Open Eye News Magazine - September 2020
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फेसबुकः उठते सवाल, राजनीतिक बवाल और बार-बार माफी मांगने की आदत
गलती करना इंसान का एक अवगुण है, कितनी ही सावधानी बरतें लेकिन कहीं ना कहीं कोई त्रुटि हो ही जाती है। लेकिन त्रुटि के बाद माफी मांगना, इंसानियत का श्रेष्ठ गुण है। सॉरी, ये एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल आप और हम न जाने कितनी ही बार करते हैं। लेकिन इसे बोलिए तभी जब सच में महसूस हो । एक बहुत ही मशहूर कहावत है कि अगर कोई काम एक या दो बार किया जाता है, तो उसे गलती कहा जाता है। लेकिन अगर वही बात बारबार दोहराई जाती है तो इसे कौन सी संज्ञा दी जाए ये आप खुद ही तय कर सकते हैं लेकिन इसे गलती तो कतई नहीं कहा जा सकता है। चेहरे की किताब यानी फेसबुक जिसके जरिए हम दोस्तों से जुड़े रिश्तेदारों से जुड़े।
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भारतीय हॉकी की रानी हैं रानी रामपाल कड़ी मेहनत से पहुंची हैं शीर्ष तक
भारतीय हॉकी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब महिला हॉकी टीम की किसी खिलाड़ी को खेल जगत का सर्वोच्च सम्मान 'राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार' दिया जाएगा।
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जनता के बीच वित्तीय साक्षरता बढ़ा रही मोदी सरकार, लोगों की परेशानियाँ हो रही हैं दूर
भारत में कल आबादी का लगभग 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है एवं अपने रोज़गार के लिए मुख्यतः कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर हैं। इस प्रकार भारत में कृषि का क्षेत्र एक सिल्वर लाइनिंग के तौर पर देखा जाता है। सामान्य तौर पर वित्तीय समावेशन की सफलता का आकलन इस बात से हो सकता है कि सरकार द्वारा इस सम्बंध में बनायी जा रही नीतियों का फ़ायदा समाज के हर तबके, मुख्य रूप से अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंच रहा है। भारत में वर्ष 1947 में 70 प्रतिशत लोग गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे। जबकि अब वर्ष 2020 में देश की कुल आबादी का लगभग 22 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है।
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कोरोना मरीजों के उपचार और देखभाल की हो बेहतर व्यवस्थाः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने मंत्रि-मंडलीय सहयोगियों के साथ ही जिला के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों एवं चिकित्सा अधिकारियों से राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति और इसकी रोकथाम के उपायों के संबंध में विस्तार से चर्चा की और उनसे सुझाव प्राप्त किए।
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मोदी सरकार की ओर से उठाये गये कदमों से बदल रहा है अर्थव्यवस्था का स्वरूप
कोरोना वायरस महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप कुछ बदलने की राह पर जाता दिखाई दे रहा है। अभी तक भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान काफ़ी कम रहता है एवं सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहता है। परंतु बदली हुई परिस्थितियों में कृषि का योगदान कुछ बढ़ता नज़र आ रहा है एवं सेवा क्षेत्र का योगदान कम हो सकता है क्योंकि पर्यटन एवं होटल उद्योग कोरोना वायरस महामारी में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और ये दोनों उद्योग सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
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दीनदयाल जी और एकात्म मानववाद
दीनदयाल जी समाजवाद और साम्यवाद को कागजी और अव्यावहारिक सिद्धांत के रूप में देखते थे। उनका स्पष्ट मानना था कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में ये विचार न तो भारतीयता के अनुरूप हैं और न ही व्यावहारिक ही हैं। भारत को चलाने के लिए भारतीय दर्शन ही कारगर वैचारिक उपकरण हो सकता है। चाहे राजनीति का प्रश्न हो, चाहे अर्थव्यवस्था का प्रश्न हो अथवा समाज की विविध जरूरतों का प्रश्न हो, उन्होंने मानवमात्र से जुड़े लगभग प्रत्येक प्रश्न की समाधानयुक्त विवेचना अपने वैचारिक लेखों में की है।
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Open Eye News Magazine Description:
Publisher: Open Eye Media Publications
Category: News
Language: Hindi
Frequency: Monthly
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