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देवभूमि: माफिया पर कसता धामी सरकार का शिकंजा
DASTAKTIMES
|September 2022
किसी भी तरह का गैरकानूनी कार्य करने वाले अपराधियों के गुप्त संगठनों के खिलाफ उत्तराखण्ड की धामी सरकार आक्रामक नजर आ रही है।
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हर तरह के माफिया पर या तो शिकंजा कस लिया गया है या फिर उसका ऐक्शन प्लान कर लिया गया है। नकल माफिया, खनन माफिया, भूमाफिया हों या ड्रग माफिया, सभी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़क रवैये से हलकान हैं। सुनियोजित तरीके से माफिया के नेटवर्क को तोड़कर उसे कमजोर किया जा रहा है। संगठित अपराध करने वाले गिरोह पर नकेल कसने की खुली छूट पुलिस प्रशासन को दी गई है। इस अभियान की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री खुद कर रहे हैं। खासतौर पर बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अन्तर्राज्यीय नकल गैंग की कमर तोड़ कर रख दी गई है। माफिया पर हो रही सख्ती से धामी सरकार के प्रति आमजनमानस का विश्वास बढ़ा है। युवा मुख्यमंत्री की जमकर सराहना हो रही है।
पुष्कर राज में उत्तराखण्ड में तमाम तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पारदर्शी सरकार और सुशासन के साथ हो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जोर भ्रष्टाचार और भयमुक्त महौल बनाने पर भी है। इसके लिए धामी ने नकल माफिया पर नजरें टेढ़ी कर ली हैं जो संगठित गिरोह बनाकर युवाओं के अधिकारों पर डाका डाल रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी के संज्ञान में आया था कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 4 एवं 5 दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई हैं। नकल हैं माफिया ने पेपर लीक कर तमाम लोगों को परीक्षा उत्तीर्ण करवाई थी। बेरोजगार संगठनों से मिली इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को तत्काल मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
उन्होंने कहा कि नकल माफिया को नेस्तनाबूत किया जाए। उनके निर्देश पर बीते 22 जुलाई 2022 को इस मामले में धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। मुख्यमंत्री के मिजाज को भांपते हुए एसटीएफ ने तेजी से कार्रवाई करके अब तक 24 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है।
Denne historien er fra September 2022-utgaven av DASTAKTIMES.
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