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भारत की प्रोएक्टिव सॉफ्ट डिप्लोमेसी का प्रमाण पेश करता ऑपरेशन दोस्त
DASTAKTIMES
|March 2023
इस प्राकृतिक त्रासदी की घड़ी में भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन दोस्त ने भारत की मानवीयता को विश्व पटल पर रखा और भारत की इस नीति की टर्की तक ने खुलकर प्रशंसा की। इस ऑपरेशन के तहत एनडीआरएफ की कई टीमें तुर्किये और सीरिया में राहत बचाव कार्य के लिए भेजी गईं और साथ ही दोनों देशों को मेडिकल सुविधाएं भी प्रदान की गईं।
6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के कारण 45,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और लाख से ज्यादा लोग बेघर हुए। इस संकट के समय तुर्किए और सीरिया में सबसे पहले मदद पहुंचाने वालों में भारत शामिल था।
भारत ने दोनों देशों में पीड़ितों की मदद के राहत और बचाव अभियान के लिए ऑपरेशन दोस्त चलाया। भारत ने तुर्किए और सीरिया में भारी मात्रा में राहत सामग्री भेजी और मोबाइल अस्पताल भी चलाया। तुर्किए और सीरिया के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में भारतीय सेना के ढाई सौ जवानों को भी तैनात किया गया। तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में फंसे लोगों की मदद के लिए भारत ने हर संभव प्रयास किया।
इस प्राकृतिक त्रासदी की घड़ी में भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन दोस्त ने भारत की मानवीयता को विश्व पटल पर रखा और भारत की इस नीति की टर्की तक ने खुलकर प्रशंसा की। इस ऑपरेशन के तहत एनडीआरएफ की कई टीमें तुर्किये और सीरिया में राहत बचाव कार्य के लिए भेजी गईं और साथ ही दोनों देशों को मेडिकल सुविधाएं भी प्रदान की गईं। भारत ने इस ऑपरेशन के तहत तुर्किये और सीरिया को 841 कार्टन दवाएं, सुरक्षा उपकरण और डायग्नोस्टिक्स भेजे। भारत की तरफ से जो दवाएं भेजी जा रही उसमें पैरासिटामोल 100 एमएल आईवी, सेफ्ट्रिएक्सोन, प्रोपोफॉल, आदि शामिल हैं। वहीं, गाउन, दस्ताने, शू कवर और कैप जैसे सुरक्षा उपकरण भी शामिल हैं। इसके अलावा चिकित्सा सहायता के तहत इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ 6 चैनल, सिरिंज पंप और एक फिजियोलॉजिकल मॉनिटर सिस्टम शामिल हैं। भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत एक फील्ड अस्पताल भी स्थापित किया।
इस्केंडरन, तुर्किये में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल ने मेडिकल, सर्जिकल और इमरजेंसी वार्ड, एक्स-रे लैब और मेडिकल स्टोर चलाने का काम करना शुरू कर दिया है। प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए भारत की टीमों ने 24७ 7 काम किया। चिकित्सा विशेषज्ञों की भारतीय सेना की टीम 247 काम पर लगी रही जिसने घायलों को राहत प्रदान किया। तुर्किये में राहत-बचाव अभियान के थमने की घोषणा होने के बाद एनडीआरएफ की आखिरी टीम वापस लौट आई है।
Denne historien er fra March 2023-utgaven av DASTAKTIMES.
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