Denemek ALTIN - Özgür
"बीज उत्पादकों के अधिकार पर जानकारी की दरकार"
Modern Kheti - Hindi
|15th May 2025
बीज कृषि का मुख्य आदान है। कृषि की प्रगति बीज की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। भारत सरकार ने वर्ष 1963 में नेशनल सीड्स कारपोरेशन की स्थापना कर केन्द्रीय स्तर पर सुव्यवस्थित तरीके से बीज उत्पादन, प्रमाणीकरण एवं विपणन का कार्य प्रारम्भ किया।
उसके लगभग तीन वर्ष बाद ही बीज की गुणवत्ता को नियन्त्रित करने के लिए बीज अधिनियम 1966 लागू किया। प्रारम्भ में बीज उत्पादन एवं प्रमाणीकरण का कार्य शासकीय संस्थाओं ने शुरू किया। परन्तु कालान्तर में निजी बीज उत्पादकों ने बीज उत्पादन में प्रवेश किया और इसे अपनी जीविकोपार्जन का साधन बनाया। वर्ष 1950-51 में 50 मिलियन टन कृषि उत्पादन को वर्ष 2024-25 में 230 मिलियन टन तक पहुंचाना गुणवत्ता युक्त बीज एवं बीज उत्पादन में लगी संस्थाओं का काम है और इस श्रेय की अधिकारी है। वर्तमान में लगभग 350 लाख क्विंटल गुणवत्ता युक्त बीज तैयार हो रहा है। हरियाणा क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत छोटा राज्य है, परन्तु इससे लगभग 30 लाख क्विंटल प्रमाणित और लगभग इतना ही लेबल बीज तैयार किया जाता है। इसके लिए हरियाणा सरकार एवं निदेशक, हरियाणा राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था प्रशंसा के पात्र हैं। क्योंकि इन्होंने बीज उत्पादकों को प्रोत्साहन देकर और उनका सहयोग लेकर इस लक्ष्य को प्राप्त किया है। देश में बीज उत्पादन में निजी बीज उत्पादक कम्पनियों के प्रवेश ने उत्पादन में सराहनीय योगदान किया है। वास्तव में बीज उत्पादन के इन स्तम्भों में 75 प्रतिशत योगदान निजी बीज उत्पादकों का है। हरियाणा राज्य को गेहूं उत्पादन में वर्ष 2010-11 व 2011-12 में दो बार देश में सबसे अधिक उत्पादकता के लिए केन्द्रीय सरकार ने 'कर्मण पुरस्कार' दिया है। निजी बीज उत्पादकों को इसका श्रेय जाता है।
देश का बीज उत्पादक ऊर्जावान साहसिक, कर्मठ है परन्तु बीज व्यवसाय में लगभग वर्षों से लगा होने पर भी उसे अपने अधिकारों का भान नहीं। इस लेख के माध्यम से उसे उसके अधिकारों से रूबरू कराया गया है। बीज व्यवसाय में तीन पक्ष हैं कृषक, बीज विक्रेता और बीज उत्पादक। कृषक बीज तैयार करता है। बीज उत्पादक कम्पनियां कृषकों को बीज उत्पादन प्रोग्राम देती हैं, प्रमाणित कराती हैं और विक्रेताओं को खुदरा विक्रय हेतु देती हैं। बीज विक्रेता खुदरा विक्रय करता है। बीज उत्पादक कम्पनियां केवल बीज उत्पादन ही नहीं करती, बल्कि विक्रेता को बीज विक्रय भी करती हैं। इसलिए बीज उत्पादक भी बीज विक्रेता की परिभाषा में आ जाते हैं। अतः बीज उत्पादकों को बीज विक्रेताओं के भी अधिकार एवं कर्त्तव्य प्राप्त हैं। बीज उत्पादक कम्पनियों के निम्न अधिकार हैं :-
Bu hikaye Modern Kheti - Hindi dergisinin 15th May 2025 baskısından alınmıştır.
Binlerce özenle seçilmiş premium hikayeye ve 9.000'den fazla dergi ve gazeteye erişmek için Magzter GOLD'a abone olun.
Zaten abone misiniz? Oturum aç
Modern Kheti - Hindi'den DAHA FAZLA HİKAYE
Modern Kheti - Hindi
मक्का की बिजाई करने के लिए मेज़ प्लांटर
मक्का की बिजाई करने वाली मशीन, मेज़ प्लांटर को नेशनल एग्रो इंडस्ट्रीज़ की ओर से बनाया गया है।
1 min
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व
कुमारी, गृह कन्या, घृतकुमारिका आदि, इसके पत्तों में छेद करने या दबाने पर लसलसा पदार्थ निकलता है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्या जीनोम-संपादित धान की किस्में उचित हैं ?
देश के शीर्ष कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और कृषि मंत्रालय पर जीनोम-संपादित (जीनोम-एडीटेड) धान के परीक्षणों में वैज्ञानिक हेरफेर और बेईमानी के आरोप लगे हैं।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
गन्ना की खेती देखभाल और पैदावार
गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है, विषम परिस्थितियां भी इसकी फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती।
10 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग से धरती पर पड़ रहा है प्रभाव
इसमें कोई शक नहीं कि इंसानी सभ्यता ने अपने विकास के लिए प्रकृति का बड़े पैमाने पर दोहन किया है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
टिकाऊ कृषि विकास के लिए भूमि सुधार आवश्यक ...
कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
निराशा से समाधान तक कैसे भारत पराली जलाने की समस्या का कर सकता है अंत
पराली जलाने की समस्या का हल संभव है। समझदारी बरतते हुए अगले तीन वर्षों में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं अरुणाभ घोष और कुरिंजी केमांथ
5 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
अलसी की खेती से लाभ कमाएं
अलसी तेल वाली फसलों में दूसरी खास फसल है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्रांतिकारी मॉडल विकसित करने वाले सफल किसा सीताराम निगवाल
मध्यप्रदेश के धार जिले के किसान सीताराम निगवाल ने 30 वर्षों के अनुभव से खेती का एक क्रांतिकारी मॉडल, विकसित किया है।
2 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
भूमि क्षरण से बढ़ रहा कुपोषण
लगभग 1.7 अरब लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मानवीय कारणों से भूमि के क्षरण के चलते फसलों की पैदावार घट रही है।
2 mins
15th November 2025
Listen
Translate
Change font size

