पिछले कुछ दशकों में इंफर्टिलिटी से पीड़ित दंपत्तियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। फर्टिलिटी को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारणों में महिला की उम्र सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसका फर्टिलिटी के इलाज की सफलता पर गहरा असर होता है। इंफर्टिलिटी के सबसे सफल इलाजों में से एक इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) है, जिसमें सफलता की दर 30% से 50% होती है। यदि कोई दंपत्ति एक साल या उससे ज्यादा समय तक कोशिश करने के बाद भी संतान पाने में सफल नहीं हो रहा है, तो वह इंफर्टिलिटी से पीड़ित हो सकता है। इंफर्टिलिटी अनेक कारणों से हो सकती है, जिसमें तनाव, यूटेरा में फाइब्रॉयड्स, स्पर्म के उत्पादन में विकार, फैलोपियन ट्यूब्स का ब्लॉक होना, ओवेरियन रिजर्व कम होना, एंडोमेट्रियोसिस, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम और समय से पहले ओवेरियन विफलता शामिल हैं। लेकिन उम्र रहते आईवीएफ का विकल्प अपनाने से दंपत्तियों को संतान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
किन्हें करना चाहिए आईवीएफ का रुख?
This story is from the July 22, 2023 edition of Anokhi.
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