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डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का हब बनता भारत
DASTAKTIMES
|October 2023
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया है कि कैसे विदेशी प्रतिरक्षा कंपनियों के साथ आज भारत संयुक्त अनुसंधान और विकास पर काम करे, भारत को किस तरह डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाय। भारत ने अपने डिफेंस सिस्टम की मजबूती के लिए आवश्यक रक्षा साजोसामान को खरीदना और विदेशी कंपनियों को ठेके देना जारी रखा है लेकिन परिवर्तन यह आया है कि भारत अब विदेशी डिफेंस कंपनी की सारी शर्तों को मानते हुए काम करता हो, ऐसा नहीं है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यकाल में हुए ऐतिहासिक परिवर्तन
एक समय था जब भारत रक्षा उपकरणों के मामले में एक आयातक और क्रेता देश के रूप में ही जाना जाता था लेकिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कुशल विजनरी नेतृत्व में भारत ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
भारत रक्षा क्षेत्र में अब एक निर्यातक और विक्रेता देश बनने की दिशा में तेज गति से अग्रसर है। रक्षामंत्री राजनार्थ सिंह ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया है कि कैसे विदेशी प्रतिरक्षा कंपनियों के साथ आज भारत संयुक्त अनुसंधान और विकास पर काम करे, भारत को किस तरह डिफेंस मैन्युफैक्र्चंरग हब बनाया जाय। भारत ने अपने डिफेंस सिस्टम की मजबूती के लिए आवश्यक रक्षा साजोसामान को खरीदना और विदेशी कंपनियों को ठेके देना जारी रखा है लेकिन परिवर्तन यह आया है कि भारत अब विदेशी डिफेंस कंपनी की सारी शर्तों को मानते हुए काम करता हो, ऐसा नहीं है। भारत ने अपनी स्वायत्तता और संप्रभुता को इस सेक्टर में पूर्ण प्राथमिकता दिया है।
वर्तमान समय में जिस प्रकार से देश की आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष उपस्थित चुनौतियों की प्रकृति में बदलाव आया है, उसके चलते केंद्र सरकार द्वारा भारतीय सेना और समूचे डिफेंस सेक्टर के आधुनिकीकरण और उसके क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है। लगभग आठ साल पहले तक एक आयातक के तौर पर पहचाना जाने वाला भारत, आज ड्रोनियर-228, 155 एमएम एडवांस्ड टोड आर्टिनरी गन्स (एटीएजी), ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम्स, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल्स, आर्मर्ड व्हीकल्स, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, एम्युनिशन, थर्मल इमेजर, बॉडी आर्मर, सिस्टम, लाइन रिप्लेसिएबिल यूनिट्स और एवियॉनिक्स और स्मॉल आम्र्स के भाग और घटकों जैसे बड़े प्लेटफॉम्र्स का निर्यात करता है। दुनिया में एलसीए-तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, एयरक्राफ्ट कैरियर, एमआरओ गतिवधियों की मांग बढ़ रही है। रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले 5-6 वर्षों के दौरान कई नीतिगत पहल भी की हैं और सुधार किए हैं। पूरी तरह से ऑनलाइन निर्यात की व्यवस्था के साथ रक्षा सौदों में विलंब को कम करने और कारोबारी सुगमता के साथ निर्यात प्रक्रियाओं को सरल और उद्योग के अनुकूल बना दिया गया है।
Denne historien er fra October 2023-utgaven av DASTAKTIMES.
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