उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील दादरी में एक गांव है बढ़पुरा. यहीं पर रहता है रविंद्र भाटी का परिवार ब्रह्म सिंह भाटी के 3 बेटों में रविंद्र भाटी मंझले थे. उन के दोनों भाई भी इसी गांव में अपने परिवार के साथ आसपास ही रहते हैं.
रविंद्र के परिवार में पत्नी राकेश भाटी के अलावा 3 बच्चे थे, 2 बेटे व एक बेटी. सब से बड़ी बेटी है पायल भाटी (26), उस से छोटे 2 बेटे हैं, अरुण और अजय. पायल ने बीए तक की पढ़ाई की थी. बड़े बेटे अरुण ( 24 ) की शादी दादरी की रहने वाली स्वाति से हो चुकी है. छोटा बेटा अजय भाटी (22) अभी अविवाहित है.
रविंद्र भाटी खेतीबाड़ी कर के परिवार की गुजरबसर करते थे. दोनों बेटे भी खेती के काम में उन का हाथ बंटाते थे. बेटी अभी शादी नहीं करना चाहती थी, इसलिए कई अच्छे रिश्ते आने के बावजूद भी वह बेटी के हाथ पीले नहीं कर सके.
इस की एक वजह यह भी थी कि 2 साल पहले उन्होंने बड़े बेटे अरुण की शादी की थी. शादी के कुछ समय बाद से ही उस का अपनी पत्नी स्वाति से विवाद रहने लगा. उस के बाद स्वाति पति का घर छोड़ कर मायके चली गई.
बात इतनी बढ़ गई कि थानेचौकी में शिकायतों के बाद पत्नी से दहेज की मांग व उस के उत्पीड़न के आरोप में आए दिन रविंद्र भाटी, उन की पत्नी व बेटे, बेटियों को थाने के चक्कर लगाने पड़ गए. इसी परेशानी से आजिज हो कर जून, 2022 में एक दिन रविंद्र भाटी व उन की पत्नी राकेश भाटी ने जहर खा कर अपनी जान दे दी.
हंसतेखेलते परिवार में अचानक मातम छा गया. बड़ी बहन होने के कारण पायल के ऊपर ही दोनों भाइयों की देखभाल और उन के खानपान की जिम्मेदारी आ गई.
कुछ वक्त गुजरा तो दादा ब्रह्म सिंह और चाचाताऊ को जवान होती पायल की चिंता सताने लगी. सब ने सोचा कि कोई अच्छा लड़का देख कर उस की शादी कर देंगे तो बाद में भाइयों की जिदंगी किसी तरह पटरी पर आ जाएगी. इसीलिए पायल के लिए बिरादरी में अच्छे लड़के देखे जाने लगे.
रविंद्र और उन की पत्नी की मौत के बाद परिवार की जिंदगी की गाड़ी पटरी पर लौट ही रही थी कि एक और हादसे ने परिवार को तोड़ कर रख दिया.
Bu hikaye Manohar Kahaniyan dergisinin January 2023 sayısından alınmıştır.
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