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प्रवासियों के अनुभवों से विकास की उड़ान भरेगा उत्तराखंड
DASTAKTIMES
|November 2024
उत्तराखंड विकसित प्रदेश बनने की अपनी यात्रा में प्रवासी उत्तराखंडियों की सहभागिता सुनिश्चित कर रहा है। इसी क्रम में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की सरकार की पहल ने मूर्त रूप लिया। दून विश्वविद्यालय के सभागार में सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासियों का आह्वान किया कि वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर अवश्य आएं। अपनी विशेषज्ञता के अनुसार क्षेत्र के विकास में योगदान दें।
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लगातार अपने विशेष कार्यों और पहल के दम पर उत्तराखंड को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब उत्तराखंड में पिछले 24 वर्ष में पहली बार प्रवासी सम्मेलन का आयोजन कर एक नई पहल की है। उससे उत्तराखंड के प्रवासी अपने मूल से जुड़ेंगे और प्रदेश के विकास में इनका योगदान मिलेगा। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में होने वाले कार्यक्रमों शृंखला में सीएम की धामी की एक और कोशिश आने वाले वर्षों में रंग लाती दिखेगी, ऐसा जानकार मानते हैं। उत्तराखंड विकसित प्रदेश बनने की अपनी यात्रा में प्रवासी उत्तराखंडियों की सहभागिता सुनिश्चित कर रहा है। इसी क्रम में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की सरकार की पहल ने मूर्त रूप लिया। दून विश्वविद्यालय के सभागार में सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासियों का आह्वान किया कि वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर अवश्य आएं। अपनी विशेषज्ञता के अनुसार क्षेत्र के विकास में योगदान दें। उनके सुझावों के आधार पर विशिष्ट नीतियां बनाकर सरकार उन पर कार्य करेगी। उन्होंने घोषणा की कि राज्य में प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन किया जाएगा।
इस सम्मेलन का उद्देश्य सभी प्रवासियों को उत्तराखंड की मिट्टी से पुनः जोड़ने का एक प्रयास किया गया है। प्रवासियों को प्रदेश की विभिन्न जानकारी उपलब्ध कराने और उनकी समस्याएं दूर करने को डेडीकेटेड वेबसाइट तैयार की जा रही है। आगामी जनवरी माह में विदेश में बसे प्रवासी उत्तराखंडियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रवासियों को मुख्यमंत्री ने यह भी विश्वास दिलाया कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप और जनसांख्यिकीय में परिवर्तन नहीं होने दिया जाएगा। बताते चलें कि सरकार ने प्रदेश हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। लैंड जिहाद के विरुद्ध अभियान चलाकर प्रदेश में 5000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया।
Denne historien er fra November 2024-utgaven av DASTAKTIMES.
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