मेजों की थपथपाहट और जय श्रीराम तथा वंदेमातरम् की जोरदार गूंज के बीच राज्य विधानसभा ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मसौदा विधेयक को पारित कर दिया. इसके साथ ही विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामलों में सभी धर्मों के लिए समान नागरिक कानूनों का रास्ता साफ हो गया.
विवाह, तलाक, गोद लेने और उत्तराधिकार सरीखे मामलों में लागू नागरिक कानून संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत आते हैं और इस पर राज्यों और केंद्र दोनों को कानून बनाने का अधिकार है. हालांकि, किसी विवाद की स्थिति में केंद्र का कानून ही मान्य होता है. उत्तराखंड में पारित यूसीसी में थोड़े-बहुत बदलावों के साथ भाजपा शासित गुजरात और असम में भी इसी तरह का कानून बनाने की तैयारी चल रही है और मार्च मध्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही इन्हें मंजूर कराया जा सकता है. यूसीसी पर उत्तराखंड में लाए गए अपनी तरह के पहले विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अगुआई वाली समिति ने व्यापक चर्चा की. इसने चार खंड में 749 पन्नों की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया और कई सिफारिशें कीं. दूसरी तरफ, केंद्र अभी देशव्यापी यूसीसी पर विधि आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. खैर, नया कानून राष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा गर्माए रखने के लिए काफी है. राम मंदिर उद्घाटन, ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाने में हिंदुओं को पूजा की अनुमति मिलने, अनुच्छेद 370 रद्द होने और सीएए यानी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर जारी बहस के बीच यूसीसी ने आम चुनाव से पहले हिंदुत्व के मुद्दे को और धार दे दी है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin February 21, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin February 21, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
फिर आ गया हूं मैं
फिल्म टिप्सी के जरिए सनसनीखेज वापसी करने के साथ दीपक तिजोरी कई और नए प्रोजेक्ट्स के जरिए अपने लिए नए-नए मुकाम बनाने की राह पर
चुनौतियों के बीच नया चेहरा
क्लासिक, म्यूजिकल, रियलिस्टिक नाटकों के नियमित शो; दूरदराज की आंचलिक जमीन से आए ताजगी से भरे कलाकार; और महत्वाकांक्षी प्लानिंग. देश के इस राष्ट्रीय रंगमंडल ने बढ़ी हलचलों से जगाई उम्मीद
परचम लहराती सरपंच
राजस्थान की उस सरपंच की कहानी जिसने अलग सोच, हौसले और मेहनत के बलबूते खेत से संयुक्त राष्ट्र तक लहराया परचम
सेना की गोरखा गुत्थी
कोरोना महामारी और अग्निपथ योजना के नेपाली विरोध से भारतीय सेना में गोरखा भर्ती थमी, गोरखा फौजियों की घटती संख्या देश के लिए रणनीतिक चिंता का विषय, खासकर इन अटकलों से कि इन लाजवाब लड़ाकुओं पर चीन की भी नजर है
वोटों की फसल, किसानों पर नजर
उत्तरी राज्यों में पसरे कृषि संकट के बीच किसानों में अपनी पैठ बनाने के लिए भाजपा ने व्यावहारिक नजरिया अपनाया, तो विपक्ष भी भारत के इस सबसे बड़े मतदाता तबके को रिझाने की जुगत में
पीले बालू के लिए लाल होती सोन नदी
बिहार में आखिरी चरण के चुनाव में चार सीटों का जुड़ाव कहीं न कहीं सोन नद से है. मगर अंधाधुंध रेत खनन, बराज पर गाद का जमाव और इनकी वजह से लोगों की आजीविका, खेती और दूसरे संकटों के सवाल पर इस चुनाव में कोई चर्चा नहीं
"बाल-बच्चा पियासल रहेगा तो पीएम-सीएम बनाने का क्या फैदा"
कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ पर बसे 108 गांवों में महिलाएं आज भी पानी ढोकर ला रहीं. सोलर बिजली भी कुछेक घरों में चंद घंटे के लिए. मोबाइल नेटवर्क तो ईश्वर को तलाशने जैसा
तिलों में बाकी तेल है कितना
उत्तर प्रदेश में छठे और सातवें चरण का लोकसभा पूर्वी यूपी में पिछड़ी जाति के कई दिग्गज नेताओं का कद तय करने जा रहा
जी जान से सुक्खू का अभियान
लगातार दो जीत के घोड़े पर सवार भाजपा को हिमाचल में मोदी मैजिक पर भरोसा है. मुश्किलें झेल रहे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गुटबाजी की शिकार कांग्रेस की उम्मीद 2022 के विधानसभा चुनाव की जीत पर टिकी है
आखिर क्यों महत्वपूर्ण हैं आदिवासी वोट
देशभर में आदिवासियों के लिए सुरक्षित लोकसभा की 47 सीटें पीएम मोदी के 400 पार अभियान के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण लेकिन 2019 के मुकाबले इस बार इन्हें जीतना शायद उतना आसान नहीं