Sarita Magazine - December Second 2019
Sarita Magazine - December Second 2019
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In this issue
For more than 6 decades, Sarita has been one of the most trusted voices of social change.. The magazine features insightful commentary on social and political issues, thoughtful and entertaining fiction, as well as a distinctive mix of articles on subjects ranging from economy, travel, health, poetry, life and entertainment. It has remained one of most widely read Hindi magazines over the last seven decades.
थाई संस्कृत की झलक दिखलाता - नांगनुज गाँव
दक्षिणपूर्व एशिया स्थित देश थाईलैंड का भारत भूमि से बहुत पुराना नाता है. यहां की सभ्यता, संस्कृति की झलक देखने नांगनुच गांव जाइए, नजारा कुछ अलग ही नजर आएगा.
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जीने दो और जियो
'जीने दो और जियो? जिंदगी का यही फलसफा था आशा का. अपनी बहू अर्चना को भी उन्होंने अपनी इस सोच के चलते बिंदास जीने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया था. लेकिन खुश होने की बजाय अर्चना अनमनी सी क्यों रहती थी?
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धर्म का धंधा
जी हां, मैं ही हूं असली शंकराचार्य, इस बात की पूरी गारंटी है. किस में दम है जो मुझे झूठा साबित कर दे.
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सरित प्रवाह
महाराष्ट्र में शिवसेना राज
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तुम मेरी हो
बेकुसूर होते हुए भी है . शीतल बेवजह खुशियों से दूर जिंदगी जीने को मजबूर थी. सारांश की नजरों ने उस के दिल के जख्मों को देख लिया था. लेकिन, कुछ कर पाया वह शीतल के लिए?
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गौभक्त का उन्माद
गौभक्ति ब्राह्मणों के लिए दोहरे फायदे का धंधा साबित होती रही है इसलिए गौदान की महत्ता से धर्मग्रंथ रंगे पड़े हैं. लेकिन इस खेल का दूसरा पहलू भी कम दिलचस्प नहीं, जो आंखें खोलता हुआ है.
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ऐसा भी होता है
मेरा तबादला दूसरे शहर में हो चुका था. माह के 2 इतवार में परिवार से मिलने जाता था और सभी व्यवस्था कर देता था.
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नकदी चलन रोक नहीं पाई नोटबंदी
नोटबंदी के वक्त जो दावे किए गए थे वे खरे नहीं उतरे. साफ दिख रहा है कि जब तक देश में रिश्वत और चढ़ावे का चलन रहेगा, कैश ही चलेगा.
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दिन दहाड़े
मेरे पति अपने औफिस अपनी कार से जा रहे थे कि 2 लड़के अपना स्कूटर रोक कर बोलने लगे कि अंकल, आप की कार से शायद तेल सा निकल रहा है. पति गाड़ी से उतर कर पीछे जा कर देखने लगे.
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रात्रि में ही विवाह क्यों
विवाह जैसी पारंपरिक प्रथा के लिए हमें रिश्तों और रस्मों को महत्त्व देना चाहिए बजाय दिखावे और शोशेबाजी के. तो क्यों नहीं खुशनुमा शुरुआत के लिए सोच में बदलाव लाया जाए.
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सर्दी में होने वाले दर्द कैसे करें मुकाबला
आज की भागदौड़भरी जिंदगी में खानपान की अनदेखी किए जाने के चलते शरीर की सर्दी झेलने की क्षमता कम हो जाती है. सो, सर्दी के मौसम में शरीर में दर्द होने की समस्या आम देखी जाती है. ऐसे में सभी, खासकर मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों, को पहले से सावधान हो जाना बेहतर है.
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आप के पत्र
“सरकार का रुख' शीर्षक से प्रकाशित संपादकीय पढ़ कर अच्छा लगा. आप ने रामजन्मभूमि और कश्मीर विषयों पर टिप्पणी करते हुए सही लिखा है कि इन के हल होने से न तो सड़कें बनेंगी और न ही बीमारियां दूर होंगी.
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पिछड़ी शिवसेना ने पछाड़ा भाजपा को
महाराष्ट्र का घटनाक्रम केवल एक राजनीतिक ड्रामा नहीं था बल्कि इस में इतिहास की भी झलक साफसाफ दिखी. अब सारे यूत्र उस वर्ण के हाथ में हैं जो सदियों से पंडापुरोहितवाद से त्रस्त है. उस वर्ण ने महाराष्ट्र में भाजपा के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा रोक लिया है.
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जान बचाने का नहीं जान लेने का हथियार बंदूक
आज जैसे मोबाइल के बिना लोग अपनी जिंदणी कुछ रुकी, कुछ थमीथसी सी महयूस करते हैं वैसे ही बंदूक के बिनाअपनेआप को असुरक्षित मानते हैं. लेकिन, कितना अजीब है बंदूक का इस्तेमाल कि लोग न सिर्फ दूसरे की जान लेने में बल्कि खुद अपनी जान लेने में भी कर रहे हैं
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सेहत का राज साबुत अनाज
बाजार में ओट्स या कहें जई की धूम है. जई को कभी अमीर लोगों की रसोई का हिस्सा नहीं माना गया था पर आज ओट केक, ओट ब्रेड, मैगी बना कर, तो पोहा या दलिया के रूप में ही नहीं और भी तमाम तरीके बता कर इसे बेचा जा रहा है.
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भारत भूमि युगे युगे
भारत भूमि युगे युगे
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थाइरौयड लाइलाज नहीं
थाइरौयड दुनियाभर में एक प्रमुख समस्या है. यह या तो व्यक्ति को कमजोर कर देती है या फिर उसे मोटापे का शिकार बना देती है. थाइरौयड कब, किसे, कैसे हो जाए, यह पता लगाना मुश्किल होता है. थाइरौयड विकार का जल्दी पता लगने से इस की रोकथाम में मदद मिलती है, चाहे यह दवाओं के जरिए हो या जीवनशेली में बदलाव के.
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तुम से मिल कर
अनंत का परिवार जातपांत, ऊंचनीच का लबादा ओढ़े हुए था. रीना की खातिर अनंत ने तो उस खोल को उतार फेंका था लेकिन क्या बाकी लोगों की मानसिकता को बदलने में रीना सफल हो पाई?
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मिलावट
कमलाजी के दोगलेपन को देख कर बीना चिढ़ उठती थी. वह उन के इस व्यवहार के पीछे छिपे मनोवैज्ञानिक तथ्य तक पहुंचना चाहती थी. और जिस दिन उसे वजह पता चली तो उस पर विश्वास करना बीना के लिए मुश्किल हो रहा था.
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उलटा दांव
जितेंद्र गाड़ी में अपने सामने वाली बर्थ पर बैठे 2 युवकों को देख कर बहुतकुछ अनुमान लगा चुके थे. यहां तक कि कुछ ज्यादा ही सपने बुनने लगे थे. लेकिन...
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यह दुनिया उसी की जमाना उसी का
बेचारा जधा. कितना काम करता हेै लेकिन सब की नजरों में बेचारे का बेचारा. मजाल हे कोई उस की कीमत आंक दे. सो, गधे भाई, वक्त आ गया है अपने लिए खुद ही स्टेंड लो.
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स्कूलकालेजों में ड्रैसकोड़ बच्चे और हीचर भी परेशान
स्कूलों तक तो ठीक है लेकिन कालेज में भी ड्रैसकोड को ले कर युवती और युवक इस के पक्ष व विपक्ष दोनों में तर्क दे रहे हैं, यहां तक कि अधिकार और स्वतंत्रता से भी इसे जोड़ा जा रहा है.
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पुलिस या अदालत में जब बयान देने जाएं
गवाहों के बयान ही न्याय की बुनियाद होते हैं क्योंकि अदालत के फैसले गवाहों के बयानों और सुबूतों के आधार पर होते हैं. सो, पुलिस थाने या अदालत में जब बयान देने जाएं तो कुछ बातें ध्यान में रखें.
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पाठकों की समस्याएं
मेरे घर में कुछ हफ्तों से मरम्मत का काम चल रहा था, जिस के चलते हमें बगल वाले घर में किराए पर रहना पड़ रहा था. अब हम वापस अपने घर आ गए हैं. किराए के घर में रहने के जितने पैसे बन रहे थे, मकान मालिक अब उस से ज्यादा पैसा मांग रहे हैं.
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तुझे तेरी वापसी का इंतजार
क्यों खुद को खुद से जुदा करें, जिंदगी बारबार तो नहीं मिलती. फिर क्योंकर हम खुद को भूल जाएं, वक्त की उलझनभरी रफ्तार में.
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मंदिरा बेदी
बौलीवुड अभिनेत्री मंदिरा बेदी अभिनय के अपने शुरुआती दौर में छोटे परदे से ही शोहरत पा गई थीं. आज वे एक सफल बिजनैस वुमन भी हैं और अपनी फिटनैिस के लिए काफी मशहूर हैं. फिल्मों में अपनी सक्रियता और योजनाओं को उन्होंने हमारे साथ साझा किया.
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चंचल छाया
मोतीचूर चकनाचूरशादी पर फिल्में बनाने का ट्रैंड बौलीवुड में अरसे से चला आ रहा है. “बैंड बाजा बरात', “हम आप के हैं कौन', 'विवाह', “तनु वेड्स मनु” और 'शादी का लड्डू” जैसी बहुत सी फिल्में बनीं. इन में से कुछ फिल्में तो खूब चलीं, कुछ फ्लौप हो गईं.
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ये पति
हमारे पड़ोसी थे एक डाक्टर साहब. वे छुट्टी के दिन कई बार घर के कामों में पत्नी का हाथ बंटा दिया करते थे.
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Sarita Magazine Description:
Publisher: Delhi Press
Category: News
Language: Hindi
Frequency: Fortnightly
Sarita Magazine is a fortnightly Hindi magazine published by the Delhi Press Group. It was first published in 1945. The magazine targets women, and embodies the ideology of social and familial reconstruction.
Sarita Magazine is known for its wide range of content, including:
* Family stories: Sarita Magazine features stories about family relationships, including parent-child relationships, husband-wife relationships, and sibling relationships.
* Social issues: Sarita Magazine also covers a variety of social issues, such as gender equality, women's empowerment, and child welfare.
* Culture and tradition: Sarita Magazine also features articles on Indian culture and tradition, including festivals, customs, and beliefs.
* Health and lifestyle: Sarita Magazine also covers health and lifestyle topics, such as nutrition, fitness, and beauty.
* Fashion and entertainment: Sarita Magazine also features articles on fashion and entertainment, including the latest trends in clothing, movies, and music.
Sarita Magazine is a valuable resource for women who are interested in a variety of topics, including family, society, culture, health, lifestyle, fashion, and entertainment. It is a must-read for any woman who is looking to stay informed about the latest trends and developments in these areas.
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