तनाव, स्ट्रेस, टेंशन। जरा सोचें तो आप भी मानेंगे कि ये तीन शब्द जो आज हर किसी के आसपास मंडराते रहते हैं, इन तीनों शब्दों का ज्यादा ना सही तो पांच-दस वर्ष पहले तक तो केवल डिक्शनरी में ही स्थान था। हां, मन नहीं लग रहा है, कुछ अच्छा नहीं लग रहा है या बहुत बोर हो रहे हैं, जैसे वाक्य जरूर आमतौर पर कभी-न-कभी लोगों के होंठों पर आ जाते थे और उसका इलाज भी बड़ा ही आसान सा होता था। थोड़ा-बहुत बाहर घूम आना, किसी दोस्त से गपशप कर लेना, फिल्म देखने चले जाना, या बहुत हुआ तो हिम्मत करके एक-आध सिगरेट सुलगा लेना, लेकिन इधर पिछले कुछ दशकों में इन तीन शब्दों ने अलादीन के जिन्न की तरह, न केवल हमारे दिलो-दिमाग पर कब्जा कर लिया है, वरन् इसके पंजों में फंसने वाले के दिलों से खुशी भी जैसे काफूर बनकर उड़ गई है और इस खुशी के गायब होने के नकारात्मक प्रभाव की सीमाएं कहां तक फैली हैं, इसका अगर विस्तार से वर्णन किया जाए, तो पन्ने के पन्ने रंगे जा सकते हैं।
डॉक्टर मानते हैं कि यह तनाव जिन पर हावी हो जाता है, उनकी या तो नींद बिल्कुल ही गायब हो जाती है या वह बहुत अधिक सोने लगते हैं। आमतौर पर याद रखने वाली चीजें, बल्कि कभी-कभी तो रोजमर्रा के काम भी याद नहीं रहते। किसी भी चीज पर फोकस नहीं हो पाता है और आसानी से किसी नतीजे पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। निर्णय क्षमता प्रभावित होती है और हर चीज में कमी देखना आदत बन जाती है।
भूख या तो बिल्कुल खत्म हो जाती है या बहुत ज्यादा लगने लगती है, इसके अलावा कब्ज, जी मतलाना जैसी समस्याएं तो आमतौर पर ही सर उठाने लगती हैं। जाहिर है कि शारीरिक और मानसिक स्तर पर जब ऐसी स्थितियों से सामना करना पड़ता है, तो दिल में खुशी कहां रुकने वाली है!
तनाव में होता है बेहद तेज सर दर्द
Bu hikaye Sadhana Path dergisinin May 2023 sayısından alınmıştır.
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उत्साह एवं उमंग का त्यौहार बैसारवी
बैसारवी के दिन पंज प्यारों का रूप धारण कर इनका स्मरण किया जाता है। इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है। उत्तर भारत में बैसारवी को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
धर्म-कर्म और उनका वैज्ञानिक महत्व
पूजा और धर्म-कर्म से जुड़े जिन नियमों का पालन आप हमेशा से करते आ रहे हैं, क्या आप उनका असल अभिप्राय जानते हैं?
हनुमान साधना के अद्भुत चमत्कार
रामभक्त श्री हनुमान को कलियुग में प्रत्यक्ष देव माना जाता है। श्री राम के आशीर्वाद के फलस्वरूप राम से अधिक हनुमान की पूजा जन सामान्य में प्रचलित है। हनुमान जी रुद्र के ग्यारहवें अवतार हैं, इसीलिए तंत्रोपासना में भी इन्हें उतना ही महत्त्व प्राप्त है, जितना कि वैष्णव परंपरा में। प्रभु हनुमान का आराधक दूसरों द्वारा किए गए तंत्र प्रयोगों के सहज रूप से अछूता रहता है।
सूर्यग्रहण एवं इससे जुड़ी सावधानियां
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूर्ण या आंशिक रूप से एक रेखा में आ जाते हैं। वे संरेखित होकर एक अनोखा व रोमांचक दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जो पृथ्वी वासियों के लिए अत्यंत कौतूहल का विषय बन जाती है।
किशोरों के जीवन में हस्तक्षेप की सीमारेखा अनिवार्य है
यदि हम बच्चों पर अपनी पसंद थोप देंगे तो इसकी संभावना अधिक है कि वे अपने दोस्तों के बीच में उपहास के पात्र बन जाएं। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है जो हर तरह से उनकी उन्नति में बाधक होगा।
सुहागिनों का लोक पर्व गणगौर
होली के दूसरे दिन से ही गणगौर का त्यौहार आरंभ हो जाता है जो पूरे सोलह दिन तक लगातार चलता रहता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वती जी को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। सुहागिनें व्रत धारण करने से पहले रेणुका (मिट्टी) की गौरी की स्थापना करती हैं एवं उनका पूजन करती हैं।
चैत्र नवरात्रि पर भगवान श्रीराम की पूजा का क्या है महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी कहते हैं और मानते हैं इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था इसीलिए यह पर्व रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
आंखों का दुश्मन ग्लूकोमा
ग्लूकोमा एक नेत्र रोग है, जो आंख के अंदर के द्वव्य का दबाव बढ़ने से होता है । इलाज न करवाने पर इंसान अंधा भी हो सकता है।
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की । इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
गर्भावस्था के दौरान दांतों का रखें ऐसे ख्याल
गर्भावस्था के दौरान दांतों की समस्या गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में दांतों की ख़ास देखभाल की जरूरत होती है।