बचपन में भाई-बहनों के साथ टीवी देखने के लिए कितने ज्यादा झगड़े हुआ करते थे, सबको अपनी पसंद का शो देखना होता था। उस समय की तुलना आज के समय से की जाए, तो यह समझ आता है कि आज के बच्चों को स्क्रीन कंट्रोल करने के मौका बहुत कम ही मिलता है। आज के बच्चे जब जो चाहे देख सकते हैं। जहां चाहें वहां अपनी स्क्रीन लेकर जा सकते हैं। एक साथ कई चीजें देख सकते हैं। यही वजह है कि कोरोना के खत्म होने के बाद भी छोटे बच्चों का स्क्रीन टाइम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अधिकतर बच्चा रोजाना कम से कम 1 से 2 घंटे के लिए स्क्रीन टाइम लेता ही है।
स्क्रीन टाइम के कई नुकसान
हम मानें या ना मानें, यह बात बिल्कुल सच है कि बच्चों द्वारा स्क्रीन टाइम लेने के कई खतरनाक नुकसान हैं। इसमें सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि छोटे बच्चे फास्ट पेस वाले शोज देखते हैं, जिसमें दृश्य तेजी से बदलते हैं। बाद में जब बच्चे के लिए जरूरी होता है कि वे पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित करें, तो उन्हें इस वजह से दिक्कत होती है। यह बात अधिकतर लोगों को या तो पता नहीं है या वे जानकर समझना नहीं चाहते हैं या फिर कुछ कर नहीं पाते हैं। इसके अलावा, स्क्रीन के सामने समय बिताने से नींद भी कम आने लगती है, वजन बढ़ने लगता है। यही नहीं, रोजाना टीवी देखने से बच्चों को रोजाना नई चीजें सीखने के लिए कम समय मिलता है, बाहर खुली जगह में खेलने के लिए कम समय मिलता है और दोस्त बनाने का मौका कम मिलता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे के लिए स्क्रीन टाइम को मैनेज करें।
कैसे कम करें स्क्रीन टाइम
Bu hikaye Grehlakshmi dergisinin May 2023 sayısından alınmıştır.
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