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आंधी, जो किसी को न दिखी
Outlook Hindi
|December 23, 2024
महाविकास अघाड़ी के खिलाफ महायुति की अभूतपूर्व जीत न सिर्फ हारने वालों और चुनावी पंडितों को बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन को भी चौंक गई, नतीजों ने सूबे के सियासी समीकरण को उलट-पुलट दिया
अचंभा !!, आश्चर्यजनक, अभूतपूर्व जैसी तमाम अभिव्यक्तियां या दांतों तले उंगली जैसे तमाम मुहावरे हांफने लगें, तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, अ 2024 के नतीजों को याद कर लीजिए। इन नतीजों ने सिर खुजाने, माथे पर उंगलियां फिराने, चेहरे पर हैरान-परेशान भाव लाने के लिए बड़े-बड़े चुनाव पंडितों को ही मजबूर नहीं कर दिया, जीतने वालों की जुबान भी जवाब देने लगी। नतीजों की शाम मुंबई में पत्रकार-वार्ता में सत्तारूढ़ महायुति के मुख्यमंत्री (अब पूर्व) एकनाथ शिंदे के मुंह से "न भूतो न भविष्यति” ही निकला। उनके साथ बैठे तब के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस बस मुस्कराते रहे, लेकिन दूसरे उप-मुख्यमंत्री अजित पवार कुछ औचक अंदाज में बोल उठे, “कल शाम तक के अनुमानों में, हम तीनों कहीं भी दौड़ में नहीं थे। हमें लगा कि हम पीछे रह जाएंगे। 229 सीटों (तब तक जीत का आंकड़ा) पर कामयाबी अप्रत्याशित थी। हमारा अनुमान महायुति को लगभग 170 सीटें तक मिलने की थी।" जीत इस कदर चौंकाऊ थी कि 23 नवंबर को नतीजों के बाद 3 दिसंबर तक महायुति नेता या मुख्यमंत्री का चुनाव या चयन नहीं कर पाई। अलबत्ता, 26 नवंबर को ही विधानसभा खत्म हो गई, लेकिन कोई संवैधानिक संकट खड़ा नहीं हुआ ! कोई चर्चा तक नहीं! यह भी विरली, अप्रत्याशित घटना ही है। तो, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे जैसे अप्रत्याशितों का पुंज हैं।
इन अप्रत्याशित सूत्रों को कुछ हद तक खोलने के पहले नतीजों पर गौर करें तय था कि महाराष्ट्र में महाभारत होना है, जिसका असर देश की सियासत पर भी होना ही था। लेकिन हवा तो यही थी कि सत्तारूढ़ महायुति पर विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) भारी है। महज छह महीने पहले लोकसभा चुनाव में एमवीए या इंडिया ब्लॉक को महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 31 पर जीत मिली थी और महायुति या एनडीए .86 फीसदी वोटों से पीछे रहकर 17 सीटों पर सिमट गया था। इसलिए विपक्ष को भारी बढ़त की व्यापक संभावनाएं जताई जा रही थीं। अलबत्ता, संसदीय चुनावों के बाद महायुति की एकनाथ शिंदे सरकार की कई कल्याण योजनाओं की बनिस्बत कुछ माहौल बदला बताया जा रहा था। यानी लगभग तय था कि मुकाबला कांटे का होगा। Denne historien er fra December 23, 2024-utgaven av Outlook Hindi.
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