लाश जिस व्यक्ति की थी, उस की उम्र 35 साल के आसपास थी. खाकी रंग का पाजामा और सफेद रंग की हाफ बाजू की कमीज पहने हुए था. उस की बाईं आंख पर चोट के निशान थे. सूजन भी थी. लग रहा था जैसे उस की आंख पर घूंसे मारे गए हैं.
उस की गरदन पर रस्सी के दबाव से बने नीले निशान साफ दिखाई पड़ रहे थे, इस से जाहिर होता था कि रस्सी के द्वारा गला घोंट कर इस को मारा गया है. एसआई जयकिशन ने मृतक के पाजामा और कमीज की जेबें टटोलीं, लेकिन उन में थोड़े से रुपयों के अलावा ऐसी कोई चीज नहीं मिली, जिस से उस की पहचान हो सकती थी.
पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में रहने वाली निशा वर्मा सुबह जल्दी जाग गई थी, उस के पति राजेश को एक रिश्तेदारी में करनाल (हरियाणा) जाना था. निशा ने उठ कर पति के लिए चायपरांठे बनाए और उसे नाश्ता करवाने के बाद सफर के लिए रवाना कर दिया. फिर वह घर के दूसरे काम निपटाने में व्यस्त हो गई.
उस ने झाड़पोंछा करने के बाद बच्चों को उठाया और उन्हें तैयार कर के स्कूल भेज दिया. अब वह नहाने की तैयारी करने लगी थी. वह घर का बाहरी दरवाजा बंद कर के बाथरूम की ओर बढ़ी ही थी कि दरवाजे को किसी ने खटखटा दिया.
'कौन आ गया सुबहसुबह ?' वह बड़बड़ाई और पलट कर दरवाजे के पास आ गई. दरवाजे को कोई अभी भी खटखटा रहा था.
"कौन है?" उस ने ऊंची आवाज में पूछा.
"मैं बालेश हूं निशा, दरवाजा खोलो." बालेश का नाम सुनते ही निशा रोमांच से भर गई. उस के तनमन में वासना की तरंगें हिलोरें लेने लगीं. झट से उस ने दरवाजा खोल दिया. दरवाजे पर बालेश खड़ा था.
"आओ, अंदर आ जाओ." वह आवाज में मिश्री घोलते हुए बोली.
बालेश कुमार अंदर आ गया तो निशा ने दरवाजा फिर से बंद कर लिया. बालेश ने जवानी के बोझ से लदी निशा को ऊपर से नीचे तक निहारा, फिर ड्राइंग रूम की तरफ कदम बढ़ाते हुए मुसकरा कर बोला, "ऐसा क्या खाती हो निशा, तुम्हारा यौवन दिन पर दिन गुलाब की तरह खिलता जा रहा है."
"तुम्हारे प्यार का जादू है यह बालेश. शादी से पहले भी मैं तुम्हारे आगोश में कामना के हिंडोले पर झूलती रही हूं. शादी के बाद मेरी जवानी के तुम ही खेवैया हो. ऐसे में इस जवानी में निखार तो आएगा ही."
"इस में राजेश का भी तो योगदान है। निशा... वह..."
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin March 2024 sayısından alınmıştır.
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राजा की मोहब्बत का साइड इफेक्ट
इंदौर के राजा तुकोजीराव होल्कर ने नर्तकी मुमताज से विवाह जरूर कर लिया था, लेकिन मुमताज उन्हें छोड़ कर चली गई और मुंबई के व्यवसाई अब्दुल कादिर बावला के साथ रहने लगी. इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि कादिर बावला का मर्डर हो गया और राजा होल्कर को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा?
अपनी मौत की खूनी स्क्रिप्ट
विक्रांत वर्मा ने खुद को मरा दिखाने के लिए एक अनजान व्यक्ति को छक कर शराब पिलाई. फिर अपने बकरी फार्म में उसे जिंदा जला दिया. ताज्जुब की बात यह कि रमेश वर्मा ने भी उस लाश की शिनाख्त अपने बेटे विक्रांत वर्मा के रूप में कर ली. आखिर विक्रांत ने क्यों लिखी अपनी ही मौत की यह खूनी स्क्रिप्ट?
राघव मगुंटा रेड्डी को मिला वफादारी का इनाम
शराब किंग के नाम से मशहूर सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी का बेटा राघव मगुंटा रेड्डी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी था. ईडी ने उसे अपने शिकंजे में ले लिया था. फिर ईडी की जांच के दौरान ही ऐसा क्या हुआ कि राघव इस मामले कि राघव इस मामले में खलनायक से नायक बन गया?
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टीचर भरती में धांधली के बाद राजस्थान में फरजीवाड़ा कर नौकरी कर रहे थानेदारों की धड़ाधड़ गिरफ्तारी से तब हड़कंप मच गया, जब 10 साल बाद उन की परीक्षा के पेपर लीक की पोल खुली. 3 दरजन से अधिक थानेदारों की वरदी उतर गई, जेल हुई और 300 से अधिक जांच एजेंसी के रडार पर आ गए. आप भी जानें कि आखिर कैसे चला यह गोरखधंधा?
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विजय नायर का आम आदमी पार्टी से गहरा लगाव रहा है. वह पार्टी के लिए फंड की व्यवस्था करता था. कथित शराब घोटाले में उस का नाम खलनायक के रूप में उभरा तो सभी चौंक गए. तभी ईडी ने उसे कौन सी घुट्टी पिलाई कि वह खलनायक से नायक बन गया.
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केंद्र सरकार ने चुनावी फंड इकट्ठा करने के लिए इलेक्टोरल बौंड नाम का वायरस पैदा किया. इस का सब से ज्यादा फायदा बीजेपी को ही हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस वायरस पर ऐसा हथौड़ा चलाया कि....
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