Open Eye News Magazine - May 2020
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OPEN EYE NEWS BHOPAL VOL 12, ISSUE 2, MAY 2020
इस तरह धीरे-धीरे वापस पटरी पर आ सकती है देश की अर्थव्यवस्था
सरकार ने बजटीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.8 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है परंतु आज की स्थितियों को देखते हुए यह 2020-21 में इससे भी काफ़ी अधिक हो सकता है। क्योंकि, केंद्र एवं राज्य सरकारों को विभिन्न करों से आय बहुत कम होने की सम्भावना है। देश में धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से बाज़ारों को खोला जा रहा है। ग्रीन जोन एवं ऑरेंज ज़ोन में व्यापार, उत्पादन एवं अन्य गतिविधियों के लिए काफ़ी छूट दी जा रही है एवं रेड जोन में भी कुछ हद तक छूट प्रदान की गई है। बहुत सम्भव है कि देश के कुछ क्षेत्रों में अगले लगभग 15 दिनों के बाद लॉकडाउन को पूरे तरह से समाप्त कर दिया जाये।
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प्रोत्साहन और सुधार का विवेकपूर्ण सामंजन
देश की वित्त मंत्री द्वारा लगातार पांच दिनों से की जा रही घोषणाओं में प्रोत्साहन और सुधार का विवेकपूर्ण सामंजन किया गया है। कोविड-19 से उत्पन्न चुनौती को देखते हुए व्यवसाय एवं उद्यम क्षेत्र में उत्पन्न परिस्थिति से निबटने के लिए नीतिगत सुधार के साथ- साथ लॉकडाउन अवधि में आर्थिक स्थिति को दुरुस्त करने के लिए सुविचारित पैकेज प्रस्तुत किया गया है। वित्तमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत आर्थिक सहयोग के अलावा लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराकर तात्कालिक राहत दी गई। इसके अलावा टैक्स रियायत एवं ईपीएफ में सहयोग भी किया गया है।
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अपना जीवन दाँव पर लगाकर भी क्यों सेवा कार्य करते हैं आरएसएस के लोग
चारों और श्रेय लेने की होड़ लगी है। ऐसी स्थिति में संघ प्रमुख भागवत स्वयंसेवकों को मार्गदर्शित करते हुए कहते हैं- हमें निरहंकार वृत्ति से सेवा कार्य में जुटना चाहिए। हम जो कर रहे हैं, उसमें समाज की सहभागिता है, इसलिए उसका श्रेय स्वयं न लेकर दूसरों को देना चाहिए। देश के किसी भी हिस्से में, जब भी आपदा की स्थितियां बनती हैं, तब राहत/सेवा कार्यों में राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ के कार्यकर्ता बंधु अग्रिम पंक्ति में दिखाई देते हैं। चरखी दादरी विमान दुर्घटना, गुजरात भूकंप, ओडिसा चक्रवात, केदारनाथ चक्रवात, केरल बाढ़ या अन्य आपात स्थितियों में संघ के स्वयंसेवकों ने पूर्ण समर्पण से राहत कार्यों में अग्रणी रहकर महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। अब जबकि समूचा देश ही कोरोना जैसे महामारी से जूझ रहा है, तब भी संघ के स्वयंसेवक आगे आकर सेवाकार्यों में जुटे हुए हैं।
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पीएम ने दिया 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज
विचारों, नये इंसानी रिश्तों, नये सामाजिक संगठनों, नये रीति-रिवाजों और नयी जिंदगी की हवायें लिए हुए आत्मनिर्भर भारत की एक ऐसी गाथा लिखी जाएंगी, जिसमें राष्ट्रीय चरित्र बनेगा, राष्ट्र सशक्त होगा, न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र हस्ती और पहचान लेकर उपस्थित होगा।
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मयखानों की भीड़ कहीं अस्पतालों में कोरोना मरीजों की लाइनेंना लगवा दे
शराब के ठेकों पर उड़ाई जा रही सोशल डिस्टेंसिंग की धजिज्यां
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न्यायपालिका के दबाव में होने का दुष्प्रचार करने वाले जरा गिरेबाँ में झाँक कर देखें
राम मंदिर, राफेल, पीएम केयर, कोरोना, प्रवासी मजदूर पर यह झूठ खड़ा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार के आगे नतमस्तक है। इस नए नैरेटिव के बीच सवाल यह है क्या वाकई न्यायपालिका को मौजूदा सत्ता ने भयादोहित कर रखा है ? सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान मोदी सरकार के विरुद्ध लाई गईं तीन याचिकाएँ न केवल खारिज की हैं बल्कि प्रशांत भूषण जैसे वकील को चेतावनी जारी कर यहां तक कहा कि आप पीआईएल लेकर आये हैं या पब्लिसिटी याचिका।
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Open Eye News Magazine Description:
Publisher: Open Eye Media Publications
Category: News
Language: Hindi
Frequency: Monthly
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