डगमग आगे बढ़ रही उद्धव सरकार
News Times Post Hindi|February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें
विधानसभा चुनाव के एक माह बाद बमुश्किल महाराष्ट्र में सरकार गठित हुई, फिर सरकार बनने के एक महीने बाद मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा किया जा सका। इसके पहले तो केवल 6 मंत्रियों के भरोसे विधानसभा का शीतसत्र चला। इसके बावजूद इस सरकार के घटक दलों के नेताओं के परस्पर विरोधाभासी बयान इस सरकार के कार्यकाल पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने स्वयं ही कहा कि गठबंधन सरकार के कार्यकाल के बारे में गारटी से कुछ नहीं कहा जा सकता। कुल मिलाकर महाराष्ट्र की उद्धव नीत महाविकास गठबंधन की सरकार डोलती-डगमगाती ही आगे बढ़ रही है। इसे लड़खड़ाती चलनेवाली तिपहिया सरकार कहा जा रहा है।
बिपेंद्र कुमार सिंह
डगमग आगे बढ़ रही उद्धव सरकार

This story is from the February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें edition of News Times Post Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

This story is from the February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें edition of News Times Post Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM NEWS TIMES POST HINDIView All
समाज को मूल्य आधारित सूचना जल्द पहुंचाएं
News Times Post Hindi

समाज को मूल्य आधारित सूचना जल्द पहुंचाएं

हमारा समाज रूढ़िवादी नहीं, परिवर्तन को स्वीकार करने वाला है। गतिशीलता हमारे संगठन की पहचान है इसलिए मौजूदा परिवेश में हमें काफी सक्रिय और सजग रहना होगा। साथ में संगठन और उसके संघर्ष के स्वरूप को समझ कर आगे बढ़ना होगा। भारत के जीवन प्रवाह को लेकर विरोधी विचार वालों के प्रचारतंत्र का मुकाबला करने के लिए प्रचार के नए साधनों जैसे, सोशल मीडिया, शार्ट फिल्म एवं फीचर फिल्म का इस्तेमाल करना चाहिए। इन साधनों के साथ जनजागरण के कार्यक्रमों को प्रमुखता देनी चाहिए। गतिशीलता ही हमारे संगठन की धरोहर और पहचान है। इस विश्वास को कायम रखने के लिए हमारा सदैव सक्रिय रहना आवश्यक है। साथ में अपने वैचारिक संगठन और उसके संघर्ष के स्वरूप को समझ कर अपनी रणनीति तय करनी चाहिए।

time-read
1 min  |
February 16 - 29, 2020
संस्कृति व सर्जनात्मकता की जरुरत
News Times Post Hindi

संस्कृति व सर्जनात्मकता की जरुरत

पिछले दिनों देश में कई स्थानों पर आगजनी, तोड़फोड़ और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए देश और संविधान से प्रेम की भावना को प्रमाणित करने के नारे दिए जा रहे थे। ये हिंसा की ही विभिन्न अभिव्यक्तियां थीं। अपने पक्ष को सही साबित करने के लिए हिंसा की युक्ति का लक्ष्य सरकारी पक्ष को त्रस्त और भयभीत करना है। इस सोच में सरकार को सरकारी सम्पत्ति के बराबर मान लिया जाता है और उसे नष्ट करना अपना कर्तव्य । यह सब निश्चय ही सियासत के एक आत्मघाती मोड़ का ही संकेत है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।

time-read
1 min  |
February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें
शिक्षकों की नजरें भी केंद्रीय बजट पर
News Times Post Hindi

शिक्षकों की नजरें भी केंद्रीय बजट पर

निजी संस्थान के परिणामों और लोकप्रियता से मेल खाने के लिए सरकारी शिक्षण संस्थानों को प्राथमिक, माध्यमिक, कॉलेज, विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षा के लिए अच्छे बजट आवंटन की आवश्यकता है। मई 2019 में जारी सरकार की नई शिक्षा नीति के मसौदे में वर्ष 2030 तक कुल सरकारी खर्च के 10 से 20 फीसदी तक शिक्षा पर खर्च बढ़ाने का सुझाव है, लेकिन दुर्भाग्य से शिक्षा को आवंटित केंद्रीय बजट का हिस्सा 2014-15 में 4.14 प्रतिशत से गिरकर 2019 में 3.4 प्रतिशत हो गया। वर्तमान में शिक्षा खर्च की बड़ी धनराशि (80 फीसदी तक) राज्यों से आती है, लेकिन कई राज्यों में शिक्षा पर खर्च किए गए अनुपात को, विशेष रूप से 2015 के 14वें वित्त आयोग की अवधि के बाद, कम किया गया है। हालांकि 2019-20 में आवंटित धनराशि बढ़ी है। कई राज्य पहले से ही शिक्षा पर 15 और 20 फीसदी के बीच खर्च करते हैं। गरीब राज्यों में महत्वपूर्ण परिणामों के लिए निवेश की अधिक आवश्यकता है।

time-read
1 min  |
February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें
वसंत आता नहीं, लाना पड़ता है
News Times Post Hindi

वसंत आता नहीं, लाना पड़ता है

वसंत का अपना जीवन दर्शन है- नित नया कलेवर धारण करना । वासंती हवाओं में तो आज भी वही सनातन मादकता-चंचलता है, परंतु उन पर रीझने वाले नहीं दिखते। अनंत व्योम में कहीं उल्लास की लालिमा नहीं, उमंग की कोई किरण नहीं। सर्वत्र वही भागमभाग, खींचतान और नीरसता। आनंद और आनंदोत्सव की परिकल्पना मन के एक कोने में निस्तेज पड़ी मानो अपने हाल पर सिसक रही, या यूं कहिए, कोस रही। वे दिन अब बीत चुके जब नैसर्गिक मनोरमता समस्त चराचर को स्पंदित और झंकृत करती थी। लेखनी काव्य सृजन के लिए उतावली हो उठती थी।

time-read
1 min  |
February 16 - 29, 2020
फिर लटकी दोषियों की फांसी
News Times Post Hindi

फिर लटकी दोषियों की फांसी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया कांड के दोषियों के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। तिहाड़ जेल प्रशासन की दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने के आग्रह वाली याचिका पर 7 फरवरी को सुनवाई करने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि जब कानून दोषियों को जिंदा रहने की इजाजत देता है, तो उन्हें फांसी देना 'पाप' होगा। अदालत ने कहा कि केवल अटकलों और अनुमानों के आधार पर डेथ वारंट नहीं जारी किया जा सकता है। दरअसल, 5 फरवरी को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया के दोषियों को अपने सभी उपलब्ध न्यायिक विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए 7 दिनों ( 11 फरवरी तक) की मोहलत दी थी। यही नहीं, हाईकोर्ट ने चारों दोषियों में जिनकी कोई याचिका लंबित नहीं है अथवा जिनके पास कोई न्यायिक विकल्प शेष नहीं है, उन्हें अलग-अलग फांसी देने का आदेश देने से भी इनकार कर दिया था।

time-read
1 min  |
February 16 - 29, 2020
निर्भया के गुनहगारों को अंजाम तक पहुंचाने में जेल मैनुअल बड़ी बाधा - सजा के अमल पर सवालिया निशान
News Times Post Hindi

निर्भया के गुनहगारों को अंजाम तक पहुंचाने में जेल मैनुअल बड़ी बाधा - सजा के अमल पर सवालिया निशान

पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा को फांसी पर लटकाने के लिए दूसरी बार डेथ वारंट जारी कर फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई है, लेकिन अभी दोषी पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प है। यही विकल्प अक्षय सिंह के पास भी है। विनय शर्मा के पास भी दया । याचिका का विकल्प है। अलबत्ता, मुकेश के पास अब कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। यानी तीन दोषी पवन, अक्षय, विनय के पास अभी कुल पांच कानूनी विकल्प बचे हैं, जिनका वे तिहाड़ जेल की ओर से दिए गए नोटिस पीरियड के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर तीनों दोषी एक-एक कर अपने शेष न्यायिक विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे, तो निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने में काफी देर हो सकती है। इसके मद्देनजर केन्द्र सरकार ने 22 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फांसी देने में बाधक नियमों को बदलने की मांग की है। कहा, मौजूदा नियमों से दोषियों को कानून से खेलने' का मौका मिल जाता है।

time-read
1 min  |
February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें
दिल्ली फिर 'आप' की
News Times Post Hindi

दिल्ली फिर 'आप' की

भाजपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा और उसे 303 सीटें मिलीं । तब भाजपा ने प्रचारित किया था कि मोदी के सिवा देश में कोई विकल्प नहीं है। ' आप' ने इसी से सबक लेकर इस बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव में यह प्रचारित किया कि केजरीवाल का कोई विकल्प नहीं है । इसका उसे फायदा भी मिला । पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए केजरीवाल ने इस बार रणनीति बदली और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी पर निजी हमले करने की गलतियां नहीं दोहराईं । आप के लिए एक और बात लाभदायक साबित हुई कि कांग्रेस के मुकाबले से बाहर होने की वजह से चुनाव त्रिकोणीय नहीं बना ।

time-read
1 min  |
February 16 - 29, 2020
दावों की हकीकत और भावी योजनाएं
News Times Post Hindi

दावों की हकीकत और भावी योजनाएं

यूपी सरकार के आगामी बजट 2020-2021 को लेकर इन दिनों चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि इस दौरान बेहतर कानून व्यवस्था और विकास का दंभ भरने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार के तीसरे 4,79,101 करोड़ के बजट के बाद हुए कार्यों की समीक्षाओं का दौर भी जारी है।

time-read
1 min  |
February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें
डगमग आगे बढ़ रही उद्धव सरकार
News Times Post Hindi

डगमग आगे बढ़ रही उद्धव सरकार

विधानसभा चुनाव के एक माह बाद बमुश्किल महाराष्ट्र में सरकार गठित हुई, फिर सरकार बनने के एक महीने बाद मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा किया जा सका। इसके पहले तो केवल 6 मंत्रियों के भरोसे विधानसभा का शीतसत्र चला। इसके बावजूद इस सरकार के घटक दलों के नेताओं के परस्पर विरोधाभासी बयान इस सरकार के कार्यकाल पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने स्वयं ही कहा कि गठबंधन सरकार के कार्यकाल के बारे में गारटी से कुछ नहीं कहा जा सकता। कुल मिलाकर महाराष्ट्र की उद्धव नीत महाविकास गठबंधन की सरकार डोलती-डगमगाती ही आगे बढ़ रही है। इसे लड़खड़ाती चलनेवाली तिपहिया सरकार कहा जा रहा है।

time-read
1 min  |
February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें
खरीदारी करते वक्त उपभोक्ताओं को पक्की रसीद जरूर लेनी चाहिए - हितों का संरक्षण सतर्कता से ही संभव
News Times Post Hindi

खरीदारी करते वक्त उपभोक्ताओं को पक्की रसीद जरूर लेनी चाहिए - हितों का संरक्षण सतर्कता से ही संभव

आज बाजार की जो स्थिति है, उसमें उपभोक्ताओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें बाजार में चलने वाली व्यावसायिक प्रतियोगिताएं, भ्रमित करने वाले विज्ञापनों की भरमार, घटिया वस्तुओं की आपूर्ति, सेवा प्रदाता कंपनियों की ओर से छल-छद्म के साथ दी जाने वाली सेवाएं आदि शामिल हैं।

time-read
1 min  |
February 1 - 15- बजट 2020 उम्मीदें