सारा और उसके सहपाठियों को एक ऐक्टिविटी के रूप में अपनी मांओं के लिए कुछ तैयार करने के लिए कहा गया. जैसे एक छोटा सा उपहार हो, जिस में उनकी मांओं के काम की सराहना और सम्मान झलकता हो, जिस में मांएं अपने बच्चों और परिवार की खुशियों के लिए सबकुछ करती हैं.
जैसे ही स्कूल की घंटी बजी, सारा ने उत्साहपूर्वक मां को हैरान व चकित करने के लिए अपने दोस्तों के साथ चर्चा करनी शुरू कर दी. यह अप्रैल की तेज हवा वाली दोपहर थी और वे सभी सारा, प्रीति, सारिका और करण घर की ओर जा रौनक, रहे थे.
उन्होंने विचारों पर चर्चा की जो मां को हैरान कर सकते थे, जैसे सुबह का नाश्ता, ग्रीटिंग कार्ड बनाना, घर सजाना और अन्य मजेदार आइडियाज जो मां को कुछ खास अनुभव करा सकते थे.
करण के पास भी एक बहुत अच्छा विचार था, जैसे वह अपनी मां को एक ओरिगेमी गुलदस्ता दे कर आश्चर्यचकित करना चाहता था, जिसे उस ने अभी हाल ही में अपनी शिल्प की कक्षा में बनाना सीखा था.
घर वापस लौटते हुए इन विचारों पर चर्चा करते समय उन्होंने सड़क के एक कोने पर 'म्याऊं, म्याऊं' की हलकी सी आवाज सुनी. करण ने कोने की तरफ इशारा किया और उन का ग्रुप वहां रुक गया. उन्होंने वहां 6 बिल्ली के बच्चों को म्याउंम्याऊं करते पाया.
वे इतने छोटे थे कि अभी उन की आंखें भी पूरी तरह नहीं खुली थीं. सारा और उस की सहेलियों ने बिल्ली के बच्चों को सहलाना शुरू कर दिया, जब उन्होंने देखा कि उन की बिल्ली आई और उन्हें सड़क के एक कोने पर दूध पिलाने ले गई.
मां को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उन के कान में चोट लगी हो. मां का यह हाल देख कर सारा को बुरा लगा, लेकिन वे जल्दी ही उन्हें छोड़ कर अपने घर चल दिए.
घर पहुंचने के बाद सारा खाने के लिए कुछ स्नैक्स ढूंढ़ने किचन की ओर भागी.
"बेटा, पहले जाओ, अपने हाथ धो लो और फिर फ्रैश हो जाओ. मैं तब तक तुम्हारा लंच बना कर तैयार कर दूंगी," सारा की मां ने कहा.
"मां, मुझे बहुत भूख लगी है. क्या मुझे तब तक खाने के लिए कुछ चिप्स मिल सकते हैं?" सारा ने पूछा.
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin May First 2024 sayısından alınmıştır.
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