करना चाहती हैं तो यहां दी गई हेयर स्टाइलिंग को एक बार ट्राई जरूर करें।
उत्तर भारत का एक बड़ा कृषि त्यौहार: बैसाखी
बैसारवी भक्ति और उल्लास से मनाया जाने वाला त्यौहार है। सिक्व समुदाय में इसका विशेष महत्व है। इस दिन भोर में ही भक्तजन उठकर पवित्र जल में स्नान कर गुरुद्वारे में अरदास करने जाते हैं।
इस तरह करें अपने बच्चों को इमरजेंसी के लिए तैयार
आपको कुछ घंटे के लिए घर से बाहर जाना हो, बच्चों को एकदम अकेले छोड़कर जाना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे को इमरजेंसी के लिए तैयार रखें।
व्रत में ट्राई करें 5 सात्विक रेसिपीज
नवरात्र में अक्सर हम महिलाएं वही कुट्टू की टिक्की या साबूदाना की खिचड़ी बनाते हैं लेकिन इस नवरात्र आप कुछ अलग ट्राई करें, ताकि आप और आपके बच्चे दोनों व्रत का आनंद उठा सकें।
इन तरीकों से करें कान, नाक और गले की देखभाल
सर्दियों की तुलना में गर्मियों में नाक, कान और गले में दिक्कत ज्यादा होती है, इसकी वजह है वायरस और इन्फेक्शन। इसे ठीक होने में कम से कम एक सप्ताह लगता है इसलिए इन दिनों साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें ताकि इन्फेक्शन आपको परेशान न करे।