अभी गर्मी की छुट्टियों में मायके गई तो मन किया रमा आंटी से मिलकर आऊं, काफी दिन से नहीं मिली थी। आंटी से जान-पहचान बहुत समय से है, असल में पापा व अंकल एक ही विभाग में इंजीनियर थे, इसलिए 2-3 बार पोस्टिंग एक ही जगह होने से साथ-साथ रहना हुआ। आंटी का व्यक्तित्व मुझे शुरू से ही अच्छा लगता था। बाहरी दिखावे से दूर अपने सीमित साधनों में ही खुश रहती थीं, उनकी बातें, उनके कर्म स्पष्ट व आशावादी हुआ करते थे, जिससे सबके बीच अलग ही पहचान बनी हुई थी। खैर!
आंटी के घर जाकर उनसे मिल बड़ा ही अच्छा लगा, उनकी बेटी की तो शादी हो गई। थी पर बेटा-बहू सब साथ में ही थे। बातोंबातों में मुझे महसूस हुआ आंटी अपनी बहू की कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रही हैं और जो बाहरी-घरेलू कार्य शायद आंटी करती होंगी, उनके भी करने का श्रेय बहू को दे रही थीं। मुझसे भी बोलीं, 'अब घर-बाहर का कुछ अता-पता नहीं रहता श्वेता ही संभालती है। मैं ही इससे पूछ-पूछकर सब काम करती रहती हूं। कहीं आना-जाना हो, लेना-देना हो, वह इसी की जिम्मेदारी है, रिश्ते-नाते सब यही निभा रही है। हां, अगर कहीं जरूरी जाना होता है, तभी जाती हूं, वरना श्वेता ही इधर-उधर का काम निपटा लेती है। भई, अब हमने तो सोच-समझ लिया बेटा-बहू को ही जब सारा कामकाज देखना है, यही घर के मालिक कर्ता-धर्ता हैं तो क्यों हम बीच में अपना वर्चस्व रखें। जैसा भी ये कर रहे हैं, निभा रहे हैं, सब सही है। मैं और तुम्हारे अंकल तो बस। इनकी राय से सहमत हुए रहते हैं। इसी से घर में सुख-शान्ति बनी रहती है। वैसे भी हम अब बुढ़ापे की ओर हैं। कब हाथ-पैर चलने बंद हो जाए पता नहीं, इसलिए पहले से ही हर बात में हस्तक्षेप किए बिना अपनी सलाह-मशविरा दिए बिना चुपचाप सब देखते-भालते रहो, वही अच्छा है। बेटा-बहू जरूरत मुताबिक खैर खबर लेते रहें, हमारी पूछताछ करते रहे, बुढ़ापे के दिन भलीभांति कट जाए इतना ही हमारे लिए बहुत है।
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टेक्नोलॉजी के साइड इफेक्ट्स
कई ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जिनके बारे में हम ये अच्छी तरह से जानते हैं कि यह हमारी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं लेकिन फिर भी इस बात को नजरअंदाज करते हुए हम उसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं जो कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।
मिथिलांचल की प्राचीन धरोहर है 'मधुबनी पेटिंग'
मिथिलांचल न केवल अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता है, बल्कि यह जगह कला और साहित्य से भी समृद्ध है। एक तरफ हैं विद्यापति तो दूसरी तरफ हैं। विश्व प्रसिद्ध चित्रकला 'मधुबनी पेंटिंग'। इसकी खूबसूरती इसी में है कि यह आपको मिथिलांचल की लोक-परंपरा से अवगत कराती है।
कैसे बढ़ाएं धन-संपत्ति?
वास्तु शास्त्र तथा फेंगशुई दो ऐसी प्राचीन विधाएं हैं जिनके माध्यम से न केवल सुख-शान्ति को बढ़ाया जा सकता है बल्कि धन संपत्ति की प्राप्ति भी हो सकती है।
जिएं जिंदगी 60 के बाद भी
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टिक टिक करती घड़ी की सुई किसने बनाई
हाथ में बंधी हो या दीवार पर टंगी जब तक घड़ी चलती रहती है हमें समय का पता चलता रहता है लेकिन जैसे ही इसकी सुई रुक जाती है तो ऐसा लगता है कि मानो समय थम सा गया हो। क्या कभी सोचा है कि आरिवर घड़ी का आविष्कार कैसे हुआ और किसने किया? चलिए जानते हैं।
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प्रबंधन कौशल यानी मैनेजमेंट न केवल कार्यस्थल में अपितु घर में भी चाहिए होता है। तभी आप जीवन में तरक्की कर पाते हैं। यदि आप मैनेजमेंट में जरा भी कमजोर हैं तो बाल्मिकी रामायण को जरूर पढ़ें। निश्चितरूप से यह ग्रंथ आपका निर्देश करने में सहायक होगा।
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मिठास ज़बान के लिए तो अच्छी चीज़ है, मगर स्वास्थ्य के लिए नहीं। सो, कैसे बचें शुगर के पेशेंट, यानी डायबिटिक होने से, आइए, जानें-
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पढ़ने में अजीब लग रहा है न कि वायु प्रदूषण और घर के भीतर, लेकिन ये सच है कि हमारे बच्चे प्रदूषण की चपेट से आज घर के भीतर भी नहीं बच पाते हैं। इसी विषय में कुछ उपयोगी जानकारी-