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राहुल गांधी को जिग्नेश मेवाणी क्यों हैं पसंद
नेपाल के नाइटक्लब से शुरू हुआ विवाद राहुल गांधी का पीछा नहीं छोड़ रहा है. नेपाल से लौटते ही राहुल गांधी तेलंगाना के दौरे पर गये थे-और वहां भी कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग का एक वीडियो बाहर आते ही राहुल गांधी निशाने पर आ गये. वीडियो में राहुल गांधी को ये पूछते सुना गया था कि 'बोलना क्या है?'
भारत के नये कुबेर
कोरोनाकाल के आरंभ होने लेकर अब तक दुनिया की अर्थव्यवस्था हिचकोले ही खाती रही है. बावजूद इसके अब धीरे-धीरे ही सही लेकिन अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लौटने लगी है. चौथी लहर की आशंका भले ही थोड़ी सिहरन पैदा करें लेकिन निराशा के बादल छंट रहे हैं. हालांकि 2021 में ही 'आइआइएफएल वेल्थ हुरून इंडिया रिच लिस्ट 2021' ने जो भारत के नये धन कुबेरों की सूची जारी की, वह भारत की नई पीढ़ी को ऊर्जावान बनाती है.
पीआरएस ओबराय कॉपोरेट जगत के भीष्म पितामह
शख़्सियत - पीआरएस ओबराय
पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों को सहेजने की आवश्यकता
देश में पत्रकारों के अधिकारों की बात करे तो वैसे तो पत्रकारों को कोई विशेष अधिकार नहीं दिए गए है. संविधान में भी प्रेस का कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है. अनुच्छेद-19; सभी व्यक्तियों को बोलने की, स्वतंत्र रूप से अपनी बात रखने की आजादी प्रदान करता है. यही अनुच्छेद पत्रकारों पर भी लागू होता है.
खत्म हुई लाउडस्पीकर के शोर और सड़कों पर नमाज की कुप्रथा!
आजाद भारत के हर दौर में मुसलमानों ने कभी भी किसी मुसलमान को कौम का नेतृत्व (कयादत) का जिम्मा नहीं दिया. यूपी में भी कभी कांग्रेस, कभी सपा तो कभी बसपा पर भरोसा किया. और इस दौरान अल्पसंख्यक वर्ग ने मुस्लिमवादी दलों और मुस्लिम नेताओं पर विश्वास नहीं किया.
कौन जिम्मेदार है महिलाओं के अनचाहे गर्भधारण के लिए!
महिलाओ में अनचाहा गर्भ
एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय पहलवानों का जलवा
रवि ने 2015 में 55 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में सल्वाडोर डी बाहिया में विश्व जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था.2017 में लगी चोट के बाद वह करीब एक साल तक कुश्ती से दूर रहे थे और उसके बाद 2018 में बुखारेस्ट में विश्व अंडर-23 कुश्ती चैम्पियनशिप में 57 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीतकर धमाकेदार वापसी करने में सफल हुए थे.
एक बार फिर डराने लगा है पंजाब!
1980 के दशक में पंजाब में शुरू हुआ आंतकवाद का दौर, ऑपरेशन ब्लू स्टार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद हुए खून खराबे ने देश को वो जख्म दिया जो आजतक नहीं भर सका है. बहुत लम्बे समय तक प्रयास के बाद पंजाब आंतकवाद के चंगुल से बाहर निकला, ऐसे में इस तरह की घटनायें परेशान करने वाली हैं. ऐसा नहीं है कि इससे पहले पंजाब में आतंकवादी घटनाएं नहीं घटी. नवंबर 2018 में अमृतसर के निरंकारी भवन में ब्लास्ट, जनवरी 2017 में सिरसा के मोड़ मंडी में ब्लास्ट, जनवरी 2016 में पठानकोट एयर बेस पर हमला और 2015 में गुरुदासपुर में पुलिस स्टेशन पर भी हमला हुआ, पर पिछले एक साल में जितनी तेजी से ये घटाएं बढ़ी हैं वो ये बताती हैं कि खतरा हमारी समझ से कही बड़ा है.
आजम की नाराजगी की वजह कहीं रामपुर लोकसभा उप-चनाव तो नहीं हैं
उत्तर प्रदेश की रिक्त दो महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों के लिए के लिए जुलाई में मतदान होना है.
आखिर क्यों गहरा रहा है देश में बिजली का संकट?
बिजली संकट