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Saras Salil - Hindi
मुख्यमंत्री और राज्यपाल पद बिक रहे हैं
आजादी के बाद संवैधानिक रूप से देश में नेताओं का एक ऐसा समूह पैदा हुआ, जो आम जनता के बीच से निकल कर देशसेवा के नाम पर सत्ता का संचालन करने लगा.
4 min |
August Second 2022

Saras Salil - Hindi
लोकतंत्र और नरेंद्र मोदी का अंधा कुआं
देश में ऐसा पहले कभी न सुना गया और न ही हुआ है. भाजपा के नेतृत्व में नरेंद्र मोदी की सरकार जिस तरह संवैधानिक संस्थाओं पर अंकुश लगाती चली जा रही है, वह लोकतंत्र के लिए एक अंधा कुआं बन कर सामने आ सकता है.
2 min |
August Second 2022

Saras Salil - Hindi
जरूरी नहीं है कावड़ यात्रा
कदमों को सही दिशा में ले जाएं
5 min |
August Second 2022

Saras Salil - Hindi
द्रौपदी मुर्मू : 'राष्ट्रपत्नी' विवाद और संसद
देश को विकास के जिस रास्ते पर दौड़ना चाहिए, उस की जगह संसद में राष्ट्रपति और 'राष्ट्रपत्नी' का प्रायोजित विवाद देश के लिए दुखद है. संसद से बाहर कहे गए 'राष्ट्रपत्नी' शब्द के लिए संसद के भीतर बवाल मचाना सत्ता पक्ष की देश के प्रति जवाबदेही पर सवालिया निशान है.
3 min |
August Second 2022

Saras Salil - Hindi
क्यों नहीं डर कानून का?
भीड़ का गुस्सा भयावह होता जा रहा है. विरोध करने के चक्कर में सार्वजनिक जगहें और दूसरी चीजें निशाना बनती हैं.
7 min |
August Second 2022

Saras Salil - Hindi
सफर का मजा लेना ही मेरा मुकाम है - रवि गोसाईं
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में श्याम बेनेगल, गोविंद निहलानी, पंकज पाराशर, केतन मेहता और गुलजार ऐसी 5 नामचीन हस्तियां हैं, जिन के साथ काम करने की तमन्ना हर कलाकार को होती है. और अगर कोई अपने फिल्मी सफर के पहले 5 साल में ही इन दिग्गजों की रचनाओं का हिस्सा बन जाए, तो उसे रवि गोसाईं कहते हैं.
3 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
राष्ट्रपति का पद कोई 'पिकनिक' है?
देश में 15वें राष्ट्रपति पद का चुनाव पूरा हो गया. संविधान में राष्ट्रपति पद को महिमा के साथ पेश किया गया है. एक विशिष्ट विशेषण महामहिम के साथ.
3 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
मोबाइल फोन रिपेयरिंग : धन बरसा सकता है यह धंधा
मोबाइल फोन ने दुनियाभर में एक ऐसी क्रांति ला दी है कि लोग एक वक्त की रोटी के बगैर रह सकते हैं, पर इस छोटे से उपकरण के बिना नहीं शहरों की तो छोड़िए, अब दूरदराज के गांवदेहात में भी मोबाइल फोन की खनकती घंटी का शोर सुना जा सकता है. कई लोग तो एक बार में एक से ज्यादा फोन हाथ में पकड़े देखे जा सकते हैं.
3 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
जजों के निशाने पर याचिका दायर करने वाले
छत्तीसगढ़ में 16 आदिवासी एक मुठभेड़ में मार दिए गए थे. आरोप यह भी है कि तभी एक मासूम बच्चे की उंगलियां भी काट दी गई थीं. उसी वक्त साल 2009 में जांच के लिए आदिवासी ऐक्टिविस्ट हिमांशु कुमार ने एक याचिका डाली थी. तब से साल 2022 तक इस याचिका पर कोई सुनवाई नहीं हुई है.
2 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
उछलता डौलर मोदी की चुप्पी
जिस डौलर के मसले पर प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी डाक्टर मनमोहन सिंह की केंद्र सरकार और सोनिया गांधी को घेरते थे, देश की जनता को डराते थे, लाख टके का सवाल है कि आज उसी मुद्दे पर वे चुप क्यों हैं?
2 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
धर्म के डर की देन है नरबलि
आज भी देश में तंत्रमंत्र, दकियानूसी मान्यताएं और नासमझी इतनी ज्यादा हावी है कि लोग अपने फायदे के लिए दूसरे का नुकसान करने में जरा भी देर नहीं लगाते हैं. ऐसा ही कुछ हाल ही में हुआ, जब एक मंदिर की चौखट पर एक सिरफिरे ने किसी नौजवान की कुल्हाड़ी से वार कर के हत्या कर दी.
4 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
असभ्य आईना दिखाती पंचायतें
समाज और धर्म के ठेकेदार बन कर अराजक व निठल्ले लोगों के समूह पंचायत कर के कई बार प्यार करने वालों को शर्मसार करने वाली मनमानी सजाएं देते हैं. न कानून, न कानून के पहरेदार, न अदालत और हो जाता है कबिलाई फैसला. इस से सामाजिक और मानसिक दर्द के साथ ही जिल्लत उठानी पड़ती है.
7 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
आम घरों की लड़कियों को इस अंदाज में मिली आज़ादी
सरकार इस बार आजादी के 75 साल का जश्न मना रही है. इन 75 सालों में देश में काफी बदलाव हुआ है, जो काफी हद तक देश को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है. इस में गांवदेहात और शहरों की आम लड़कियों की पढ़ाईलिखाई ने उन्हें आगे बढ़ने के कई मौके दिए हैं, पर अगर गौर से देखा जाए तो आज भी ऐसी लड़कियां अपनी बात कहने में झिझकती हैं. उन्हें अपने छिपे हुनर को दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला है.
3 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
आजादी के बाद आबाद होता गया भोजपुरी सिनेमा
साल 1913 में जब पहली बार दादा साहब फालके ने फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' बनाई थी, तब देश अंगरेजी हुकूमत के अधीन था. उस समय देश की जनता के लिए अंगरेजी हुकूमत के साए में फिल्में देखना आसान नहीं था. चूंकि 'राजा हरिश्चंद्र' एक मूक फिल्म थी, इसलिए दर्शकों को समझाने के लिए दादा साहब फालके ने इस फिल्म के दृश्यों के साथ शब्दों का इस्तेमाल किया था, जो देश की 3 भाषाओं में थे.
7 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
बंदिशों और रूढ़ियों को तोड़ बदली औरतों की जिंदगी
आज से 35-40 साल पहले के गांवों में औरतों के लिए दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे से हो जाती थी. इस की वजह यह थी कि उजाला होने से पहले उन्हें शौच आदि से निबट जाना होता था. उस समय तक गांव के मर्द सो रहे होते थे.
7 min |
August First 2022

Saras Salil - Hindi
सांप्रदायिक नफरत का घिनौना अंजाम
कन्हैयालाल हत्याकांड
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
मैं अब विवादों में कम रहना चाहती हूं - पायल रोहतगी
'मिस इंडिया' प्रतियोगी में हिस्सा ले चुकीं फिल्म कलाकार पायल रोहतगी साल 2008 में आए एक टैलीविजन रिएलिटी शो 'बिग बौस' में भी अपना दम दिखा चुकी हैं. हाल ही में वे टैलीविजन रिएलिटी शो 'लौकअप' में बतौर प्रतियोगी नजर आई थीं. इस शो को हीरोइन कंगना राणावत ने होस्ट किया था.
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
भारतीय जनता पार्टी ने क्यों खेला यह दांव?
आदिवासी महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
बढ़ाने के चक्कर में कहीं कम न हो जाए सैक्स पावर
आदत तो शादी के पहले से ही पड़ गई थी, लेकिन अब यह लत बन चुकी है, इस का एहसास प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के 28 साला राहुल को शादी के बाद हुआ. अपनी नईनवेली पत्नी के साथ जोरदार और पलंगतोड़ हमबिस्तरी करने की ख्वाहिश में उस ने वियाग्रा नाम की दवा की जरूरत से ज्यादा खुराक यानी ओवर डोज ले ली.
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
बनिए नलसाज : कमेरों का शानदार रोजगार
कुछ दिन पहले जब हमारे बाथरूम के वाशबेसिन में कुछ समस्या आई, नलसाज को बुलाया गया. नलसाज मतलब प्लंबर. उस ने आते ही कुछ मिनटों में वाशबेसिन ठीक कर दिया और अपने मेहनताने के तौर पर 100 रुपए ले लिए. सामान का खर्च अलग से था.
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
जूही के मंडवे तल
कहानी - जूही के मंडवे तल
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
फुटपाथ पर सोना शौक नहीं मजबूरी
फुटपाथ पर रहने वालों की जिंदगी पर डायरैक्टर विक्रम भट्ट ने साल 2003 में फिल्म 'फुटपाथ' बनाई थी. इस फिल्म में आफताब शिवदासानी, राहुल देव, बिपाशा बसु और इमरान हाशमी ने काम किया था.
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
कूबड़
कहानी - कूबड़
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
कौन होगा शिव सेना का असली हकदार?
महाराष्ट्र में सत्ता की उथलपुथल के साथ आज एक ही सवाल फिजा में अपनी गूंज के साथ तैर रहा है कि आखिरकार बाला साहब ठाकरे की बनाई गई शिव सेना का असली हकदार कौन बनेगा ? देश का कानून, राजनीतिक पार्टियों का संविधान और निर्वाचन आयोग का ऊंट किस करवट बैठेगा?
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July Second 2022

Saras Salil - Hindi
कंजूसी नियामत या आफत
अपने खर्चों में से कंजूसी कर के कुछ रुपए बचत के तौर पर बचाना परिवार के लिए जरूरी है, चाहे वह मिडिल क्लास परिवार हो या फिर उच्च क्लास, क्योंकि रुपयों की जरूरत भी हर इनसान को रहती है. कोविड के संकट ने साफ कर दिया कि लाखों रुपए का खर्च कब अचानक सिर पर आ जाए, पता नहीं.
1 min |
July Second 2022

Saras Salil - Hindi
सैनिकों की शहादतों का सिलसिला जारी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के लिए शहीद होने वाले कुल जवानों में से तकरीबन 78,000 (एकलौते बेटे) जवान कुंआरे या शादी के तुरंत बाद शहीद हो गए यानी कोई बच्चा होने से पहले ही धरती से विदा हो गए. एक नजरिए से देखा जाए, तो 78,000 परिवार ही खत्म हो गए.
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July First 2022

Saras Salil - Hindi
शस्त्र
"मैं इस लड़की से शादी नहीं करूंगा, क्योंकि इसे एड्स है, " मोहन ने शोभा के घर में सभी के सामने कह दिया.
1 min |
July First 2022

Saras Salil - Hindi
विकास का बजता ढोल और मरते लोग
एक तरफ बिहार सरकार विकास का ढोल पीट रही है, वहीं दूसरी तरफ समस्तीपुर जिले के एक ही परिवार के 5 सदस्यों ने माली तंगी से ऊब कर फांसी लगा ली. मरने वालों में मनोज झा, उन की मां सीता देवी, पत्नी सुंदरमणि देवी, बेटे सत्यम और शिवम शामिल हैं.
1 min |
July First 2022

Saras Salil - Hindi
रंग बदलती भारतीय जनता पार्टी
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी और दिल्ली के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल की इसी तरह की टिप्पणी से नाराज खाड़ी देश कतर, कुवैत, ईरान और सऊदी अरब व पाकिस्तान के साथसाथ दुनियाभर के कई देशों ने आड़े हाथ लेते हुए भारतीय राजदूतों को तलब किया.
1 min |
July First 2022

Saras Salil - Hindi
जब मुझे बंगला छोड़ कर झोंपड़पट्टी में रहना पड़ा - साहिल एम. खान
इंदौर के बाशिंदे साहिल एम. खान की गिनती आज बेहतरीन डांसर व ऐक्टर के रूप में होती है. वे फर्राटेदार इंगलिश भी बोलते हैं, मगर बहुत कम लोगों को पता होगा कि पिता की अचानक मौत के चलते उन की स्कूली पढ़ाईलिखाई तक रुक गई थी. उन के मातापिता ने जातिधर्म के बाहर शादी की थी.
1 min |