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जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान
DASTAKTIMES
|December 2024
भारतीय गणतंत्र अमर है लेकिन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। न्यायपालिका संविधान की जिम्मेदार संरक्षक है। न्यायपीठ ने प्रशंसनीय फैसले किए हैं। अदालतों में लंबित लाखों मुकदमे 'न्याय में देरी से अन्याय के सिद्धांत' की गिरफ्त में हैं। अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति का स्वातंत्र्य देता है। अनुच्छेद 20 अन्य बातों के अलावा, 'किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को अपने ही विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य करने से रोकता' है।
संविधान भारत का राजधर्म है। भारतीय संविधान सभा की आखिरी बैठक (26 नवंबर, 1949) में डॉक्टर आम्बेडकर के प्रस्ताव पर मतदान हुआ और संविधान पारित हो गया। संविधान ही राष्ट्र का धारक और राज्य व्यवस्था का धर्म बना। भारत में संविधान ही सर्वोत्तम सत्ता है। हम भारत के लोगों को वाक्स्वातंत्र्य और विधि के समक्ष समता सहित सभी मौलिक अधिकार संविधान से मिले। जन-गण-मन स्वाभाविक ही समता, समरसता और संपन्नता के रंगीन सपने देखे। जन-गण-मन का भाग्य विधाता संविधान है। नागरिक संविधान के प्रति श्रद्धालु हैं। संविधान 26 नवम्बर 1949 के दिन बनकर तैयार हुआ। कृतज्ञ राष्ट्र 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाता है। संविधान ही राष्ट्र जीवन का मुख्य धारक होता है। भूमि, जन और संप्रभु शासन से ही राष्ट्र नहीं बनते। इनसे नेशन बनते हैं और नेशन व राष्ट्र में बड़ा अंतर है। राष्ट्र का आधार संस्कृति है। संविधान निर्माता सांस्कृतिक क्षमता से परिचित थे। इसलिए संविधान की हस्तलिखित प्रति में सांस्कृतिक राष्ट्रभाव वाले 23 चित्र हैं। मुख पृष्ठ पर राम और कृष्ण हैं। भाग 1 में सिन्धु सभ्यता की स्मृति वाले मोहनजोदड़ो काल की मोहरों के चित्र और भाग 2 नागरिकता वाले अंश में वैदिक काल के गुरुकुल आश्रम का दिव्य चित्र। भाग तीन मौलिक अधिकार वाले पृष्ठ पर श्रीराम की लंका विजय व भाग चार में राज्य के नीति निदेशक तत्वों वाले पन्नों पर कृष्ण-अर्जुन उपदेश वाले चित्र थे। भाग 5 में महात्मा बुद्ध, भाग 6 में स्वामी महावीर और भाग 7 में सम्राट अशोक। भाग 8 में गुप्त काल, भाग 9 में विक्रमादित्य, भाग 10 में नालंदा विश्वविद्यालय, भाग 11 में उड़ीसा का स्थापत्य, में भाग 12 में नटराज, भाग 13 में भागीरथ द्वारा गंगा अवतरण, भाग 14 में मुगलकालीन स्थापत्य, भाग 15 में शिवाजी और गुरु गोविन्द सिंह, भाग 16 में महारानी लक्ष्मीबाई, भाग 17 व 18 में क्रमशः गांधीजी की दांडी यात्रा व नोआखली दंगों में शांति मार्च, भाग 19 में नेताजी सुभाष, भाग 20 में हिमालय, भाग 21 में रेगिस्तानी क्षेत्र व भाग 23 में लहराते हिन्द महासागर की चित्रावली आनंदित करती है।
Denne historien er fra December 2024-utgaven av DASTAKTIMES.
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