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नजरिया • सॉफ्ट पावर का मिथक भी टूट रहा है जिसकी लाठी उसकी भैंस के सिद्धांत से चल रही है दुनिया
Dainik Bhaskar Tikamgarh
|June 25, 2025
हम सभी ने स्कूल में भूगोल और इतिहास पढ़े हैं। कुछ लोग अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उन्नत डिग्री हासिल करते हैं। इस विषय पर अनुभवी राजनयिक और अनगिनत थिंक टैंक हैं। संयुक्त राष्ट्र, जी और इन जैसी अन्य वैश्विक संस्थाओं का काम ही विश्व-व्यवस्था को बनाए रखना है। लेकिन इनमें से कोई भी आपको अंतरराष्ट्रीय संबंधों की हकीकत के लिए तैयार नहीं करता। वास्तविक दुनिया की कूटनीति पाठ्यपुस्तक के नियमों का पालन नहीं करती। यह विनम्र या निष्पक्ष या सुसंगत भी नहीं है। और इसके बावजूद उसके नियम आज की दुनिया को आकार देते हैं। वैश्विक शक्ति कैसे काम करती है, इसके बारे में कुछ अनकही सच्चाइयां इस प्रकार हैं।
1. जिसकी लाठी उसकी भैंस :
वैश्विक मंच पर ऐसा कोई संविधान या सर्वोच्च न्यायालय नहीं है, जो राष्ट्रों को नियंत्रित करता हो। शक्तिशाली राष्ट्रों को जवाबदेह ठहराने वाला कोई अंतरराष्ट्रीय पुलिस-बल नहीं है। दुनिया ऐसे जंगल की तरह है- जहां सबसे शक्तिशाली वही करते हैं जो वे चाहते हैं, और बाकी को उनकी इच्छाओं का पालन करना होता है। आज अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि कोई दूसरा देश कितना स्वाभिमानी, ऐतिहासिक या दृढ़ निश्चयी है। अमेरिका के समर्थन से इजराइल ने ईरान पर हवाई हमले किए और खुद अमेरिका ने भी उस पर सीधे हमला बोला। ईरान के पास ऐसा कोई वास्तविक मंच नहीं है, जहां वह विरोध दर्ज करा सके। जब तक किसी देश के पास सैन्य, आर्थिक या तकनीकी शक्ति न हो, वह वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका की उम्मीद नहीं कर सकता।
Denne historien er fra June 25, 2025-utgaven av Dainik Bhaskar Tikamgarh.
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अगर लगातार बेचैनी महसूस कर रहे हैं, नींद पूरी नहीं हो रही और दिमाग में विचार दौड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ तनाव नहीं हो सकता। यह एंग्जायटी (चिंता) भी हो सकती है।
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अगर लगातार बेचैनी महसूस कर रहे हैं, नींद पूरी नहीं हो रही और दिमाग में विचार दौड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ तनाव नहीं हो सकता। यह एंग्जायटी (चिंता) भी हो सकती है। तनाव और एंग्जायटी के लक्षण कई बार एक जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों की वजह और असर अलग होते हैं ...।' पुलित्जर विजेता पत्रकार व लेखिका लॉरेन हिंगिस कहती हैं, 'तनाव जीवन की स्थितियों से आता है जबकि चिंता विचारों से। तनाव अस्थायी हो सकता है, लेकिन चिंता नियंत्रण में न आए तो मानसिक सेहत बिगाड़ सकती है। इसलिए लक्षणों को सही तरह से समझना और उसी के अनुसार समाधान चुनना जरूरी है।' यह कैसे होगा, बता रहे हैं एक्सपर्ट...
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