योगी उपचुनाव से पलटना चाहते हैं हारी हुई बाजी
DASTAKTIMES
|November 2024
2027 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे उपचुनाव को भाजपा ने पूरी ताकत से लड़ने की रणनीति बनाई है। बीजेपी आलाकमान यूपी में लोकसभा चुनाव में सीटें कम आने से जनता में फैले भ्रम को दूर करने के लिए उपचुनाव के जरिये इंडिया गठबंधन को तगड़ी पटखनी देकर भ्रम मिटाना चाहती है। पार्टी नेतृत्व की पूरी कोशिश है कि उपचुनाव में शत-प्रतिशत परिणाम भाजपा के ही पक्ष में आए। इसलिए पार्टी खास रणनीति बना रही है।
हरियाणा लोकसभा चुनाव के करीब आगरा में दिया गया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आत्यिनाथ का बयान 'बंटोगे तो कटोगे' की सियासी धार कम होने का नाम नहीं ले रही है। हरियाणा में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत में योगी के कटोगे...वाले बयान को भी अहम माना जा रहा है। इतना ही नहीं, हरियाणा के बाद झारखंड और महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव और यूपी के उपचुनाव में भी योगी के उक्त बयान की हनक-धमक दिखाई - सुनाई पड़ रही है। मुम्बई में तो पोस्टर लगाकर योगी की फोटो के साथ उनके बयान को हाईलाइट किया जा रहा है। योगी के इस बयान के सहारे एक बार फिर हिन्दुत्व की सियासत को धार देती नजर आ रही है। वहीं समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस सहित तमाम विरोधी नेता बीजेपी और उसकी सरकारों पर अंग्रेजों की तरह समाज को 'बांटो और राज करो' की रणनीति पर चलने का आरोप लगा रहे हैं। यह और बात है कि जातिवाद की राजनीति में बीजेपी के साथ-साथ कोई भी दल पीछे नहीं दिखाई देता है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव पिछड़ा-दलित के नाम पर हिन्दुओं को बांट रहे हैं, वहीं कांग्रेस के लीडर और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जातीय जनगणना के नाम पर हिन्दू समाज में बंटवारे की खाई खोदने में लगे हैं। योगी के उक्त बयान से सपा-कांग्रेस के जातिवादी राजनीति के मंसूबों पर पानी फिरता दिखा तो इन दलों के नेता तिलमिला गये और इन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। उधर, आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद योगी की टीम अब 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव तक 'बंटोगे तो कटोगे' वाले बयान को 'जिंदा' रखने की कोशिश कर रही है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि योगी के 'बंटोगे' वाले बयान को बीजेपी आरएसएस का भी समर्थन मिल रहा है।
Denne historien er fra November 2024-utgaven av DASTAKTIMES.
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