Modern Kheti - Hindi Magazine - 15th October 2022
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Benefits of SRI Technology
नाबार्ड की पहल - 'जोधपुर में कृषि निर्यात सुविधा केंद्र की स्थापना'
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने कृषि क्षेत्र संवर्द्धन कोष के तहत जोधपुर में कृषि एवं खाद्य पदार्थों के निर्यात सुविधा केंद्र (एईएफसी) की स्थापना की स्वीकृति दी है।
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चलंत मसला - क्या पराली प्रबंधन के लिए हो रहे प्रयास सार्थक होंगे?
किसान पहले ही ऋण के बोझ के नीचे दब रहे हैं। पराली प्रबंधन के लिए हो रहे खर्च को सहन करने में किसान असमर्थ नजर आ रहे हैं।
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किसान के आईआईटी ग्रेजुएट बेटे ने किया 'फसल' एग्रीटेक का इनोवेशन
सेंसर आधारित ये तकनीक मिट्टी में नमी से लेकर मिट्टी में पोषण का स्तर, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन के कारण फसल के रोग, कीटों की संभावना का वैज्ञानिक विश्लेषण करके किसानों को मोबाइल पर अलर्ट देता है, जिससे कि किसान पहले से ही सतर्क हो जायें और फसल में बचाव के उपाय कर लें।
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पौधा विज्ञानी - डॉ. गैबीज़ा ईजेटा
डॉ. ईजेटा ने अनेक साइंस एवं प्रोग्राम पुनः निरीक्षण पैनल, तकनीकी कमेटियां, एवं प्रमुख खोज एवं विकास संस्थानों की सलाहकारी समितियों में अपनी सेवा निभाई।
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मवेशियों और पशुपालकों के लिए वरदान चारे का आचार
आचार में जानवरों के लिए चुनिंदा तत्व होते हैं, इसलिए इसे जानवरों के लिए वरदान कहा जाता है। इन फसलों के लिए पौधों की सुरक्षा जरूरी है। समय बचाने के लिए, समय का सदुपयोग करने के लिए हरे चारे का अचार पशु, पशुपालन के लिए वरदान साबित होता। इसे अपनाना समय की मांग है।
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शिमला मिर्च को कीट-रोग से बचाएं
मिर्च व शिमला मिर्च में डेंपिंग ऑफ तथा चूसकनाशी जीवों का प्रबंधन करने के लिए विश्वसनीय स्त्रोत से प्राप्त ट्राईकोडर्मा से 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से या इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्ल्यूएस का 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार करें, जिससे कि प्रारंभिक स्थितियों में ही नाशीजीवों का प्रबंधन किया जा सके।
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प्राकृतिक खेती: रासायनिक जहर युक्त खेती का एक समाधान
गोबर के साथ पानी में अन्यः पदार्थ जैसे गोमूत्र, पेड़ के नीचे की उर्वरा मिट्टी, गुड़ और दाल का आटा मिलाकर बनाया जाता है। जीवामृत पौधों की वृद्धि और विकास के साथ मिट्टी की सरंचना सुधारने में मदद करता है, यह पौधों की प्रतिरक्षा क्षमता को भी बढ़ाता है।
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पीली क्रांति के लिए सरसों की एस आर आई तकनीक
कैबो बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार खाद्य तेल की वार्षिक खपत 2030 तक 34 मिलियन टन से भी अधिक होने की संभावना है। मौजूदा रूस-यूक्रेन के युद्ध से सूरजमुखी के तेल के आयात को प्रभावित किया जिससे इंडोनेशिया के पाम ऑयल पर प्रतिबंध लगने से हमारे देश में तेल की कीमतों में बहुत उछाल आया जिस कारण लोग तेल की बढ़ती कीमतों से निराश दिखाई दिए। तेल बीज फसलों अधीन अधिक बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली यद्यपि हरित क्रांति की शुरुआत बहुत पहले से हो गई थी।
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खाद्य तेल फसलों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता
हमारा देश अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने लायक भी खाद्य तेल का उत्पादन नहीं कर रहा। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य तेल आयात करने वाला देश है।
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आलू की उन्नत खेती कैसे करें
सब्जियों में आलू का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी उत्पादन क्षमता अन्य फसलों से अधिक है। इसलिए इसे अकाल नाशक फसल भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सभी सब्जियों के साथ व एकल रूप में दोनों तरीके से भी किया जाता हैं। इससे कई प्रकार के व्यंजन भी तैयार किए जाते है। इसकी बाजार में 2 महीने मांग बनी रहती है। इसे यदि सब्जियों का राजा कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा। इसी के साथ ही किसानों के लिए भी यह फसल बहुत फायदा देने वाली है क्योंकि इसकी डिमांड मंडी में हर मौसम में रहती है।
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जीरे की उन्नत खेती से अधिक लाभ प्राप्त करें
उन्नत तकनीकों के प्रयोग द्वारा जीरे की वर्तमान उपज को 25-50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
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ग्वारपाठा: औषधीय गुणों से भरपूर सूखे का वरदान
ग्वारपाठा सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्राकृतिक रूप से मिलता है तथा अनेक नाम से जाना जाता है जैसे घृतकुमारी, एलोवेरा, इंडियन एलो, कुवांरपाठा, इत्यादि।
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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:
Publisher: Mehram Publications
Category: Business
Language: Hindi
Frequency: Fortnightly
Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.
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