Denemek ALTIN - Özgür
अमेरिका अब चर्च का शिकंजा
Sarita
|November Second 2024
दुनियाभर के देश जिस तेजी से कट्टरपंथियों की गिरफ्त में आ रहे हैं वह उदारवादियों के लिए चिंता की बात है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे ने और बढ़ा दिया है. डोनाल्ड ट्रंप की जीत दरअसल चर्चों और पादरियों की जीत है जिस की स्क्रिप्ट लंबे समय से लिखी जा रही थी. इसे विस्तार से पढ़िए पड़ताल करती इस रिपोर्ट में.
५ नवंबर की अपनी जीत के बाद 6 नवंबर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब फ्लोरिडा स्थित पाम बीच कन्वेंशन सेंटर में भाषण दे रहे थे तब लौबी में उन के सैकड़ों समर्थक इकट्ठा थे और हाउ ग्रेट थू आर्ट (हे ईश्वर तू कितना महान है) गा रहे थे. यह एक ईसाई भजन है जिसे 1885 में एक स्वीडिश कवि और राजनेता कार्लबर्ग ने लिखा था. इस के लंबे चौड़े अनुवाद का सार यह है कि ईश्वर महान हैं, सर्वशक्तिमान है वगैरह वगैरह.
इस भजन की भाषा ठीक वैसी है जैसी हिंदू धर्म में वेदों की ऋचाओं की है. यानी, हरेक छंद में आदमी के अपने पापी और हीन होने का कन्फेशन, पाप, पुण्य, मोक्ष, उद्धार जैसे शब्द और फिर उस महान परमेश्वर से बातबात पर क्षमा मांगना और तरहतरह की याचनाएं करना और फिर बातबात में ही उस का आभार व्यक्त करना आदि है. कार्लबर्ग विकट के पूजापाठी थे जिन की परवरिश ही एक चर्च में हुई थी. इस दिन भीड़ में आकर्षण का केंद्र बने इवेंजेलिकल ईसाईयों ने भी अपने क्लासिक भजनों को गा कर खुशी जताई.
आखिर खुशी जताते भी क्यों न, उन के हिस्से में तो मौका भी था, मौसम भी था और दस्तूर भी था जिसे शब्द देते 2016 से ही ट्रंप के कट्टर इंजील समर्थक रहे डलास के फर्स्ट बैपटिस्ट चर्च के पादरी रौबर्ट जेफ्रेस ने कहा, "यह एक बड़ी जीत है. इवेंजेलिकल्स के लिए कुछ आस्था संबंधी मुद्दे महत्त्वपूर्ण थे. लेकिन इवेंजेलिकल्स भी अमेरिकी हैं. इन्हें आप्रावासन की चिंता है, इन्हें अर्थव्यवस्था की चिंता है. इस ऐतिहासिक करार दी जाने वाली जीत का जश्न स्वाभाविक तौर पर पूरे अमेरिका की सड़कों पर मनाया गया. "
Bu hikaye Sarita dergisinin November Second 2024 baskısından alınmıştır.
Binlerce özenle seçilmiş premium hikayeye ve 9.000'den fazla dergi ve gazeteye erişmek için Magzter GOLD'a abone olun.
Zaten abone misiniz? Oturum aç
Sarita'den DAHA FAZLA HİKAYE
Sarita
पति की मनमानी कब तक करें बरदाश्त
पति और पत्नी का रिश्ता निहायत ही लोकतांत्रिक होता है जिस में किसी एक की भी मनमानी रिश्ते में खटास घोल सकती है और उसे तोड़ भी सकती है.
10 mins
November Second 2025
Sarita
किचन में खाना ही नहीं बल्कि प्यार भी पकाएं
किचन में रोमांस का मजा तब आता है जब पति कुकिंग में पत्नी का हाथ बंटाए. आजकल के कपल्स किचन में रोमांस करने से नहीं हिचकते. किचन रोमांस को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. आइए जानें.
5 mins
November Second 2025
Sarita
दौड़ते पहियों पर जलती चिताएं
देश के हाइवे डेथवे बन चुके हैं. आएदिन उन पर होते भयंकर हादसों में कई लोग अपनी जानें गंवा रहे हैं. सवाल यह कि इन हादसों को रोकने के लिए क्या जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं?
6 mins
November Second 2025
Sarita
समझदारी से खाएं बुद्धिमान कहलाएं
आप क्या खाते हैं, आप की लाइफस्टाइल कैसी है, आप की उम्र क्या है, आप के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य व सोचने से ले कर आप के महसूस करने तक आप को जो प्रभावित करता है वह है आप का खाना यानी आप के पोषण संबंधी विकल्प, जो पेट और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं.
4 mins
November Second 2025
Sarita
औडिशन के नाम पर अपहरण मातापिता के लालच पर उठते सवाल
मुंबई के आर ए स्टूडियो में ऑडिशन के नाम पर 17 बच्चों का अपहरण किया जाना सिर्फ एक आपराधिक घटना ही नहीं है बल्कि इस ने मातापिता, सिस्टम और फिल्म इंडस्ट्री की ऑडिशन प्रक्रिया पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं.
8 mins
November Second 2025
Sarita
पलायन की त्रासदी क्यों झेल रहे हैं कुछ खास राज्य
बिहार के विधानसभा चुनाव में हर बार की तरह इस बार भी पलायन का मुद्दा गायब रहा.
14 mins
November Second 2025
Sarita
शादी में बढ़ रहा दिखावे का चलन
भव्य शादियों के इस दौर में प्यार से ज्यादा दिखावा बड़ा प्रतीक बन गया है. लोग रिश्तों से ज्यादा रुतबा बचाने में जुटे हैं. लोन ले कर, पूंजी गंवा कर, समाज को प्रभावित करने के मोह में डूब कर जब शादी का मतलब प्रतिस्पर्धा में बदल जाए तो क्या वाकई वह जश्न कहलाने लायक रह जाता है?
10 mins
November Second 2025
Sarita
फोन
पति का प्रेम भी बड़ा अनोखा होता है, जब तक पत्नी उस की सेवा करे तब तक संस्कारी. वहीं अगर पत्नी अपने लिए थोड़ा जी तो तोबातोबा. नीरजा को लग रहा था जैसे जीजाजी ने सुमिता जीजी पर अपना कॉपीराइट लगा दिया है.
8 mins
November Second 2025
Sarita
कुरसी से इस्तीफा
राजनीति भी क्या अजीब नखरे वाली प्रेमिका है. जो दिल से चाहो, वही धोखा दे जाती है. यहां इमोशन नहीं, इलैक्शन चलते हैं.
2 mins
November Second 2025
Sarita
कट्टरता के उफान पर सैक्युलर इंडिया
मुसलमान अपने धर्म को ले कर सड़कों पर हैं तो हिंदू भी अपनी आस्थाओं के नाम पर सड़कों पर तांडव कर रहे हैं. सैक्युलर देश में सैक्युलर होना गाली बन गया है. आस्था अपनी जगह है. सभी को अपनी आस्था के साथ जीने का हक है. भारत का संविधान भी धार्मिक आजादी की बात करता है लेकिन धार्मिक आजादी के नाम पर देशभर में यह कैसा तमाशा चल रहा है?
7 mins
November Second 2025
Listen
Translate
Change font size
