धर्म शास्त्र के जानकारों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन को हिंदू नव वर्ष की शुरुआत भी माना जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 से 30 मार्च, 2023 तक है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म अयोध्या में राजा दशरथ के घर हुआ था। नवमी तिथि के साथ प्रभु श्रीराम का नाम जुड़ने से इसे राम नवमी कहा जाता है। राम नवमी का अर्थ श्रीराम के जन्म की तिथि नवमी से है। मान्यता है कि चैत्र महीने में देवी दुर्गा की मूल रूप से पूजा करने पर तमाम मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कब है शुभ मुहूर्त
चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 52 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन 22 मार्च 2023 को रात 8 बजकर 20 मिनट पर इसका समापन होगा। उदयातिथि के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से होगी।
घटस्थापना मुहूर्त: सुबह 06:29- सुबह 07:39 (22 मार्च 2023)
चैत्र नवरात्रि 2023 तिथियां
मां शैलपुत्री की पूजा- 22 मार्च, 2023
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- 23 मार्च, 2023
मां चंद्रघंटा की पूजा- 24 मार्च, 2023
मां कूष्मांडा की पूजा- 25 मार्च, 2023
मां स्कंदमाता की पूजा- 26 मार्च, 2023
मां कात्यायनी की पूजा- 27 मार्च, 2023
मां कालरात्रि की पूजा- 28 मार्च, 2023
मां महागौरी की पूजा- 29 मार्च, 2023
मां सिद्धिदात्री की पूजा- 30 मार्च, 2023
नौ दिन और विशेष पूजा
पहला दिन: मां शैलपुत्री की छवि या मूर्ति को चमेली के फूलों से सजाएं और उनके आशीर्वाद के लिए मंत्र का जाप करें।
या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॐ देवि शैलपुत्र्यै नमः
दूसरा दिन: ब्रह्मचारिणी माता को घी, दूध, शहद, दही और चीनी से बने पंचामृत का भोग लगाएं। इनकी कृपा के लिए निम्न मंत्रों का जाप करें-
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः ।
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः दधाना कर पद्माभ्यामाक्षमाला कमण्डलू ॥
Bu hikaye Grehlakshmi dergisinin March 2023 sayısından alınmıştır.
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