Kendra Bharati - केन्द्र भारती - January 2020Add to Favorites

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Bu konuda

Kendra Bharati's first issue of 2020 is about the festival of the month - Makar Sankranti. It has interesting cover page and colored pages of activities of Vivekananda Kendra all over the country. Inspiring articles on Samarth Bharat Parva, Swami Vivekananda, Rajamata Jijabai, Vimarsha and Expressions of creativity.

विपश्यना और प्याज का रस बचाएगा डायबिटिज फुट के रोग से

वर्तमान समय में मधुमेह रोग भारत में बहुत तेजी से फैलता दिख रहा है। मधुमेह के रोगी के पैर में घाव होने पर यही माना जाता है कि कई महिनों के मंहगे उपचार से ही इसमें लाभ मिल सकता है। कई बार तो पैर काटने तक की स्थिति बन जाती है।

विपश्यना और प्याज का रस बचाएगा डायबिटिज फुट के रोग से

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

स्वर्गीय श्री कपिलदा कहते थे, "मेरी दृष्टि में स्वामी विवेकानन्द के सन्देश के प्राण स्वर को समझकर कार्यान्वित करनेवाले तीन व्यक्तित्व हुए। उनमें से प्रथम हैं - भगिनी निवेदिता, दूसरे हैं महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस और तीसरे हैं कन्याकुमारी स्थित विवेकानन्द शिला स्मारक के निर्माता तथा विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय श्री एकनाथजी रानडे ।"

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

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स्वामी विवेकानन्द और लोकमान्य तिलक

सन् १८६२ ई. का सितंबर का महीना। बम्बई के विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन पर पूना की ओर जाने वाली ट्रेन खड़ी थी और उसके द्वितीय श्रेणी के डिब्बे में कुछ मराठी नवयुवक बैठे थे, जिनमें एक का नाम था बाल गंगाधर तिलक। ट्रेन छूटने के थोड़ी देर पूर्व उसी डिब्बे में एक युवा संन्यासी ने भी प्रवेश किया।

स्वामी विवेकानन्द और लोकमान्य तिलक

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नागरिकता विधेयक पारित होना ऐतिहासिक

नागरिकता विधेयक का संसद के दोनों सदन से पारित होना एक ऐतिहासिक घटना है । इस विधेयक द्वारा नागरिकता कानून, १६५५ में संशोधन किया गया है ताकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, , बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सके ।

नागरिकता विधेयक पारित  होना ऐतिहासिक

1 min

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kategoriReligious & Spiritual

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विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की सांस्कृतिक मासिक हिन्दी पत्रिका "केन्द्र भारती"

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