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Dainik Bhaskar Tikamgarh - June 15, 2025

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Dainik Bhaskar Tikamgarh
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Dainik Bhaskar Tikamgarh Description:

Dainik Bhaskar is present in 2 states in Hindi language in Madhya Pradesh and in Maharashtra. More than 25 year old flagship Hindi newspaper of Bhaskar Prakashan Group Only Hindi newspaper to have clear leadership in all its major markets with well diversified readership across various states Spread in 2 states with 7 editions and 43 district sub- editions Bhaskar Prakashan Pvt Ltd newspapers has an average daily readership of 1.85 million readers.

In dit nummer

June 15, 2025

फादर्स डे विशेष एक्सपर्ट बोले- पिता से जुड़ाव मुश्किल नहीं; उनकी मौजूदगी में भी प्यार, चीजें उनकी नजर से देखें पिता कम बोलते हैं तो यह भावनात्मक दूरी नहीं... यह न सोचें कि वे फिल्मी किरदारों की तरह संवाद करेंगे; उनकी विशेषज्ञता पर बात करें, सलाह लें... तो वे खुलने लगेंगे

न्यूयॉर्क। अगर पिता आपसे कम बोलते हैं तो इसका अर्थ ये नहीं कि वे आपसे भावनात्मक रूप से दूर हैं। कई बार वे अपना प्यार शब्दों में नहीं, बल्कि मौजूदगी और काम से जताते हैं। थेरेपिस्ट मेलानी प्रेस्टन कहती हैं, 'कुछ पुरुषों को बोलकर नहीं, बल्कि साथ रहकर प्यार जताना सिखाया गया है। पिता भी मानते हैं कि वे अपने बच्चों से उतनी बातचीत नहीं कर पाते, जितनी वे चाहते हैं। वहीं, युवा भी पिता से ज्यादा जुड़ाव की इच्छा रखते हैं। पिता की खामोशी उन्हें परेशान करती है। ऐसे पिताओं से संवाद बढ़ाने के कुछ आसान तरीके हैं। बातचीत आसान बनाने के साथ ये रिश्ता भी मजबूत करते हैं। जानिए एक्सपर्ट से...

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विमान हादसे ऐसे कैसे रुकेंगे ? तीन साल से लगातार वही चूक... फिर भी सुधार नहीं

'गिरते सुरक्षा मानक, भीड़भाड़ वाले हवाई क्षेत्र, अधूरे प्रशिक्षण वाले पायलट और सुरक्षा बफर की लगातार क्षीण होती परतें- यही वे समस्याएं हैं, जो आज कमर्शियल एविएशन इंडस्ट्री को भीतर से खोखला कर रही हैं।' विमान सुरक्षा विशेषज्ञ और ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में एविएशन ह्यूमन फैक्टर्स के पूर्व जांचकर्ता डॉ. शॉन प्रुचनिकी ने यह चेतावनी दी थी। मगर भारत के डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की तीन सालों की रिपोर्ट देखें तो तस्वीर इससे भी ज्यादा भयावह है। 'भास्कर' ने 2021, 2022 और 2023 की 'सर्विलांस फाइंडिंग और सेफ्टी रिपोर्ट्स' की पड़ताल की, तो पता चला कि 20 से ज्यादा एक जैसी गंभीर खामियां तीन साल से लगातार गिनाई जा रहीं, फिर भी कुछ नहीं हुआ।

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