हाईकोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित भारतीय दंड संहिता 1860 के कई प्रावधान लागू किए गए थे। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि आवेदन के साथ समर्थन में शपथ प्रस्तुत नहीं करने पर पुलिस रिपोर्ट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और ना ही वह शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर निरस्त ही की जा सकती है, जब मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई तो यह पाया गया कि सूचना देने वाले ने शपथ पत्र 'देर से' प्रस्तुत किया था। हमारा मानना है कि श्रीमती प्रियंका श्रीवास्तव और अन्य के मामले में इस न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश अनिवार्य हैं। हालांकि, वर्तमान मामले के तथ्यों में, हम पाते हैं कि सूचना देने वाले ने देर से ही सही, शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। प्रियंका श्रीवास्तव निर्णय में यह माना गया कि सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आवेदन को आवेदक के एक हलफनामे द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए जो मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र का आह्वान करना चाहता है। गौरतलब है कि कोई भी न्यायिक मजिस्ट्रेट अपराध पर संज्ञान लेने से पहले सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत जांच का आदेश दे सकता है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के आवेदन नियमित रूप से बिना किसी जिम्मेदारी के और केवल कुछ व्यक्तियों को परेशान करने के लिए दायर किए जा रहे हैं। इसलिए फैसले में मजिस्ट्रेटों को आरोपों की सच्चाई और सत्यता की जांच करने की सलाह दी गई। कोर्ट ने कहा कि यह हलफनामा आवेदक को अधिक जिम्मेदार बना सकता है।
Bu hikaye Rising Indore dergisinin 13 March 2024 sayısından alınmıştır.
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योजना क्रमांक 134 का प्लाट दो बार बिका, अब प्राधिकरण ने कहा क्यों ना आवंटन निरस्त कर दें
मोदी के हर हमले से मिला शरद-उद्धव को फायदा
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान होने के बाद अब जीत और हार पर मंथन शुरू हो गया है। एनडीए-महायुति और इंडिया-महा विकास आघाडी दोनों गठबंधन अपनी अपनाई हुई चुनावी रणनीति के तहत अपने पक्ष के आंकड़ों को खंगालने में जुट गए हैं। बाजी मार लेने का भरोसा तो दोनों गठबंधन को है। लेकिन यह इतना आसान भी नहीं लग रहा है।
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यदि शिकायतकर्ता डटी रहीं तो पूरी उम्र होगी जेल में
सेवाओं में कमी के लिए वकील उत्तरदायी नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि सेवाओं की कमी के लिए वकील को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 (2019 में पुनः अधिनियमित) (Consumer Protection Act) के तहत उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि पेशेवरों के साथ व्यवसाय और व्यापार करने वाले व्यक्तियों से अलग व्यवहार किया जाना चाहिए।
खीरा और ककड़ी गर्मियों का नया मुख्य व्यंजन बन गया
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जोधपुर में निगम ने बनाए कूलिंग स्टेशन
राजस्थान के शहर जोधपुर में गर्मी में तापमान सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे में वहां के नागरिकों को राहत देने के लिए नगर निगम के द्वारा ..कूलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
रेरा ने एम्मार ग्रुप के इंदौर प्रोजेक्ट में संपत्ति के क्रयविक्रय पर लगाई रोक
भू माफिया, बिल्डर द्वारा धोखाधडी किया जाना एक सामान्य बात है और आए दिन कोई ना कोई खरीददार/व्यक्ति ऐसे भूमाफियाओं से प्रताड़ित होते रहते है, किंतु मध्यप्रदेश रेरा प्राधिकरण ने दुबई के Emmar group की कंपनियों की शहर इंदौर में स्थित परियोजना में संपत्ति क्रय-विक्रय, विक्रय पत्र अथवा हस्तांतरण लेख का निष्पादन, संपत्ति का आवंटन, अग्रिम राशि प्राप्त करने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है और साथ ही रुपए 5 लाख का दंड भी अधिरोपित करके ऐसे भूमाफियाओं पर लगाम कसना प्रारंभ कर दिया है।
इंदौर के नागरिक गर्मी से बेहाल नहीं है किसी को चिंता
एक पार्षद की पहल से भी बाकी नहीं जागे
खजराना ब्रिज का काम 90 प्रतिशत पूरा, अगले माह शुरू हो जाएगा ट्रैफिक
जून तक ब्रिज की एक भुजा पर ट्रैफिक शुरू हो जाएगा। इससे चौराहे पर यातायात का दबाव कम हो जाएगा। नंवबर तक दोनो भुजाएं ट्रैफिक के लिए खोल दी जाएगी।