वह इतनी बेबाक हैं कि सुपर स्टार को ‘सिली एक्स’ कह चुकी हैं। इतनी हिम्मती कि मुख्यमंत्री को चेतावनी दे चुकी हैं, ‘‘आज मेरा घर टूट रहा है, कल तेरा घमंड टूटेगा।’’ इतनी बिंदास कि फिल्म उद्योग के मठाधीश को उसी के शो में उसके मुंह पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगा देती हैं। न डरती हैं, न झुकती हैं फिर भी फिल्म उद्योग की सफल अभिनेत्री हैं। हिमाचल के छोटे से कस्बे मंडी से मुंबई तक का संघर्षपूर्ण सफर करने वाली कंगना रनौत अब अपने गृहक्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में ताल ठोक रही हैं। उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इस उम्मीदवारी को लोग सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में बोलने का ‘ईनाम’ कह रहे हैं। या मोदी के दावे 400 पार के लिए सितारों की भीड़ में एक और चेहरा कह रहे हैं। वे खम ठोक कर अपने निर्वाचन के क्षेत्र में घूम-घूम अपना प्रचार कर रही हैं।
साल 2014 के बाद से ही फिल्म उद्योग और इससे जुड़े लोगों के लिए तुर्शी लिए उनकी जबान का निशाना घूम गया। अभिनेत्री कंगना, मुखर राष्ट्रवादी कंगना में तब्दील हो गईं। मुद्दा चाहे राम मंदिर का रहा हो या जेएनयू का, सांप्रदायिक हिंसा का रहा हो या किसी घोर राजनीतिक घटना का, कंगना पार्टी की प्रवक्ता के जैसे बेबाक टिप्पणियां करने लगीं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कंगना रणौत के बयान ऐसे ट्रेंड करने लगे कि एक बार तो ट्विटर ने उनका अकाउंट तक सस्पेंड कर दिया था।
कंगना का मकसद महज चुनाव भर जीतना नहीं है। उनके इरादे से ही लगता है कि वे अच्छी राजनीतिज्ञ बन कर रहेंगी। अभिनय की दुनिया से राजनीति में आईं तमाम कलाकारों के बीच उन्हें अपनी जगह बनानी है। ऐसी जगह जहां उन्हें न ‘भूतो न भविष्यति’ कहा जा सके। हर पार्टी के पास जब फिल्मी जगत के सितारों की भीड़ है, तब कंगना ऐसा क्या करें कि लोग उन्हें याद रख पाएं।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin April 29, 2024 sayısından alınmıştır.
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