आज का मुख्य विषय है व्यापार किसे कहते हैं? सिर्फ धन उपार्जन को व्यापार नहीं कहते हैं। धन उपार्जन तो कई अनैतिक एवं असंवैधानिक क्रियाओं से भी किया जा सकता है। धन उपार्जन करते समय धर्म, नीतिशास्त्र, सरकार के नियम एवं निर्देशन का पालन करते हुए लोकहित (कई परिवारों का भरण पोषण) के लिए किया गया कर्म, जिससे धन उपार्जन हो, 'व्यापार' कहलाता है। दो व्यापारियों की जानकारी मैं आपको देने का प्रयास कर रहा हूं। मेरा लिखने का मुख्य उद्देश्य है व्यापार को सफल बनाने में आपका सहयोगी बन जाऊं । प्रथम एवं सफल व्यापारी का नाम संजय (काल्पिनिक नाम) है। आपने व्यापार शुरू करने के पहले निम्नलिखित क्रियाएं की-
1. ज्योतिष शास्त्री से मुहूर्त निकलवाकर काम का शुभारंभ करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्री से पूछने पर क्या होता है ? शास्त्र अनुकूल अच्छे समय का ज्ञान होता है एवं आपके अंदर यह विश्वास बढ़ जाता है कि मैंने अच्छे समय में काम चालू किया। सकारात्मक बनाने में अच्छा मुहूर्त सहयोगी होता है।
2. जमीन के खरीद-फरोख्त करने वाले व्यापारी या एजेंसियों से संपर्क करके जमीन खरीदने की क्रियाएं पूर्ण की जाती है।
3. जमीन खरीदने के पहले वास्तुविद को दिखाकार उनके निर्देश अनुसार ही भूखंड का चयन किया तो आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा, सकारात्मक सोच शुरू हो गये और आत्मविश्वास से दृढ़ हो गए कि मैंने ज योतिषी और वास्तुशास्त्री को भी दिखा लिया है। आपके कार्य करने की शैली के अंदर होश के साथ जोश भी आ जाता है। इसलिए कहावत है, 'हिम्मते मरदां, मददे खुदा।'
4. निर्माण काम शुरू करने के लिए वास्तुकार ( इंजीनियर) एवं वास्तुशास्त्रों के निर्देशों का पालन किया गया।
5. टेंडर निकालकर ठेकेदार का चयन किया गया। ठेकेदार की पूरी जानकारी प्राप्त कर काम की शुरुआत की गई।
Bu hikaye Sadhana Path dergisinin December 2022 sayısından alınmıştır.
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उत्साह एवं उमंग का त्यौहार बैसारवी
बैसारवी के दिन पंज प्यारों का रूप धारण कर इनका स्मरण किया जाता है। इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है। उत्तर भारत में बैसारवी को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
धर्म-कर्म और उनका वैज्ञानिक महत्व
पूजा और धर्म-कर्म से जुड़े जिन नियमों का पालन आप हमेशा से करते आ रहे हैं, क्या आप उनका असल अभिप्राय जानते हैं?
हनुमान साधना के अद्भुत चमत्कार
रामभक्त श्री हनुमान को कलियुग में प्रत्यक्ष देव माना जाता है। श्री राम के आशीर्वाद के फलस्वरूप राम से अधिक हनुमान की पूजा जन सामान्य में प्रचलित है। हनुमान जी रुद्र के ग्यारहवें अवतार हैं, इसीलिए तंत्रोपासना में भी इन्हें उतना ही महत्त्व प्राप्त है, जितना कि वैष्णव परंपरा में। प्रभु हनुमान का आराधक दूसरों द्वारा किए गए तंत्र प्रयोगों के सहज रूप से अछूता रहता है।
सूर्यग्रहण एवं इससे जुड़ी सावधानियां
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूर्ण या आंशिक रूप से एक रेखा में आ जाते हैं। वे संरेखित होकर एक अनोखा व रोमांचक दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जो पृथ्वी वासियों के लिए अत्यंत कौतूहल का विषय बन जाती है।
किशोरों के जीवन में हस्तक्षेप की सीमारेखा अनिवार्य है
यदि हम बच्चों पर अपनी पसंद थोप देंगे तो इसकी संभावना अधिक है कि वे अपने दोस्तों के बीच में उपहास के पात्र बन जाएं। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है जो हर तरह से उनकी उन्नति में बाधक होगा।
सुहागिनों का लोक पर्व गणगौर
होली के दूसरे दिन से ही गणगौर का त्यौहार आरंभ हो जाता है जो पूरे सोलह दिन तक लगातार चलता रहता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वती जी को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। सुहागिनें व्रत धारण करने से पहले रेणुका (मिट्टी) की गौरी की स्थापना करती हैं एवं उनका पूजन करती हैं।
चैत्र नवरात्रि पर भगवान श्रीराम की पूजा का क्या है महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी कहते हैं और मानते हैं इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था इसीलिए यह पर्व रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
आंखों का दुश्मन ग्लूकोमा
ग्लूकोमा एक नेत्र रोग है, जो आंख के अंदर के द्वव्य का दबाव बढ़ने से होता है । इलाज न करवाने पर इंसान अंधा भी हो सकता है।
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की । इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
गर्भावस्था के दौरान दांतों का रखें ऐसे ख्याल
गर्भावस्था के दौरान दांतों की समस्या गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में दांतों की ख़ास देखभाल की जरूरत होती है।