आप ने एक्सटोर्शन यानी जबरन वसूली के बारे में सुना होगा जो एक जमाने में ठगी करने का एक तरीका हुआ करता था. लेकिन डिजिटलीकरण के इस युग में अब साइबर ठग आ गए हैं जो सोशल मीडिया पर सैक्सटोर्शन कर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं. पढ़ने में भले ही अजीब लगे पर यह सच है. आजकल साइबर ठग लोगों से सैक्सुअल ब्लैकमेलिंग यानी सैक्सटोर्शन से वसूली कर रहे हैं. इस में वे पहले दाना डालते हैं, फिर लड़की बन कर या महिला के साथ मिल कर इंटिमेट बातें करते हैं और प्राइवेट जानकारियां इकट्ठा कर ब्लैकमेल करते हैं. पहले यह ट्रैंड अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में देखने को मिला था लेकिन अब यह भारत में भी हो रहा है.
ऐसा ही हाल ही में एक मामला भरतपुर के गांव कैथवाडा में सामने आया जहां एक गिरोह सोशल साइट्स पर लोगों से दोस्ती कर उन की न्यूड वीडियो तैयार कर सैक्सटोर्शन किया करता था. इसी से तंग आ कर एक शिकायतकर्ता ने गिरोह के खिलाफ पुलिस को शिकायत में बताया कि 16 अगस्त को उसे अर्चना शर्मा नाम की एक महिला का व्हाट्सऐप संदेश मिला. उस ने खुद को टीचर बता कर बातचीत शुरू कर दी.
धीरेधीरे महिला ने मोबाइल पर वीडियो कौल कर अश्लील बात करनी शुरू की. उस ने अपने कपड़े उतारने के बाद उसे भी कपड़े उतारने के लिए कहा. ऐसा करते हुए उस ने शिकायतकर्ता की निजी हरकतों की वीडियो को रिकौर्ड कर लिया. वह इस तरह उस की अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दे कर 25,000 रुपए की मांग करने लगी.
आरोपी गिरोह ने उस से 3,100 रुपए गूगल पे करवा लिया. अब 15,000 रुपए की मांग कर धमकाने लगे परेशान हो कर शिकायतकर्ता ने इस बात की शिकायत पुलिस से की. पुलिस टीम ने शिकायत की जांच के आधार पर आरोपियों को राजस्थान से ट्रैस कर गिरफ्तार किया.
Bu hikaye Mukta dergisinin October 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Mukta dergisinin October 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
वायरल रील्स
सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ नया ट्रैंड होता रहता है. ऐसे कई लोग हैं जो अपनी हरकतों से वायरल हो जाते हैं.
आयुषी खुराना - हौट लुक के सहारे
अभिनेत्री आयुषी खुराना बचपन से नृत्यकला से जुड़ी रही हैं. हालांकि वे शुरू में कोरियोग्राफी करने की इच्छा रखती थीं लेकिन जीवन ने उन के लिए अलग योजनाएं बनाईं, जिस से वे एक अभिनेत्री बन गईं.
इन्फ्लुएंसर्स करते पौयजनस फूड का प्रचार लोग होते बीमार
सोशल मीडिया पर ऐसे फूड व्लौगर धड़ल्ले से आ गए हैं जो व्यूज पाने के लिए जहांतहां कैमरा उठा कर निकल पड़ते हैं और ऐसे खाने के रैस्टोरैंटों, दुकानों, गुमटियों को ढूंढ़ते हैं जो अपने खाने में अजीबोगरीब एक्सपैरिमैंट करते हों.
भगत सिंह का लव कन्फैशन
भगत सिंह ने सुखदेव को पत्र लिखा जिस में प्रेम का जिक्र है. उन के लिए प्रेम का अर्थ क्या था, यह आज रील्स में डूबे युवा कितना जान पाएंगे.
वर्चुअल रियलिटी - झूठी दुनिया का सच
वर्चुअल रियलिटी ऐसी दुनिया में ले कर जाता है जो असल नहीं है लेकिन यह कितना इफैक्टिव है, यह इस के योगदान से समझा जा सकता है. वीआर आज हर जगह अपने कदम बढ़ा रहा है. माना जा रहा है कि यह भविष्य को आकार देने में भूमिका निभाएगा.
नोरा फतेही - आइटम डांस गर्ल का ग्लैम कब तक
नोरा फतेही का कैरियर अभी तक अपने डांस और आइटम नंबरों पर ही बेस्ड रहा है. ऐक्टिंग में उन्हें सीमित भूमिकाएं ही मिली हैं. ऐक्टिंग के लिए उन्हें रखा भी नहीं जाता. शो पीस जैसी दिखाई देती हैं वे. लुक्स और ग्लैमर पर निर्भर उन का कैरियर बौलीवुड में अपने पैर नहीं जमा सकता.
सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां
सोशल मीडिया पर धर्मप्रचारकों व कथावाचकों की रील्स खूब ठेली व देखी जाती हैं. इन कथावाचकों की अधिकतर टिप्पणियां युवतियों व महिलाओं पर होती हैं. यह नैतिक शिक्षा के नाम पर समाज को सैकड़ों साल पीछे धकेलने की साजिश है.
प्रोजैक्टर्स पढ़ाई और काम के लिए
प्रोजैक्टर एक छोटी सी डिवाइस है जिस की हैल्प से आप परदे की एक बड़ी स्क्रीन तैयार कर सकते हैं. प्रोजैक्टर हाई रिजोल्यूशन पिक्चर क्वालिटी देता है. इस का इस्तेमाल करना बड़ी आसानी से सीखा जा सकता है. कोई भी इस का इस्तेमाल घर या औफिस और क्लास में आसानी से कर सकता है. बाजार में ये हर क्वालिटी और कीमत में मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी सहूलियत के अनुसार खरीद सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रोजैक्टर्स के बारे में जो बाजार में मौजूद हैं.
डिजिटलीकरण के दौर में गायब हुए नुक्कड़ नाटक
एनएसडी और एफटीआईआई जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र भी अब बड़ेबड़े घरानों से आने लगे हैं. यहां सरकार का दखल भी बढ़ गया है. छात्र अब नुक्कड़ नाटकों में दिलचस्पी नहीं दिखाते.
क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स
सोशल मीडिया पर सरकार का समर्थन करने वाले क्रिएटर्स से अधिक वे क्रिएटर्स देखे जा रहे हैं जो या तो सरकार की नीति का खुल कर विरोध कर रहे हैं या बैलेंस्ड कंटैंट दे रहे हैं. ध्रुव राठी, रवीश कुमार, आकाश बनर्जी, श्याम मीरा ऐसे तमाम नाम हैं जिन की व्यूअरशिप काफी है.