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उपभोक्ता न्यायालय एवं बीज के मामले (प्रथम कड़ी) आवश्यक सावधानियाँ
Modern Kheti - Hindi
|December 01, 2023
प्रशासन निजी बीज उत्पादकों द्वारा उत्पादित बीज के आँकड़े लेकर उत्पादन स्तम्भ बनाते हैं और अधिकारी अपनी पीठ थपथपाते हैं परन्तु निजी उद्यमियों को वह मान-सम्मान नहीं मिलता जिसके वे अधिकारी हैं बल्कि उन्हें बड़ी हेय दृष्टि से देखा जाता है। हर बीज व्यापारी अपनी शाख बनाने के लिए भारतीय बीज कानूनों की पालना करते हुए उत्तम ही नहीं उत्तमोतर बीज तैयार करता है और देश तथा राज्यों में उत्पादन स्तम्भ बनाने के लिए सहायक सिद्ध होता है।
अच्छे उत्पादन के लिए बीज का गुणवान एवं चरित्रवान होना जरूरी है। भारत सरकार ने बीज की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु बीज अधिनियम 1966, बीज नियम-1968, बीज नियन्त्रण आदेश-1983, भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानक- 1971, 1988, 2013 की रचना की और उनकी पालना करने से बीज की गुणवत्ता उत्तम ही नहीं उत्तमोत्तम हो रही है। कभी-कभी कृषक की उपज अच्छी नहीं आती इसलिये बीज विक्रेता से शिकायत करता है और अपनी फसल को व्यापारी को दिखाने के लिये आग्रह करता है। विक्रेता पीड़ित कृषक के खेत का निरीक्षण नहीं कर पाता तो वह कृषि विभाग में अपनी शिकायत दर्ज करवाता है और कृषि विभाग निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दे देता है। कृषक इस रिपोर्ट के आधार पर वकील की सहायता से उपभोक्ता न्यायालय में क्षतिपूर्ति का दावा दायर कर देता है। बीज विक्रेताओं पर उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय का नोटिस जाता है और वह उसे आगे बीज उत्पादकों तक पहुँचा देते हैं। कई बार कृषक, उत्पादक को भी पक्ष बना लेता है। मेरी कानूनी मामलों में रूचि होने के कारण नेशनल सीड्स कार्पोरेशन में रहते हुए बीज के कारण हुई क्षति के मामलों की पैरवी की। आई.आई.एफ.डी.सी. में रहते हुए ग्वार के सैकड़ों विवादों की पैरवी करता रहा। बीज नियम कायदों, उच्चतम तथा उच्च न्यायालयों के दिए गये निर्णयों से प्राप्त अनुभव को बीज विक्रेताओं के साथ सांझा करना चाहता हूँ ताकि किसान की शिकायतों के जवाबी दावे में वकील की नोलिज के साथ तकनीकी पहलुओं के समावेश से केस का आधार मजबूत हो सके। मेरे पास बीज के कारण क्षतिपूर्ति के जितने केस आते हैं मैं वकील के ज्ञान के साथ टैक्नीकल बातों का उल्लेख करवाता हूँ। उन्हीं बातों का उल्लेख मैं 'उपभोक्ता कानून और बीज' लेखों की कड़ी में करूंगा। प्रथम कड़ी प्रस्तुत है:-
Dit verhaal komt uit de December 01, 2023-editie van Modern Kheti - Hindi.
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