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ब्राह्मण राजनीति के फ्रंट फुट के खिलाड़ी हैं ब्रजेश पाठक
DASTAKTIMES
|June 2023
जब माफिया विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था। तब माहौल बनाने की कोशिश की गई थी कि योगी आदित्यनाथ ब्राह्मण विरोधी है। उस वक्त भी ब्रजेश पाठक योगी के समर्थन में खुलकर खड़े रहे थे। ब्रजेश पाठक ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी समाजवादी पार्टी पर जमकर प्रहार किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जब-जब भाजपा को ब्राह्मण विरोधी बताया, तो इसके प्रतिरोध में पाठक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश पर पलटवार किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा ने ब्रजेश पाटक को उनकी धारदार आक्रामक शैली के कारण पुरस्कृत करते हुए उप मुख्यमंत्री बनाया था।

भारतीय जनता पार्टी में मोदी युग की शुरुआत के बाद कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। बीजेपी की पिछले करीब एक दशक की राजनीति पर नजर दौड़ाई जाए तो यह कहा जा सकता है कि जहां कभी पार्टी की विचारधारा सर्वोपरि हुआ करती थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की मर्जी के बिना पार्टी में कोई फैसला नहीं लिया जाता था। संघ के कई नेता बीजेपी में आकर संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाते थे। पार्टी के भीतर पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान मिलता था । समय-समय पर उन्हीं में से किसी नेता कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाता था। ऐसी परम्परागत भारतीय जनता पार्टी में आज की तारीख में विचारधारा की बात गौड़ हो गई है। अब चुनाव में प्रत्याशी के चयन का आधार उसकी सोच से नहीं, उसकी चुनाव जिताऊ क्षमता से तय किया जाता है। इसी प्रकार से अन्य दलों की तरह बीजेपी में भी अब किसी नेता के 'कद' का निर्धारण उसकी विचारधारा और काबलियत से अधिक उसकी आक्रामकता से तय किया जाता है। मौजूदा बीजेपी के लिए वही नेता 'काम' का होता है जो सच-झूठ सब बोलने की क्षमता के साथ-साथ मतदाता तक अपनी बात सलीके से पहुंचाने में महारथ रखता हो । इसके साथ-साथ वोट बैंक की सियासत में फिट बैठता हो । पार्टी में अब ऐसा नेता ही आगे बढ़ता है। इसी वजह से पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली से लेकर राज्यों तक की बीजपी इकाई में आयातित नेताओं के साथ-साथ पूर्व नौकशाहों का भी दबदबा बढ़ा है, जबकि बदलती राजनीति में बीजेपी के लिए अपना पूरा जीवन खपा देने वाले कई दिग्गज नेता हाशिये पर चले गए हैं।
Denne historien er fra June 2023-utgaven av DASTAKTIMES.
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