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पादप प्रजनन महत्व, तरीके और उद्देश्य

Modern Kheti - Hindi

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1st December 2024

भारत जनसंख्या के हिसाब से विश्वभर में प्रथम स्थान पर है। हमारे देश की जनसंख्या खतरनाक दर से बढ़ रही है।

- लेखक राज, करनाल एवं ओंकार शर्मा

पादप प्रजनन महत्व, तरीके और उद्देश्य

बढ़ती हुई जनसंख्या के भरण पोषण हेतु यह अति आवश्यक हो जाता है कि फसल उत्पादन भी कम से कम उसी दर से या उससे भी अधिक गति से बढ़े। मोटे तौर पर फसल उत्पादन को हम तीन तरीकों से बढ़ा सकते हैं:

» अधिक उत्पादन देने वाली किस्में उगाकर।

» बेहतर कृषि आदानों और प्रबंधन द्वारा।

» शुद्ध फसल क्षेत्र में वृद्धि द्वारा।

खेती के तरीकों और मापदंडों में हेरफेर करके, एक हद तक फसल की लागत को कम किया जा सकता है और प्रति इकाई क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।

यह संदिग्ध है कि शुद्ध फसल क्षेत्र को अनिश्चित काल तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन दोहरी और बहु फसल प्रणाली के माध्यम से अभी कुछ गुंजाइश है। कृषि उपयोग में लाई गई जमीन के बहुत बड़े हिस्से में बेहतर कृषि प्रबंधन द्वारा कृषि उत्पादन में वृद्धि होने की कुछ संभावना है। परन्तु बेहतर प्रबंधन घटिया किस्मों से एक निश्चित सीमा से अधिक उत्पादन नहीं ले सकता है। किसी भी किस्म का उत्पादन स्तर पौधों की आनुवंशिक संरचना पर आश्रित होता है। इसी प्रकार, यदि पौधे की जीन क्षमता ही खराब है, तो कोई भी कृषि विज्ञान उपज के स्तर को एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं बढ़ा सकती है। लम्बी बढ़ने वाली धान और गेहूँ की कम उपज क्षमता वाली किस्में इसका उदाहरण है।

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